Suitable climate and soil for watermelon

तरबुज के लिए उपयुक्त जलवायु एवं मिट्टी:-

  • गर्म एवं शुष्क जलवायु इसकी खेती के लिए उत्तम होती है।
  • बीज के जमाव व पौधों की बढ़वार के लिए 22-26 डिग्री सेल्सियस तापक्रम अच्छा होता है। यह ग्रीष्म ॠतु की फसल है, इसलिए पाला सहन नही कर सकती |
  • हवा में अधिक नमी होने पर फल देरी से पकते हैं।
  • फल पकते समय मौसम शुष्क तथा पछुआ हवा बहने से फलों में मिठास बढ़ जाती है। उचित जल निकास और जीवांश युक्त बलुई मिट्टी या दोमट मिट्टी इसके लिए सर्वोत्तम पायी गयी है।
  • इसकी फसल के लिए सर्वोत्तम मृदा पी एच मान 5-7 होता है। उचित जल निकास ना होने पर कई प्रकार की बीमारियों का प्रकोप होने लगता है| नदी के किनारे भूमि में इसकी खेती सफलता पूर्वक की जा सकती है।

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Control Of Jassid in Okra

भिन्डी में जेसिड (फुदका) का नियंत्रण:-

पहचान:-

  • शिशु एवं वयस्क दोनों समान आकार के होते है, किन्तु शिशु में पंखों का निर्माण नही होता है।
  • खेत के अन्दर फसल में प्रवेश करने पर शिशु एवं वयस्क दोनों उड़ते हुये दिखाई देते है।  
  • वयस्क पत्तियों एवं शाखाओं की निचली सतह पर अण्डे देते है।  
  • इनका जीवन चक्र 2 सप्ताह में पूरा होता है।

हानि:-

  • शिशु एवं वयस्क कीट दोनों हरे रंग के एवं छोटे आकार के होते है।
  • शिशु एवं वयस्क, पत्तियों की निचली सतह से रस चूसते हैं ।
  • ग्रसित पत्तियां ऊपर की तरफ मुड़ जाती है जो बाद में पीली हो जाती है एवं उन पर जले हुये धब्बे बन जाते है। इनके द्वारा माइकोप्लाज्मा रोग जैसे लघु पर्ण एवं विषाणु रोग जैसे चितकबरापन स्थानांतरित होता है।  
  • इस कीट के अत्यधिक प्रभाव देखे जाने पर पौधे में फल लगना कम हो जाता है।

नियंत्रण:-

  • बुआई के समय कार्बोफुरोन 3 जी @ 10 किलो प्रति एकड़ जमीन में मिलाये|
  • जेसिड की रोकथाम हेतु जेसिड दिखाई देने पर हर 15 दिन में प्रोफेनोफॉस 50 % ईसी @ 400 मिली या एसीटामाप्रीड 20% @ 80 ग्राम का स्प्रे करें |
  • जैसिड से बचाव के लिए नीम- लहसुन का सत जैसिड आने से पहले हर 15 दिन में करें|

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