इस कीट के वयस्क गहरे भूरे रंग के होते हैं, और इनके आगे के पंख पर सफ़ेद धारियां बनी होती हैं जिसके बीच में काले धब्बे होते हैं। इस कीट के वयस्क समूह में अंडे देते हैं जो एक सफ़ेद परत से ढके रहते हैं और एक समूह में 40 से 200 तक अंडे हो सकते हैं। अंडे से निकली इल्ली प्रारंभिक अवस्था में हरे रंग की होती है जो की पत्तियों को खुरच कर खाती है, और बाद में यह इल्ली गहरे हरे या भूरे रंग की हो जाती है। बड़ी अवस्था की इल्लियां, पत्तियों में गोल छेद बना कर खाती हैं, साथ हीं यह गोभी के फूल में ऊपर से घुसकर नुकसान पहुंचाती हैं।
नियंत्रण: इसके नियंत्रण के लिए इल्लियों का प्रकोप दिखाई देते ही, इमानोवा (इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी) @ 100 ग्राम प्रति एकड़ या कोस्को (क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.50% एससी) @ 20 मिली प्रति एकड़ के दर से छिड़काव करें।
Shareकृषि क्षेत्र एवं किसानों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। आज की जानकारी पसंद आई हो तो इसे शेयर करना ना भूलें।