- इस रोग का मुख्य लक्षण प्याज़ की जड़ों का गुलाबी हो जाना होता है।
- जैसे – जैसे इस रोग का प्रकोप बढ़ता है वैसे वैसे इसके प्रभाव से जड़ें काली होकर सूख जाती हैं।
- इसके कारण कंद का विकास बहुत अधिक प्रभावित होता है।
इसके निवारण के लिए निम्र उत्पादों का उपयोग करें
- कीटाजिन 48% EC@ 400 मिली/एकड़ या थायोफिनेट मिथाइल 70% W/W@ 300 ग्राम/एकड़ छिड़काव के रूप में उपयोग करें।
- जैविक उपचार के रूप में ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम/एकड़ मिट्टी उपचार के रूप में उपयोग करें एवं स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस@ 250 ग्राम/एकड़ छिड़काव के रूप में उपयोग करें।