गर्मियों में बिजली की किल्लत से किसानों को सिंचाई करने में बहुत दिक्कत होती है। राज्य के किसानों को इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने एक योजना लागू की है। इसके तहत अब खेत में सिंचाई के लिए बिजली की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। सौर ऊर्जा की मदद से पंप को चलाया जाएगा।
इसके लिए प्रदेश में 1250 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की जाएगी। ऊर्जा संयंत्रों की मदद से 7996 कृषि फीडरों को सौर ऊर्जा से उर्जीकृत किया जा सकेगा। सरकार के अनुसार इस योजना द्वारा लाखों किसानों के खेतों में सिंचाई हो पाएगी और करीब एक हजार करोड़ रूपए भी बचेंगे। वहीं इस सौर ऊर्जा की मदद से किसानों को दिन में बिजली भी उपलब्ध हो पाएगी।
दरअसल सरकार प्रदेश किसानों को सस्ती बिजली देने के लिए हर साल 14 हजार 800 करोड़ रूपए खर्च करती आ रही है। ऐसे में सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा से पंप चलाने की योजना लाभप्रद साबित होगी। बहरहाल वर्तमान में सौर ऊर्जा औसतन 3 रुपये 20 पैसे प्रति यूनिट पड़ रही है। वहीं ताप विद्युत में यह दर लगभग 5 रुपये 34 पैसे प्रति यूनिट है। ऐसे में सौर ऊर्जा से किसानों और सरकार दोनों की मुश्किलें खत्म होगीं।
स्रोत: पत्रिका
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