Root rot control in Garlic

नियंत्रण :-संक्रमित पोधों को देख कर जल्दी से हटा दे | रोपण के लिए रोग मुक्त कलियों का उपयोग करे |   लहसुन कलियों को गर्म पानी से उपचारित करने से संक्रमण 50% तक कम किया जा सकता है | रोपण के समय कलियों को मेन्कोजेब 2 ग्राम / ली. के घोल से उपचारित करे | खड़ी फसल मे 45 ग्राम प्रति पम्प कार्बेन्डाजिम 12% + मेन्कोजेब 60% का स्प्रे व ड्रेनचिंग करे |

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Time of fertilization in Onion

प्याज में खाद देने का समय:-
1. खेत की तैयारी के समय
2. रोपा लगते समय
3. रोपा लगाने के 20-30 दिन बाद
4. रोपा लगाने के 30-45 दिन बाद
5. रोपा लगाने के 45-60 दिन बाद
6. यदि किसी कारण से खाद की पुरी मात्रा नहीं दी गयी है तो कुछ जल्दी घुलने वाले उर्वरक 75 दिन की अवस्था में दिए जा सकते है |

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Manures and fertilizers in Peas

सामान्यतः 20 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद बुवाई के लगभग 1.5 माह पूर्व खेत में मिला देना चाहिये | 25 किग्रा नाइट्रोजन 70 किग्रा फास्फोरस 50 किग्रा पोटाश प्रति हेक्टेयर उपयोग करना चाहिये| उर्वरको का मिश्रण बना के बुवाई के समय ही बीज की कतार से 5 सेमी. बगल से तथा 5 सेमी. बीज की सतह के नीचे कूंड में देना चाहिए|

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Weed control in Carrot

गाजर में खरपतवार नियंत्रण के लिये 2 से 3 निराई- गुड़ाई करनी चाहिए उसी समय थिनिंग करके पौधों की दूरी 4 से 5 सेंटीमीटर कर देना चाहिए| जब जड़ों की बढ़वार शुरू हो जाये तब मेंड़ों पर हल्की मिट्टी चढ़ा देनी चाहिएI खरपतवार नियंत्रण हेतु बुवाई के तुरंत बाद खेत में पेंडामेथलीन की 3.5 लीटर मात्रा प्रति हेक्टेयर के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए| छिड़काव करते समय खेत में नमी अवश्य होनी चाहिएI

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Management of Irrigation in Garlic

लहसुन में सिंचाई का प्रबंधन:-

  • रोपण के उपरान्त पहली सिंचाई कर देनी चाहिये|
  • अंकुरण के तीन दिन बाद फिर से सिंचाई करनी चाहिये |
  • इसके बाद 10-15 दिन मे सिंचाई करनी चाहिये |
  • गर्मी मे 5-7 दिन मे सिंचाई करनी चाहिये |
  • जब कंद परिपक्व हो जाये तब सिंचाई कम कर देना चाहिये |
  • कुल मिलाकर 15 सिंचाईयो की आवश्यकता पड़ती है |
  • फसल के पकने के दोरान भुमि मे नमी कम नहीं होना चाहिये अंत: कंद के विकास मे विपरीत प्रभाव पड़ता है |

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Management of Stem fly in Pea

कीट प्रकोप से बचने के लिए के लिए मध्य अक्टूबर से पहले फसल की बुवाई करे । प्रकोप के प्रारंभिक दौर के दौरान सभी प्रभावित शाखाओं को निकालें और नष्ट करें। अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में कीट की क्षति से बचने के लिए फसल की बुआई। बुवाई के समय 7.5 किलोग्राम फोरेट 10 जी या 25 किलो कार्बोफुरन 3 जी प्रति हेक्टेयर दे। फसल पर, ऑक्सीडमेटन मेथाइल 25 ईसी 750 मिलीलीटर प्रति 750 लीटर पानी प्रति हेक्टेयर में का स्प्रे तीन बार करें। पहला छिड़काव अंकुरण के बाद और दूसरे दो दो सप्ताह के अंतराल पर होना चाहिए।

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

What to do for more yield in Gram?

फूलों के समय 2% यूरिया का पत्ती पर छिडकाव और उसके बाद 10 दिनों में फिर से, बीज प्रीमिंग (4-5 घंटों के लिए बीज का भिगोना) और 10 सेमी गहराई पर बुवाई करने से वर्षा आधरित स्थिति में उत्पादकता बढ़ाने में लाभकारी पाया गया है।

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Suitable Climate for Wheat

गेहू के लिए उपयुक्त जलवायु:-

  • गेहूँ मुख्यतः एक ठण्डी एवं शुष्क जलवायु की फसल है अतः फसल :बोने के समय 20 से 22 डि. से. , बढ़वार के समय इष्टतम ताप 25 डि. से. तथा पकने के समय 14 से 15 डि. से. तापक्रम उत्तम रहता है।
  • तापमान अधिक होने पर फसल जल्दी पक जाती है और उपज घट जाती है। पाले से फसल को बहुत नुकसान होता है। बाली लगने के समय पाला पड़ने पर बीज अंकुरण शक्ति खो देते है और उसका विकास रूक जाता है ।
  • छोटे दिनो में पत्तियां और कल्लो की वृद्धि अधिक होती है जबकि दिन बड़े होने के साथ-साथ बाली निकलना आरम्भ होता है। इसकी खेती के लिए 60-100 से. मी. वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्र उपयुक्त रहते है।
  • पौधों की वृद्धि के लिए वातावरण में 50-60 प्रतिशत आर्द्रता उपयुक्त पाई गई है। ठण्डा शीतकाल तथा गर्म ग्रीष्मकाल गेंहूँ की बेहतर फसल के लिए उपयुक्त माना जाता है ।

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Weed Management of Gram (chickpea)

खरपतवार प्रबंधन सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य पाया गया है| सबसे असरदार अंकुरण पूर्व खरपतवारनाशियों में से पेंडामेथलीन सबसे असरदार साबित हुआ है| अंकुरण के बाद क्यूजेलोफ़ोप ईथाइल अच्छा खरपतवार नियंत्रण करते है|

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Seed treatment of wheat

गेंहू का बीज उपचार:-

  • गेंहू को बुआई से पहले फफुद जनित बिमारियों जैसे जड़ सडन, कंडवा रोग, ध्वज कंडवारोग एवं अन्य से बचने के लिए कार्बोक्सिन 37.5% + थायरम 37.5% या कार्बेन्डाजिम 12% + मेनकोझेब 63% 2.5 ग्राम प्रति किलो बीज या टेबुकोनाज़ोल DS 1 ग्राम प्रति किलो बीज से उपचारित करना चाहिए |
  • दीमक से बचाव के लिए क्लोरोपायरीफास 4 मिली प्रति किलो बीज से उपचारित करना चाहिए |

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share