धान को नुकसान पहुंचाने वाले गन्धी बग कीट का ऐसे करें नियंत्रण

Gundhi bug pest that damages the paddy crop
  • गन्धी बग कीट धान की फसल में फूल निकलने पर, दाने बनते समय और बाद में लगने वाला एक प्रमुख कीट है। इस कीट की 3 अवस्थाएं होती हैं।

  • गन्धी बग कीट के वयस्क और निम्फ दोनों फसल को नुकसान पहुंचाते हैं।

  • इसका अधिक प्रकोप होने पर उपज 50% तक कम हो जाती है। साथ ही फसल का भूसा एक अप्रिय स्वाद देता है जो मवेशियों के लिए अनाकर्षक होता है।

  • कीट का आक्रमण होने पर खेत से दुर्गन्ध आती है। इसलिए इस कीट को गन्धी बग के नाम से जाना जाता है। दाने की दूधिया अवस्था में कीट के निम्फ एवं प्रौढ़ दाने का रस चूसकर फसल को नुकसान पहुंचाते है। कुछ दाने खाली तो कुछ आधे भरे नजर आते हैं। छिलने के कारण दानों की भूसी पर भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते हैं, साथ ही दाने भुरभुरे हो जाते हैं और पुष्पगुच्छ खड़े हो जाते हैं। अधिक प्रकोप की स्थिति में बाली दाना रहित दिखाई देती है।

  • इसके प्रबंधन के लिए खेत और मेढ़ों को खरपतवार और घास से मुक्त रखें।फसल की दुग्ध अवस्था में सख्त सतर्कता (निगरानी) आवश्यक है। कीट की कम संख्या होने पर उन्हें हाथ से पकड़ कर बाहर निकला जा सकता है।

  • देर से परिपक्व होने वाली किस्मों का उपयोग करें।

  • रासायनिक नियंत्रण के लिए क्युँनालफॉस 25% EC 400 मिली + नीम तेल 10000 ppm @ 300 मिली प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।

अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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अब हलकी सर्दियों की होगी शुरुआत, इन क्षेत्रों में बारिश की संभावना

Weather Update,

उत्तर दिशा से चलने वाली ठंडी हवा है अब उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में सुबह और रात के तापमान गिर आएगी हल्की सर्दी शुरू हो जाएगी। बिहार और पूर्वोत्तर भारत में अभी बारिश जारी रहेगी। तमिलनाडु और दक्षिणी कर्नाटक में एक बार फिर तेज बारिश की आशंका।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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ग्रामोफ़ोन एप से खेत जोड़ कर किसानों ने कम खर्च में कमाया प्रॉफिट ज्यादा

Farmers earn more profit by connecting farms with the Gramophone app

ग्रामोफोन एप सही मायनों में किसानों का किसानों के सच्चा साथी है और किसानों ने भी ग्रामोफ़ोन के माध्यम से कृषि में तकनीक के महत्व समझ लिया है। ग्रामोफ़ोन एप की मदद से किसानों के कृषि खर्च में कमी आई है और मुनाफे में वृद्धि हुई है। इस एप में कई ऐसी खासियतें हैं जो किसानों को कृषि से जुड़े हर प्रकार के समाधान उपलब्ध करवाते हैं। इन सुविधाओं में शामिल एक मुख्य सुविधा है एप से खेत जोड़ने की जिसकी मदद से हजारों किसान अपना कृषि खर्च कम कर उपज में वृद्धि करने के साथ साथ मुनाफे में भी इजाफा कर रहे हैं। इन्हीं किसानों में शामिल हैं मदन दसोरे और युवराज चौधरी जिन्होंने अपनी खेती को ग्रामोफ़ोन एप के इस फीचर के माध्यम से नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया।

ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के बाद खंडवा के सोयाबीन की खेती करने वाले किसान मदन दसोरे ने अपना खेत एप से जोड़ दिया जिससे उनकी खेती को नई उड़ान मिली। जहाँ पहले उन्हें 18 एकड़ के खेत में सोयाबीन की खेती से बेहद कम मुनाफा होता था वहीं अब यह मुनाफा 200% तक बढ़ गया है।

बता दें की ग्रामोफ़ोन एप से कोई भी किसान अपना खेत जोड़ सकता है। ऐसा करने के लिए सबसे पहले आपको एप के ‘मेरे खेत’ विकल्प कर जाना होगा और फिर वहां ‘खेत जोड़ें’ बटन पर क्लिक करना होगा। ऐसा करने के बाद आपको अपने खेत और फसल से जुड़ी कुछ जानकारियां जैसे खेत का नाम, फसल का नाम, बुआई की तिथि और खेत के क्षेत्र संबंधी जानकारी भरनी होगी।

बस इतना भर कर देने से आपका खेत एप से जुड़ जाएगा और पूरे फसल चक्र में आपको कब कौन सा कृषि कार्य करना है इसकी सूचना समय से पहले ही मिलती रहेगी। इसके साथ ही कौन से कृषि उत्पाद का उपयोग आप अपनी फसल में कर सकते हैं इसकी सूचनाएं भी आपको मिलेंगी।

बहुत सारे किसानों ने ग्रामोफ़ोन एप के इस फीचर का इस्तेमाल किया और समृद्धि की इबारत लिख डाली, कई किसानों को ऐसा करने से उपज में 40% तक की वृद्धि देखने को मिली और कृषि खर्च भी कम हुआ। इससे मुनाफे में अच्छा ख़ासा इजाफा बहुत सारे किसानों को हो रहा है। अब आपकी बारी है, इस खरीफ सीजन की अपनी सभी फसलों के खेत ग्रामोफ़ोन एप से जोड़ें और समृद्धि से नाता जोड़ें।

देखें ग्रामोफ़ोन एप से खेत जोड़ने की प्रक्रिया:

अपने खेत ग्रामोफ़ोन एप से जोड़ने के लिए क्लिक करें 

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70% की सब्सिडी पर खेतों में करें तारों का घेराव, आवारा पशुओं से पाएं सुरक्षा

Put wire in the fields at a subsidy of 70%

आवारा पशुओं के कारण फसलों को काफी नुकसान झेलना पड़ता है। ख़ास कर के सब्जी, फूल, फल, मसाले, अनाज व औषधीय फसलों को इसके कारण लगभग 40% तक की हानि होती है। इस बर्बादी का एक मात्र कारण है खेतों का सुरक्षित ना होना और इसी समस्या को दूर करने के लिए सरकार कई प्रकार की योजनाएं बना रही है।

उद्यानिकी विभाग की तरफ से खेतों की चेन फेंसिंग या फिर तार फेंसिंग कराने के लिए 50 से 70% तक की सब्सिडी देने की योजना बनाई गई है। इस योजना के अंतर्गत सबसे पहले लगभग 20 ब्लॉक में इसका कार्यान्वन होगा। इन ब्लॉक्स में अगर योजना के अच्छे परिणाम दिखते हैं तो पूरे राज्य में इस योजना के लिए स्वीकृति दे दी जायेगी।

स्रोत: कृषि जागरण

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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19 अक्टूबर को लहसुन भाव में दिखी कितनी तेजी, देखें नीमच मंडी का हाल

Mandsaur garlic Mandi bhaw,

वीडियो के माध्यम से देखें, मध्य प्रदेश के नीमच मंडी में आज क्या रहे लहसुन के भाव ?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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19 अक्टूबर को सोयाबीन भाव में दिखी तेजी, देखें मंदसौर मंडी का हाल

Mandsaur Mandi Soybean Rate,

वीडियो के माध्यम से देखें आज मंदसौर मंडी में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के मंडी भाव?

स्रोत: यूट्यूब

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ककड़ी की फसल को माहू के प्रकोप से होगा नुकसान

Infestation of aphid in Cucumber
  • इस कीट के शिशु व वयस्क रूप कोमल नाशपाती के आकार के काले रंग के होते हैं।

  • इसके शिशु एवं वयस्क समूह के रूप में पत्तियों की निचली सतह पर चिपके रहते हैं, जो पत्तियों का रस चूसते हैं।

  • इसके कारण पौधे के ग्रसित भाग पीले होकर सिकुड़ कर मुड़ जाते हैं।

  • अत्यधिक आक्रमण की अवस्था में पत्तियां सूख जाती हैं व धीरे-धीरे पूरा पौधा सूख जाता है। इससे फलों का आकार एवं गुणवत्ता कम हो जाती है।

  • माहू के द्वारा पत्तियों की सतह पर मधुरस का स्राव किया जाता है जिससे फंगस का विकास हो जाता है, जिसके कारण पौधे की प्रकाश संश्लेषण की क्रिया प्रभावित होती है, और अंततः पौधे की वृद्धि रुक जाती है।

  • इसके नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8%SL@ 100 मिली/एकड़ या एसीफेट 75% SP@ 300 ग्राम/एकड़ या एसिटामिप्राइड 20% SP @ 100 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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निम्न दबाव का क्षेत्र की वजह से कई क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना

Weather Update

निम्न दबाव का क्षेत्र अब पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार की तरफ आगे बढ़ेगा जिसके प्रभाव से उत्तर प्रदेश, बिहार तथा पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश जारी रहेगी। अगले चौबीस घंटों के दौरान उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश सहित उत्तर प्रदेश में भी मूसलाधार बारिश हो सकती है। केरल में तबाही की बारिश में कमी आएगी परंतु 20 अक्टूबर से एक बार फिर केरल और तमिलनाडु में बारिश बढ़ सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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इंदौर मंडी में 18 अक्टूबर को प्याज भाव में दिखी कितनी तेजी?

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 18 अक्टूबर के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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18 अक्टूबर को नए सोयाबीन के भाव में दिखी कितनी तेजी, देखें मंदसौर मंडी का हाल

Mandsaur Mandi Soybean Rate,

वीडियो के माध्यम से देखें आज मंदसौर मंडी में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के मंडी भाव?

स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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