कैसे बचाएं अमरुद के वृक्ष को उकटा रोग के प्रकोप से

  • रोग का पहला बाहरी लक्षण पत्तियों का हल्का पीले रंग हो जाना साथ ही साथ शीर्ष शाखाओं की पतियों का घुमावदार हो जाना है।
  • आगे की अवस्था में पत्तियां पीली से लाल जैसे रंग में बदल जाती है और समय पहले झड़ जाती है।
  • कुछ टहनियाँ खाली हो जाती हैं और नई पत्तियों या फूलों को लाने में असफल हो जाती हैं अंत में सूख जाती हैं।
  • बाग में उचित स्वच्छता से बीमारी को जांच के दायरे में रखा जा सकता है। संक्रमित पेड़ों को उखाड़ देना चाहिए, जलाया जाना चाहिए और पेड़ के तने के बीच खाई खोदी जानी चाहिए।
  • एस्परजिलस नाईजर NA-7 से या ट्राइकोडर्मा विरिडी उपचारित देशी खाद 5 किलोग्राम प्रति गढ्ढा पौधा लगाते समय तथा 10 किलोग्राम प्रति गढ्ढा पुराने पौधो में गुड़ाई कर डालें।
  • अमरूद के पौधे के चारों ओर थाले बनाएं और उसमें कार्बन्डाजिम दवा की दो ग्राम मात्रा को एक लीटर पानी में घोलकर उससे थाले में डेचिंग करें।
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