यह रोग खेत में अत्यधिक पानी जमा होने से अधिक होता है।
इस रोग में तनें के आधार पर गहरे भूरे हरे रंग के जल रहित धब्बों का निर्माण हो जाता है।
इसके कारण आखिर में पूरा पौधा सड़ के मर जाता है।
रोग से बचाव के लिए बीजों को कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोजेब 64% @ 3 ग्राम/किलो बीज की दर से उपचारित करना चाहिए।
ट्राईकोडर्मा विरिडी @ 1 किलो + स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 1 किलो का घोल 200 लीटर पानी में मिला कर प्रति एकड़ ड्रेंचिंग करें या
250 ग्राम कासुगामायसिन 5% + कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 45 डब्लू पी या मेटालेक्ज़िल 8% + मैनकोजेब 64% @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से घोल बनाकर 10 दिन के अंतराल पर दो बार ड्रेंचिंग करें।