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गन्धी बग कीट धान की फसल में फूल निकलने पर, दाने बनते समय और बाद में लगने वाला एक प्रमुख कीट है। इस कीट की 3 अवस्थाएं होती हैं।
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गन्धी बग कीट के वयस्क और निम्फ दोनों फसल को नुकसान पहुंचाते हैं।
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इसका अधिक प्रकोप होने पर उपज 50% तक कम हो जाती है। साथ ही फसल का भूसा एक अप्रिय स्वाद देता है जो मवेशियों के लिए अनाकर्षक होता है।
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कीट का आक्रमण होने पर खेत से दुर्गन्ध आती है। इसलिए इस कीट को गन्धी बग के नाम से जाना जाता है। दाने की दूधिया अवस्था में कीट के निम्फ एवं प्रौढ़ दाने का रस चूसकर फसल को नुकसान पहुंचाते है। कुछ दाने खाली तो कुछ आधे भरे नजर आते हैं। छिलने के कारण दानों की भूसी पर भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते हैं, साथ ही दाने भुरभुरे हो जाते हैं और पुष्पगुच्छ खड़े हो जाते हैं। अधिक प्रकोप की स्थिति में बाली दाना रहित दिखाई देती है।
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इसके प्रबंधन के लिए खेत और मेढ़ों को खरपतवार और घास से मुक्त रखें।फसल की दुग्ध अवस्था में सख्त सतर्कता (निगरानी) आवश्यक है। कीट की कम संख्या होने पर उन्हें हाथ से पकड़ कर बाहर निकला जा सकता है।
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देर से परिपक्व होने वाली किस्मों का उपयोग करें।
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रासायनिक नियंत्रण के लिए क्युँनालफॉस 25% EC 400 मिली + नीम तेल 10000 ppm @ 300 मिली प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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