- बोरॉन पौधों में कार्बोहाइड्रेट के निर्माण में सहायक होता है।
- दलहनी फ़सलों में यह जड़ों में ग्रन्थियों के निर्माण में सहायक होता है।
- फूलों में परागण निर्माण में भी बोरॉन सहायक होता है।
- प्रोटीन संश्लेषण में भी यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- इसकी कमी से पौधे बौने रह जाते हैं एवं फ़सलों का विकास बहुत धीरे होता है।
- इसकी कमी से तने में इन्टरनोड अर्थात दो गांठों के बीच की लम्बाई कम रह जाती है, जड़ों का विकास रुक जाता है एवं जड़ तथा तना खोखले रह जाते हैं।