देश पर मंडरा रहे बड़े जल संकट को बेहतर जल प्रबंधन से कर सकते हैं दूर

Better water management can overcome big water crisis hovering over the country

हमारा देश आने वाले सालों में भीषण जल संकट का सामना कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है की भारत में लोग पानी का महत्व नहीं समझ रहे हैं और इसकी खूब बर्बादी कर रहे हैं। ऐसे में पानी की इसी बर्बादी के कारण आने वाले समय में देश के लगभग 60 करोड़ लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है।

वर्तमान की बात करें तो लगभग दो लाख लोगों की एक बड़ी आबादी को स्वच्छ पानी नहीं मिल पा रहा है जिसके कारण वे या तो अपनी जान गंवा रहे हैं या फिर गंभीर रोगों से ग्रसित हो रहे हैं।

क्या है इसका समाधान
ऐसा नहीं है की भारत में जल की कोई बड़ी समस्या है, पर भारत में जल प्रबंधन पर जोड़ नहीं दिया जाता है जिस कारण हर साल देश के कई राज्यों में बारिश के पानी को बह जाने दिया जाता है। यही कारण है की देश में कुछ जगहों पर बाढ़ तो कुछ जगहों पर सूखा देखने को मिलता है। सच तो यही है की भारत में जल का बेहतर प्रबंधन कर के ही आने वाली जल संकट की समस्या को रोका जा सकता है

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लौकी की फसल को फल छेदक से कैसे बचाएं?

How to avoid fruit borer in Bottle Gourd
  • एक ही खेत में लगातार एक जैसी फसल न लेते हुये फसल चक्र अपनाएं।
  • वयस्क मक्खी फूलों में अंडे देती है। अंडे मैगट में जाते हैं, जो फलों के अंदर खिलते हैं और सड़ने का कारण बनते हैं।
  • कीट के प्रभावी रोकथाम के लिए कीटनाशक के छिड़काव के पूर्व छेद किये गये फलों की तुड़ाई कर लें।
  • संक्रमित फलों का आकार बिगड़ जाता है और काटने पर दुर्गंध आती है।
  • कीटों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए बचाव के तौर पर फेरोमोन ट्रैप @ 4 जाल/एकड़ लगाए।
  • कीट रोकथाम के लिए इमामेक्टीन बेंजोएट 5% SG @100 ग्राम + बिवेरिया बेसियाना 250 ग्राम प्रति एकड़ की दर से स्प्रे करें। या
  • क्लोरोपाईरिफोस 20% EC 300 मिली प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी के साथ छिडकाव करें। या
  • बाइफेंथ्रीन 10% EC @ 400 मिली/एकड़ की दर से स्प्रे करें।

 

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कोरोना की आशंकाओं के बीच भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने फसल कटाई पर दी उपयोगी सलाह

Amidst fears of Corona, Indian Council of Agricultural Research gave useful advice on harvesting

कोरोना की आशंकाओं के बीच भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने किसानों को फसल कटाई पर कुछ उपयोगी सलाह दिए हैं। परिषद ने कहा है कि किसान गेंहू की कटाई अभी कुछ दिनों के लिए टाल सकते हैं। परिषद का मानना है की गेहूं की कटाई में 20 अप्रैल तक देरी की जा सकती है और इससे कोई नुकसान नहीं होगा।

इसके पीछे का कारण बताते हुए परिषद ने कहा की ज्यादातर क्षेत्रों में तापमान अभी भी औसत से नीचे है और इसीलिए कटाई में कुछ देरी की जा सकती है। ग़ौरतलब है की आमतौर पर, गेहूं की कटाई मार्च महीने के अंत से शुरू होती है।

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मौसम में हो रहे बदलाव के दौरान बरतें कृषि संबंधित सावधानियां

Take precautions related to agriculture during the weather changes
  • खेत में जल निकास का प्रबंधन करें ताकि खेत में पानी ज्यादा देर तक न रुक सके।
  • फसल कटाई के दौरान उसे खुले खेत में न रखकर किसी छपरे, कमरे, गोदाम अथवा जहाँ बारिश का पानी न आये, ऐसी जगह पर रखें।
  • आसमान के साफ़ होने पर चना मसूर गेहूं को तिरपाल या प्लास्टिक की चादरों पर खोलकर 2 से 3 दिन तक अच्छी तरह सुखा लें। दानों में नमी की मात्रा 12% से कम हो जाए तभी इसका भंडारण करें।
  • बीज भंडारण के पहले फफूंदनाशक दवा से बीज उपचार करना जरूरी होता है जिससे बीज जनित रोग का सस्ता एवं कारगर नियंत्रण हो सकता है।
  • बीज उपचार हेतु थाइरम या केप्टान दवा 3 ग्राम अथवा कार्बोक्सिन 2 ग्राम प्रति किलो की दर से उपचारित करना चाहिए।
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अप्रैल के पहले हफ्ते में किसानों को मिलेगी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की पहली किस्त

कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए देश भर में चल रहे लॉकडाउन के बीच किसान भाइयों के लिए एक खुशख़बरी आई है। यह खुशख़बरी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत आई है। इस योजना के अंतर्गत आने वाले किसानों को इसकी पहली किस्त दिए जाने की तारीख घोषित कर दी गई है।

ख़बरों के अनुसार आगामी एक अप्रैल से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत पहली किस्त के भुगतान की शुरुआत कर दी जायेगी। ग़ौरतलब है की इस योजना के अंतर्गत सरकार किसानों को पूरे वर्ष के दौरान तीन समान किस्तों में 6000 रुपये देती है। भारत सरकार की तरफ से किसानों को आर्थिक मदद देने हेतु यह महत्वाकांक्षी योजना पिछले वर्ष आरम्भ की गई थी।

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मूंग की उन्नत किस्मों की जानकारी

Information of improved varieties of Moong bean

शक्तिवर्धक विराट: मूंग की यह किस्म 70-80 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। इसका पौधा सीधा, सख्त, कम बढ़ने वाला होता है और इसकी फली में 10-12 दाने होते हैं। यह उन्नत किस्म ग्रीष्म व खरीफ दोनों मौसम में बिजाई के लिए उपयुक्त होती है।

मूंग अवस्थी सम्राट: यह उन्नत किस्म ग्रीष्म व खरीफ दोनों मौसम में बिजाई के लिए उपयुक्त होती है। मूंग की यह किस्म 70-80 दिनों में अच्छी उपज देती है।

ईगल मूंग: यह किस्म पीडीएम-139 नाम से भी जानी जाती है जो 55-60 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। इसकी उपज 12-15 क़्वींटल प्रति हैक्टर होती है। यह किस्म पीले मौजेक वायरस के प्रति मध्यम प्रतिरोधक क्षमता रखती है। यह उन्नत किस्म ग्रीष्म मौसम में बिजाई के लिए उपयुक्त होती है।

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कोरोना वायरस के मद्देनजर क्या है देश में खाद्य भंडारण की स्थिति?

What is the situation of food storage in the country
  • कोरोना वायरस से बचने के लिए 21 दिनों तक घोषित देश में तालाबंदी (लॉक डाउन) के इस कठिन समय में भारतीय खाद्य निगम के चेयरमैन ने बताया कि देश में इस वक्त सरकारी गोदामों में गेहूं, दाल, तेल और चीनी का भरपूर भंडार है।
  • देश के पास पर्याप्त खाद्य भंडार, मौजूदा स्टॉक से ज़रूरतमंदों को 18 महीने तक आपूर्ति की जा सकती है।
  • इस साल देश में रिकॉर्ड 291.10 लाख टन खाद्यान्न के उत्पादन का अनुमान लगाया गया है जो मेहनती किसानों के कारण संभव हो सका।
  • इस विपदा के समय में ग्रामोफ़ोन परिवार सभी किसानों का आभार व्यक्त करता है।
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मौसम बदलाव के कारण हो सकते है कीट आक्रमण

Pest attacks may occur in the change of weather
  • मौसम बदलाव को देखते हुए कई तरह के कीट फसलों पर हमले कर सकते हैं क्योंकि नमीयुक्त वातावरण इनके लिए उपयुक्त होता है।
  • ग्रीष्मकालीन कद्दूवर्गीय सब्जियों में लाल भृंग कीट के आक्रमण की संभावना रहती है। इस कीट की संख्या अधिक हो तो साइपरमैथ्रिन 4% ईसी + प्रोफेनोफॉस 40% ईसी 400 मिली या बाइफेंथ्रीन 10% ईसी 200 मिली या डाइक्लोरोवोस 76 ईसी 300 मिली/एकड़ का छिड़काव करें।
  • भिंडी में रस सूचक कीट जैसे सफेद मक्खी, एफिड, जैसिड आदि के नियंत्रण के लिए थायोमेथोक्सोम 25 डब्लू जी 5 ग्राम प्रति 15 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें।
  • प्याज में थ्रिप्स (तेला) के प्रकोप की अधिक संभावना बनी हुई रहती है अतः प्रोफेनोफोस 50 ई.सी. @ 45 मिली या लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 4.9% सी.एस. @ 20 मिली या स्पिनोसेड @ 10 मिली या फिप्रोनिल 5 एस.सी. प्रति 15 लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।
  • रासायनिक दवा के साथ इस मौसम में 0.5 मिली चिपको प्रति 15 लीटर पानी में मिलाकर प्रयोग करें ताकि दवा पौधों द्वारा अवशोषित हो जाये।
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मध्य प्रदेश में बारिश और ओलावृष्टि से फसल को हुए नुकसान पर सीएम ने दिया मदद का भरोसा

Crops in damaged in MP due to rain and hailstorm, CM ensured for help

 

पिछले 24 घंटे में मध्य प्रदेश के करीब 20 जिले में बारिश के साथ भारी ओलावृष्टि हुई जिससे किसानों द्वारा लगाई गई फ़सलों को भारी नुकसान हुआ है। इस ओलावृष्टि की वजह से खेतों में सफ़ेद चादर बिछ गई। फ़सलों के नष्ट होने की वजह से लाखों किसान नुकसान झेलने को मजबूर हुए हैं।

एक तरफ पहले ही कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए चल रहे देशव्यापी लॉक डाउन से किसानों को परेशानी हो रही थी वहीं दूसरी तरफ अब इस ओलावृष्टि से किसानों को और ज्यादा परेशानी होती नजर आ रही है।

बहरहाल इस परेशानी के समय में किसान भाइयों को मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से मदद की उम्मीद है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस ओलावृष्टि को देखते हुए किसान भाइयों की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है। सीएम शिवराज ने इस बाबत ट्वीट करते हुए किसानों को फ़िक्र ना करने को कहा है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्वीट में लिखा की “मेरे किसान भाइयों, प्रदेश के विभिन्न स्थानों में भारी बारिश के साथ ओले गिरने का समाचार मिला है। मैं स्थिति की लगातार मॉनिटरिंग कर रहा हूँ। आप चिंता मत कीजिए, फसल के नुकसान को लेकर परेशान मत होइये। मैं संकट की हर घड़ी में आपके साथ खड़ा हूँ, इससे भी बाहर निकालकर ले जाऊंगा।”

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