किसान भाइयों मूंग की फसल में विभिन्न अवस्थाओं में अनेक प्रकार के कीट लगने की संभावना रहती है। यदि इन कीटों की सही पहचान करके उचित समय पर प्रबंधन कर लिया जाए तो उपज का काफी भाग नष्ट होने से बचाया जा सकता है। आज हम इस लेख के माध्यम से मूंग में लगने वाले कीट सफेद मक्खी के क्षति के लक्षण एवं प्रबंधन के बारे में जानेंगे।
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इस कीट के शिशु एवं वयस्क दोनों ही पत्तियों से रस चूसते हैं जिसके कारण पौधों की पत्तियाँ नीचे की तरफ मुड़ जाती है।
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इससे पौधे का विकास रुक जाता है और पत्तियां सूख कर गिर जाती हैं।
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ये पौधों की पत्तियों पर काली फफूँद की परत विकसित करती हैं। जिसके कारण प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
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यह कीट पीत शिरा मोज़ेक विषाणु रोग का वाहक भी है।
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इसके प्रबंधन के लिए डायफेन्थुरान 50% एसपी [पेजर] @ 250 ग्राम या फ्लोनिकामिड 50% डब्ल्यूजी [पनामा] @ 60 मिली या एसिटामिप्रिड 20% एसपी [नोवासेटा] @ 100 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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