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किसान भाइयों, पिछले कुछ वर्षों से भारतीय बाजार में मशरूम की मांग बहुत तेजी से बढ़ी है। जिस हिसाब से बाजार में मांग है उस हिसाब से इसका उत्पादन नहीं है, ऐसे में किसान मशरूम की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
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मशरूम की खेती के लिए एक कमरा ही पर्याप्त रहता है। जिस किसान के पास जगह की कमी है वो इस खेती को अपनाकर अच्छा लाभ कमा सकते है।
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विश्व में मशरूम की लगभग 10000 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से 70 प्रजातियां ही खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती हैं।
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भारतीय वातावरण में मुख्य रूप से पांच प्रकार के खाद्य मशरूमों की व्यवसायिक खेती की जाती है। जिसमे मुख्य रूप से, सफेद बटन मशरूम, ढींगरी मशरूम, दूधिया (मिल्की) मशरूम, पैडी स्ट्रॉ मशरूम, शिटाके मशरूम है।
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ढिंगरी मशरूम जो आयस्टर मशरूम के नाम से लोकप्रिय है। अधिकतर लोग, आयस्टर मशरूम को खाना पसंद करते है l ढिंगरी मशरूम की खेती के लिए उचित समय सितम्बर महीने से 15 नवंबर तक रहता है।
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अपने उच्च पोषण एवं औषधीय गुणों के कारण मशरूम की उपयोगिता भोजन और औषधि दोनों में ही अधिक है।
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