सूरन जिसे जिमीकंद भी कहते हैं को दरअसल मकान की बाड़ी या बागीचे बगैरह में ज्यादातर लगाया जाता है। पर अब मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में इसकी खेती करने की शुरुआत की जा रही है। ऐसा कर के अन्य किसानों को भी इसकी खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा।
बता दें की सूरन कम कृषि लागत में अधिक लाभ देने वाली फसल है। इसीलिए इसकी खेती किसानों के लिए लाभ का सौदा साबित हो सकती है। बालाघाट जिले के कटंगी तहसील के तीन गांवों के 20 किसानों द्वारा इसकी खेती की शुरुआत की जा रही है। ये किसान करीब 10 एकड़ क्षेत्र में इसकी खेती करेंगे।
बता दें की सूरन एक नकदी फसल है और इसकी बुआई फरवरी से जून महीने तक होती है। करीब नौ से दस महीने में इसकी फसल तैयार होती है और बाजार में इसका भाव 40-50 रुपये प्रति किलोग्राम से भी अधिक मिलता है। इसकी फसल को ज्यादा सिंचाई नहीं लगती और किसान को बहुत अधिक मेहनत भी नहीं करना पड़ता है।
स्रोत: नई दुनिया
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