धान की सीधी या ज़ीरो टिल से बुआई का महत्व

  • धान की सीधी बुआई उचित नमी पर यथासंभव खेत की कम जुताई करके अथवा बिना जोते हुए खेतों में आवश्यकतानुसार नॉनसेलेक्टिव खरपतवारनाशी का प्रयोग कर जीरो टिल मशीन से की जाती है।
  • धान की बुआई मानसून आने के पूर्व (15-20 जून) अवश्य कर लेना चाहिए, ताकि बाद में अधिक नमी या जल जमाव से पौधे प्रभावित न हो। इसके लिए सर्वप्रथम खेत में हल्का पानी देकर उचित नमी आने पर आवश्यकतानुसार हल्की जुताई या बिना जोते जीरो टिल मशीन से बुआई करनी चाहिए। 
  • धान की नर्सरी उगाने में होने वाला खर्च बच जाता है। इस विधि में जीरो टिल मशीन द्वारा 10-15 किग्रा. बीज प्रति⁄एकड़ बुआई के लिए पर्याप्त होता है।
  • इस तरह से धान की बुआई  करने के पूर्व खरपतवारनाशी का उपयोग कर लेना चाहिए
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