- बुआई के लिए स्वस्थ बीज का चयन करें।
- बुआई के पूर्व बीजों का उपचार अनुशासित फफूंदनाशक से करना चाहिए।
- एक ही प्लॉट में बार-बार नर्सरी नहीं बनाना चाहिए।
- नर्सरी की ऊपरी मिट्टी को कार्बेन्डाजिम 5 ग्राम/वर्ग मी. से उपचारित करना चाहिए तथा इसी रसायन का 2 ग्राम/लीटर पानी का घोल बनाकर नर्सरी में प्रत्येक 15 दिन में ड्रेंचिंग करना चाहिए।
- मृदा सौर्यीकरण करना चाहिए जिसके अंतर्गत गर्मियों में फसल बुआई के पहले नर्सरी बेड को 250 गेज के पोलीथीन शीट से 30 दिन के लिए ढक दिया जाता है।
- आद्रगलन रोग के नियंत्रण के लिए जैव नियंत्रण एजेंट ट्राइकोडर्मा विरिडी 500 ग्राम/एकड़ के अनुसार देना चाहिए।
गिलकी एवं तुरई की फसल के लिए खेत की तैयारी के समय पोषक तत्व प्रबंधन:
- खेत की तैयारी के समय 8-10 टन प्रति एकड़ की दर से गोबर की खाद का प्रयोग करें।
- 30 किलोग्राम यूरिया 70 किलोग्राम सिंगल सुपर फास्फेट एवं 35 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ़ पोटाश को अंतिम जुताई के समय डालें।
- अन्य बचे हुये 30 किलोग्राम यूरिया की आधी मात्रा को 8-10 पत्ती वाली अवस्था में तथा आधी मात्रा को फूल आने के समय डालें।
मिश्रित खेती के अंतर्गत लगायी जाने वाली फसलें
क्र. | मुख्य फसल | अंतरसस्य फसले | |
1. | सोयाबीन | मक्का, अरहर |
|
2. | भिड़ी | धनियाँ, पालक | |
3. | कपास | मूँगफली, उड़द, हरी मूंग, मक्का | |
4. | मिर्ची | मूली, गाजर | |
5. | आम | हल्दी, प्याज |
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प्याज की फसल में कंद फटने की समस्या की रोकथाम कैसे करें?
- एक समान सिंचाई और उर्वरकों की मात्रा उपयोग करने से कंदों को फटने से रोका जा सकता है।
- धीमी वृद्धि करने वाले प्याज की किस्मों का उपयोग करने से इस विकार को कम कर सकते हैं।
- इसकी रोकथाम के लिए एक किलो 00:00: 50 प्रति एकड़ की दर से स्प्रे करें।
प्याज की फसल में कंद फटने की समस्या के कारणों की करें पहचान
- प्याज़ के खेत में अनियमित सिंचाई के कारण इस विकार में वृद्धि होती है।
- खेत में ज्यादा सिंचाई, के बाद में पुरी तरह से सूखने देने एवं अधिक सिंचाई दोबारा करने के कारण कंद फटने लगते हैं।
- कंद के फटने के कारण कंदों में मकड़ी (राईज़ोफ़ाइगस प्रजाति) चिपक जाती है।
- प्रथम लक्षण कंद के फटने के बाद आधार पर दिखाई देते हैं।
- प्रभावित कंद फटे उभार के रूप में आधार वाले भाग में दिखाई देते हैं।
किसान भाई ऐसे करें पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए आवेदन
- इसके आवेदन के लिए एक पेज का आसान फॉर्म बनाया गया है, जिसमे बेसिक जानकारियों के लिए बैंक रिकॉर्ड और साथ ही फसल की बुआई संबंधित जानकारी के साथ भूमि संबंधित विवरण के एक प्रति की आवश्यकता होगी।
- यह आवेदन फॉर्म पूरे भारत के सभी प्रमुख अखबारों में प्रकाशित होगा और पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत आने वाले लाभार्थी इसे काट कर भर सकते हैं।
- आप चाहें तो सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की वेबसाइट, कृषि विभाग, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग की वेबसाइट और PM- KISAN से भी यह आवेदन फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं।
- कॉमन सर्विस सेंटरों को आवेदन फॉर्म भरने और संबंधित बैंक को भेजने की अनुमति दी गई है।
पीएम-किसान पेआउट के साथ अब मिलेगा अतिरिक्त लाभ, 14 करोड़ किसानों को होगा फायदा
- किसानों को हर वर्ष मिलेंगे 6000 रुपये।
- पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए पात्र किसान ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ भी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
- किसानों को 4% ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का ऋण मिलेगा।
- इसके अंतर्गत आने वाले पात्र किसान, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) का भी लाभ उठा सकते हैं।
- ये दोनों योजनाएं दो लाख रुपए के बीमाकृत मूल्य के लिए दुर्घटना बीमा एवं जीवन बीमा क्रमशः 12 रूपये और 330 रूपये के प्रीमियम पर प्रदान करती है।
सिंचाई के अच्छे प्रबंधन से तरबूज की पैदावार में सुधार कैसे करें
- तरबूज अधिक पानी चाहने वाली फसल है लेकिन पानी का भराव इस फसल के लिए हानिकारक होता है|
- तरबूज की खेती खासकर गर्म मौसम में होती हैं इसलिए इसमें सिंचाई का अंतराल बहुत महत्तवपूर्ण होता हैं|
- तरबूज में 3-5 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करना चाहिए|
- फूल आने के पहले, फूल आने के समय एवं फल की वृद्धि के समय पानी की कमी से उत्पादन में बहुत कमी आ जाती है|
- फल पकने के समय सिंचाई रोक देना चाहिए ऐसा करने से फल की गुणवत्ता बढ़ती है और साथ ही फल फटने की समस्या भी नहीं आती है|
तरबूज की महत्वपूर्ण किस्मे
क्र. | किस्म का नाम | फल का आकार | फल का भार
(किलोग्राम ) |
फसल अवधि
(दिन ) |
फल का रंग |
1. | सागर किंग | अंडाकार | 3-5 | 60 – 70 | फल का रंग काला तथा गुदा लाल रंग का दिखाई देता है |
2. | सागर किंग प्लस | अंडाकार | 3-5 | 60 – 70 | फल का रंग काला तथा गुदा लाल रंग का दिखाई देता है |
3. | काजल | अंडाकार | 3- 3.5 | 60 – 70 | फल का रंग काला तथा गुदा गुलाबी रंग का दिखाई देता है |
4. | 2208 | अंडाकार | 2-4 | 70 – 80 | फल का रंग काला तथा गुदा लाल रंग का दिखाई देता है |
तरबूज की खेती के लिए खेत की तैयारी
- तरबूज की खेती सभी प्रकार की मृदा मे की जा सकती है लेकिन हल्की, रेतीली एवं उर्वर दोमट मृदा उत्तम होती है|
- मृदा में कार्बनिक पदार्थों की उपस्थिति महत्वपूर्ण होती है इसकी पूर्ति के लिए हरी खाद, कम्पोस्ट, केंचुआ की खाद इत्यादि को जुताई के समय मिला देना चाहिये |
- खेत की अच्छी तैयारी के लिए पहले गहरी जुताई करे फिर हैरो चलाये जिससे जमीन भुरभुरी हो जाए|
- हल्का ढाल दक्षिण दिशा की और रखना हैं|
- खेत में से घास फुस साफ़ करें|