मक्का में अधिक नाइट्रोजन के उपयोग से होगा नुकसान

  • मक्का की फसल में नाइट्रोज़न की कमी से पौधों का रंग हल्का हरा और बढ़वार सामान्य से कम हो जाती है। इसके कारन सबसे पहले पौधे की निचली पत्तियां सूखना प्रारंभ कर देती है और धीरे-धीरे ऊपर की पत्तियां भी सूख जाती हैं। पत्तियों का रंग सफेद हो जाता है एवं पत्तियाँ कभी-कभी जल भी जाती हैं।

  • यदि मक्का की फसल में अधिक नाइट्रोज़न का उपयोग किया जाए तो पत्तियों में पीलापन अधिक दिखाई देता है एवं इसकी अधिकता के कारण अन्य पोषक तत्वों की मात्रा भी प्रभावित होती है। इसके अलावा मक्का की फसल में मुख्य तने के पास से एक से अधिक मात्रा में कल्लो का विकास होने लगता है, जिसके कारण मुख्य तना बहुत कमजोर हो जाता है।

  • मक्का की फसल में अतिरिक्त कल्लो के उगने के कारण उपज भी बहुत प्रभावित होती है।

  • यदि इस प्रकार की समस्या किसान को अपने मक्का के खेत में दिखाई दे, तो सबसे पहले अतिरिक्त कल्लो को, पौधे से तोड़कर अलग कर दें। यह क्रिया करते समय इस बात का ध्यान रखें, की मुख्य तने को कोई नुकसान न हो और इसके बाद, तने के विकास के लिए विगरमैक्स जेल @ 400 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें एवं नाइट्रोज़न युक्त उर्वरकों का ज्यादा उपयोग ना करें।

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