मोथा घास को मक्का की फसल में ऐसे करें नियंत्रित

  • मोथा एक बहुवर्षीय पौधा है जो 75 सें.मी. तक ऊँचा हो जाता है। भूमि से ऊपर यह सीधा, तिकोना, बिना शाखा वाला तना होता है। वहीं नीचे जड़ों में इसके 6 से 7 कंद होते हैं। ये कंद गद्देदार सफेद और बाद में रेशेदार भूरे रंग के तथा अंत में पुराने होने पर लकड़ी की तरह सख्त हो जाते हैं। इसकी पत्तियाँ लम्बी और प्रायः तने पर एक दूसरे को ढके हुए रहती हैं।

  • यह एक बहुवर्षीय घास है एवं लगभग सभी फसलों को बहुत ज्यादा प्रभावित करता है परंतु यह मुख्य रूप से मक्का की फसल को कुछ ज्यादा ही प्रभावित करता है|

  • मोथा को नियंत्रित करना बहुत आवश्यक होता है, इसके नियंत्रण के लिए बुवाई के बाद 20-25 दिनों में, हेलोसल्फ्यूरॉन मिथाइल 75% WG @ 36 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • अच्छे एवं लम्बे परिणाम के लिए, खेत में लंबे समय तक नमी का होना बहुत आवश्यक है, इसलिए अगर नमी कम हो रही हो तो हल्की सिंचाई अवश्य करें।

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