गुजरात से लेकर उत्तर प्रदेश तक एक निम्न दबाव की रेखा बनी हुई है जिसके प्रभाव से गुजरात पूर्वी राजस्थान तथा उससे सटे मध्य प्रदेश में बारिश की गतिविधियां फिर शुरू हो सकती हैं। उत्तर प्रदेश में जारी भारी बारिश की गतिविधियों में कमी आएगी। दक्षिण भारत का मानसून कमजोर ही बना रहेगा।
स्रोत: स्काइमेट वेदर
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