गेहूँ में होगा भारी खरपतवार प्रकोप, ऐसे करें प्रबंधन

खरपतवार गेहूँ की फसल को भारी नुकसान पहुंचाते हैं। वे सीधे मिट्टी और पौधे से पोषक तत्वों और नमी की आवश्यकता को पूरा करते हैं और इस प्रकार वे प्रकाश, नमी व स्थान के लिए फसल के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं, जिससे फसल की पैदावार कम हो जाती है। खरपतवारों की उपस्थिति फसल की उपज को 35 प्रतिशत तक कम कर सकती हैं।

गेहूँ के खेतों में प्रचलित प्रमुख खरपतवार निम्नलिखित हैं।

बथुआ, गज़ारी, कटीली, कृष्णनील, अकारी, सेंगी, चटारी मटियारी, गेहुसा, जंगली जई, प्याज़ी आदि खरपतवार गेहूँ के खेतों में गंभीर समस्या पैदा करते हैं। इनके अतिरिक्त दुब एक प्रमुख बारहमासी खरपतवार है।

गेहूँ में बुवाई के 30-35 दिन बाद निम्न खरपतवारनाशियों का प्रयोग कर खरपतवार प्रबंधन कर सकते हैं।

मिश्रित खरपतवार के लिए क्लोडीनोफाप + मेंटसल्फुरान 160 ग्राम/एकड़ का उपयोग करें।

संकरी पत्ती के खरपतवार के लिए क्लोडीनोफाप 15% 160 ग्राम/एकड़ का उपयोग करें।

चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार के लिए 2,4-D Amine salt 58% SL 400 मिली/एकड़ का उपयोग कर सकते हैं।

ध्यान रखें की फसल में खरपतवार नाशक का उपयोग खरपतवार की 2-4 पत्ती अवस्था तक ही कर सकते हैं।

अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

Share

See all tips >>