आलू में सिंचाई प्रबंधन एवं क्रांतिक अवस्थाओं को समझें

Know irrigation management and critical stages in potato crop
  • आलू की फसल में एक बार में थोड़ा पानी कम अंतराल पर देना उपज के लिए अधिक लाभदायक है। 

  • रोपनी के 10 दिन बाद परन्तु 20 दिन के अंदर ही प्रथम सिंचाई अवश्य करनी चाहिए। ऐसा करने से अकुरण शीघ्र होगा तथा प्रति पौधा कंद की संख्या बढ़ जाती है जिसके कारण उपज में दोगुनी वृद्धि हो जाती है। 

  • प्रथम सिंचाई समय पर करने से खेत में डाले गए खाद का उपयोग फसलों द्वारा प्रारंभ से ही आवश्यकतानुसार होने लगता है। 

  • दो सिंचाई के बीज का समय खेत की मिट्टी की दशा एवं अनुभव के आधार पर घटाया बढ़ाया जा सकता है। फिर भी दो सिंचाई के बीच 20 दिन से ज्यादा का अंतर न रखें।

  • खुदाई के 10 दिन पूर्व सिंचाई बंद कर दें। ऐसा करने से, खुदाई के समय कंद स्वच्छ निकलेंगे। ध्यान रखें, प्रत्येक सिंचाई में आधी नाली तक ही पानी दें l 

  • वृद्धि के कुछ चरणों (क्रांतिक अवस्थाएँ) में जल प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है-

1) अंकुरण अवस्था

2) कंद स्थापित अवस्था

3) कंद बढ़वार अवस्था

4) अंतिम फसल अवस्था

5) खुदाई के पूर्व 

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वेस्टर्न डिस्टरवेंस की वजह से कई राज्यों में बारिश की संभावना

know the weather forecast,

वेस्टर्न डिस्टरवेंस की वजह से उत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश की संभावना बन रही है। इसके साथ साथ देश के अन्य क्षेत्रों में कैसा रहेगा मौसम देखें वीडियो के माध्यम से

स्रोत: मौसम तक

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प्याज भाव में तेजी या मंदी, देखें 1 नवंबर को इंदौर मंडी में क्या रहा भाव?

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 1 नवंबर के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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पांचदिवसीय दिवाली उत्सव के सभी पांच पर्वों के शुभ मुहूर्त व पूजन विधि

Auspicious time and worship method of all the five festivals of the five-day Diwali festival

वीडियो के माध्यम से जानें पांचदिवसीय दिवाली उत्सव के सभी पांच पर्वों के शुभ मुहूर्त व पूजन विधि की संपूर्ण जानकारी।

स्रोत: यूट्यूब

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धनतेरस पर्व में यम के दीपक का होता है ख़ास महत्व, पढ़ें दीपक जलाने की पूरी विधि

Yama's lamp has special significance in Dhanteras festival

धनतेरस पूजा में यम के दीपक का होता है ख़ास महत्व। आज के इस वीडियो में जानें यह का दीपक जलाने की विधि और इसे जलाने से आपको क्या लाभ होता है।

स्रोत: यूट्यूब

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शुभ मुहूर्त पर करें धनतेरस पूजा, जानें पूजन की विधि

Do Dhanteras Pooja on auspicious muhurt

धनतेरस पूजा की शुभ मुहूर्त व पूजन विधि की संपूर्ण जानकारी आप वीडियो के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।

स्रोत: यूट्यूब

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क्यों, कब और कैसे खेत में माइकोराइजा डालने से होगा लाभ?

how to add mycorrhiza in the field
  • माइकोराइजा पौधे की जड़ की वृद्धि और विकास में सहायक है।

  • यह फॉस्फेट को मिट्टी से फसलों तक पहुंचाने में मदद करता हैं।

  • साथ ही नाइट्रोजन, पोटैशियम, लोहा, मैंगनीज, मैग्नीशियम, तांबा, जस्ता, बोरान, सल्फर और मोलिब्डेनम जैसे पोषक तत्वों को मिट्टी से जड़ों तक पहुंचाने का कार्य करता है जिससे पौधों को अधिक मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त हो पाते हैं।

  • यह पौधों को मजबूती प्रदान करता हैं जिससे यह कई रोग, पानी की कमी आदि के लिए कुछ हद तक सहिष्णु हो जाते हैं।

  • फसल की प्रतिरक्षा शक्ति में वृद्धि करता है परिणाम स्वरूप उत्पाद की गुणवत्ता में वृद्धि होती है।

  • माइकोराइजा जड़ क्षेत्र को बढ़ाता हैं इसलिए फसल अधिक स्थान से जल ग्रहण कर पाती है।

  • मिट्टी उपचार: 50 किलो अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद/कम्पोस्ट/वर्मी कम्पोस्ट/खेत की मिट्टी में @ 2 किलो माइकोराइजा को मिला कर फिर यह मात्रा प्रति एकड़ की दर से फसल बुवाई/रोपाई से पहले मिट्टी में मिला दें।

  • बुआई के 25-30 दिन बाद खड़ी फसल में उपरोक्त मिश्रण का भुरकाव करें।

  • ड्रिप सिंचाई द्वारा: माइकोराइजा को ड्रिप सिंचाई के रूप में बुआई के 25-30 दिन बाद खड़ी फसल में 100 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।

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धान की फसल में ब्राउन प्लांट हॉपर यानी भूरा माहू का नियंत्रण

Control of brown plant hopper in paddy crop
  • इस कीट का निम्फ और व्यस्क जो की भूरे से सफेद रंग का होता है पौधे के तने के आधार के पास रहता हैं तथा वहां से पौधे को नुकसान पहुँचाता है।

  • इसके अंडे व वयस्क द्वारा पत्तियों के मुख्य शिरा के पास दिए जाते हैं।

  • अंडो का आकार अर्ध चंद्राकार होता है एवं निम्फ का रंग सफ़ेद से हल्का भूरा रहता है।

  • भूरे माहू द्वारा किया गया नुकसान पौधे में पीलेपन के रूप में दिखाई देता है।

  • ये पौधे का रस चूसते हैं और इसके कारण फसल घेरे में सूख जाती है जिसे हॉपर बर्न कहते हैं।

  • इसके नियंत्रण के लिए थियामेंथोक्साम 75% SG @ 60 ग्राम/एकड़ या बुप्रोफिज़िन 15% + एसीफेट 35 % WP@ 500 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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नए पश्चिमी विक्षोभ से देश के कई राज्यों में बारिश की संभावना, देखें मौसम पूर्वानुमान

Weather Update,

एक नया पश्चिमी विक्षोभ बन रहा है जिसकी वजह से देश के कई क्षेत्रों में बारिश की संभावना है। उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश की संभावना बन रही है। मध्य भारत में मौसम के शुष्क रहने की संभावना है।

स्रोत: मौसम तक

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