आलू के रोपण की तीन प्रमुख विधियों की जानकारी

Information about three main methods of planting potatoes

भारत में आम तौर पर किसान आलू की रोपाई तीन तरीके से करते हैं। आज के इस लेख में आइये जानतें हैं इन्हीं तीन तरीकों की जानकारी।

  • मेड़ों पर आलू की रोपाई: इस विधि में खेत की तैयारी के बाद थोड़ी-थोड़ी दूरी पर मेढ़े बनाई जाती हैं। कुदाल की सहायता से 45-60 सेमी आलू की रोपाई मेढ़ों पर खुरपी की सहायता से की जाती है।

  • समतल विधि: इस विधि में आलू की रोपाई समतल सतह पर उथली खाँचों में की जाती है। अंकुरण के बाद जब पौधे 10-12 सेमी ऊंचाई के हो जाते हैं तो मेड़ें बनाई जाती हैं। यह विधि हल्की मिट्टी के लिए उपयुक्त मानी जाती है। बाद में, मेड़ों को मोटा करने के लिए दो से तीन अर्थिंग यानी मिट्टी चढाने की प्रक्रिया की जाती है।

  • मेड़ों के बाद समतल सतह पर आलू बोना: इस विधि में खेत तैयार किया जाता है और फिर समतल सतह पर उथले खांचे खोले जाते हैं। इसमें आलू कूड़ों में बोये जाते हैं तथा कंद लगाने के तुरंत बाद छोटी-छोटी मेढ़े बना देते हैं। बाद में इन मेढ़ों को किनारे की मिट्टी पर और मिट्टी डालकर मोटा बना दिया जाता है।

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आलू के किसान बीज चयन करते समय जरूर रखें इन बातों का ध्यान

Potato farmers must keep these things in mind while selecting seeds
  • आलू की खेती के लिए किसान अधिक उपज देने वाली, कीटों से मुक्त, स्वस्थ एवं शुद्ध बीजों का हीं चयन करें। अच्छी पैदावार के लिए प्रमाणित बीज का उपयोग बेहद जरूरी है।

  • हर 3-4 साल में बीज भंडार को बदलने की भी सलाह दी जाती है क्योंकि ऐसा ना करने से किस्में ख़राब हो जाती हैं और परिणाम स्वरूप पैदावार कम मिलती है।

  • रोपण के लिए स्वस्थ, मध्यम या छोटे आकार के अंकुरित कंदों का चयन करना चाहिए।

  • आदर्श रोपण के लिए कंद का आकार लगभग 2.5 सेमी व्यास और 25-40 ग्राम वज़न होना चीहिए।

  • बड़े आकार के कंदों को काटा जा सकता है। प्रत्येक टुकड़े में 2-3 आँखों के आकार के लंबे टुकड़े होने चाहिए।

  • पिछले वर्ष की फसल का बीज होना चाहिए, बीज दर लगभग 1.5 से 2.5 टन प्रति हेक्टेयर।

  • मुख्य फसल के लिए कटे हुए कंद लगाए जा सकते हैं। कंदों को काटते समय सावधानी बरतनी चाहिए।

  • प्रत्येक टुकड़े में दो से तीन आंखें और वजन कम से कम 25 ग्राम होनी चाहिए। यदि कोई रोगग्रस्त कंद दिखाई दे, तो उससे हटा देना चाहिए।

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उत्तर भारत में सर्दी बढ़ने की उम्मीद है, 24 और 25 अक्टूबर को बर्फबारी का पूर्वानुमान है

know the weather forecast,

अरब सागर में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनेगा जो डिप्रेशन बनाकर भारत के तट से दूर होता जाएगा। यह ओमान और यमन की तरफ बढ़ सकता है। अंडमान सागर में एक चक्रवाती हवा का क्षेत्र बना हुआ है, यह सशक्त होकर निम्न दबाव बनाएगा। निम्न दबाव उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए डिप्रेशन बन सकता है। इसके तूफान बनने की संभावना भी नजर आ रही है। यह उड़ीसा के तट की तरफ बढ़ेगा। दक्षिणी गुजरात, महाराष्ट्र तथा दक्षिणी प्रायद्वीप में बारिश की गतिविधियां जारी रहेगी। पहाड़ों पर 24 और 25 अक्टूबर को बर्फबारी होने की संभावना है। स्नोफॉल होने के बाद उत्तर भारत में सर्दी बढ़ जाएगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी

wheat mandi bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूँ के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर आगर गेहूँ 1996 2400
आलीराजपुर आलीराजपुर स्थानीय 2500 2500
आलीराजपुर आलीराजपुर गेहूँ 2720 2740
बड़वानी अंजड़ गेहूँ 2510 2610
अनुपुर अनुपपुर गेहूँ 2100 2100
अनुपुर अनुपपुर गेहूं का मिश्रण 2650 2650
छतरपुर बड़ामलहेड़ा मिल गुणवत्ता 2700 2750
शिवपुरी बदरवास गेहूँ 2690 2725
रीवा बैकुंठपुर मिल गुणवत्ता 2650 2700
होशंगाबाद बानापुरा गेहूँ 3400 3400
मुरैना बनमोरकलां गेहूँ 2650 2650
रायसेन बेगमगंज गेहूँ 2600 2705
शाहडोल ब्यौहारी गेहूँ 2600 2600
बेतुल बेतुल मिल गुणवत्ता 2365 2436
भिंड भिंड मिल गुणवत्ता 2715 2750
भिंड भिंड गेहूँ 2762 2762
भोपाल भोपाल गेहूँ 2700 3040
राजगढ़ ब्यावरा गेहूँ 2750 2875
मंडला बिछिया मिल गुणवत्ता 2500 2500
मंडला बिछिया गेहूँ 2600 2600
छतरपुर बिजावर मिल गुणवत्ता 2490 2675
गुना बीनागंज गेहूँ 2660 2770
बुरहानपुर बुरहानपुर गेहूँ 2400 2400
रीवा चाकघाट मिल गुणवत्ता 2300 2700
रीवा चाकघाट गेहूँ 2600 2640
राजगढ़ छापीहेड़ा गेहूँ 2375 2490
ग्वालियर डाबरा गेहूँ 2600 2841
दमोह दमोह मिल गुणवत्ता 2630 2640
दतिया दतिया मिल गुणवत्ता 2705 2754
दतिया दतिया अन्य 2741 2761
देवास देवास गेहूँ 2402 2498
धार धार लोकवन 2600 2650
धार धार मिल गुणवत्ता 2120 2125
डिंडोरी डिंडोरी स्थानीय 2600 2625
नरसिंहपुर गाडरवाड़ा गेहूँ 2800 2800
मन्दसौर गरोठ गेहूँ 2700 2700
इंदौर गौतमपुरा गेहूँ 2379 2781
भिंड गोहाद मिल गुणवत्ता 2745 2900
डिंडोरी गोरखपुर मिल गुणवत्ता 2500 2500
देवास हाटपिपलिया गेहूँ 2200 2300
छतरपुर हरपालपुर गेहूँ 2705 2730
सीहोर इछावर (F&V) लोकवन 2803 3100
सीहोर इछावर (F&V) मिल गुणवत्ता 2771 2790
सीहोर इछावर (F&V) अन्य 2700 2766
सीहोर इछावर (F&V) शरबती 3300 3300
इंदौर इंदौर मिल गुणवत्ता 1637 3301
इंदौर इंदौर गेहूँ 2500 3037
जबलपुर जबलपुर मिल गुणवत्ता 2705 2887
जबलपुर जबलपुर गेहूँ 2400 2902
रतलाम जावरा गेहूँ 2550 3381
दमोह जवेरा मिल गुणवत्ता 2700 2700
राजगढ़ जीरापुर मिल गुणवत्ता 2770 2780
राजगढ़ जीरापुर गेहूँ 2665 2800
आलीराजपुर जोबट मिल गुणवत्ता 2575 2600
आलीराजपुर जोबट गेहूँ 2600 2750
मुरैना कैलारस गेहूँ 2737 2770
शिवपुरी करेरा मिल गुणवत्ता 2450 2511
कटनी कटनी मिल गुणवत्ता 2155 2835
कटनी कटनी गेहूँ 2650 2874
खंडवा खंडवा मिल गुणवत्ता 2751 3149
खंडवा खंडवा गेहूँ 2750 2775
टीकमगढ़ खरगापुर मिल गुणवत्ता 2635 2660
खरगोन खरगोन गेहूँ 2600 2950
देवास खातेगांव गेहूँ 2722 2847
हरदा खिरकिया मिल गुणवत्ता 2810 2810
शिवपुरी कोलारस गेहूँ 2620 2620
धार कुक्षी गेहूँ 2500 2700
गुना कुंभराज मिल गुणवत्ता 2550 2550
भिंड लहार मिल गुणवत्ता 2745 2745
भिंड लहार गेहूं का मिश्रण 2744 2744
ग्वालियर लश्कर गेहूँ 2760 2780
देवास लोहारदा गेहूँ 2492 2505
राजगढ़ माचलपुर गेहूँ 2620 2620
गुना मकसूदनगढ़ गेहूँ 2722 2733
मंडला मंडला स्थानीय 2510 2705
मन्दसौर मन्दसौर गेहूँ 2101 2101
सतना मेहर स्थानीय 2501 2750
सतना मेहर गेहूँ 2500 2540
भिंड मेहगांव मिल गुणवत्ता 2700 2705
इंदौर महू गेहूँ 1340 2841
बालाघाट मोहगांव स्थानीय 2305 2305
बालाघाट मोहगांव गेहूँ 2275 2275
मुरैना मुरैना गेहूँ 2760 2760
भिंड मऊ मिल गुणवत्ता 2670 2680
शाजापुर नलकेहड़ा मिल गुणवत्ता 2590 2620
नरसिंहपुर नरसिंहपुर मिल गुणवत्ता 2701 2750
सीहोर नसरुल्लागंज गेहूँ 2810 2900
छतरपुर नौगांव गेहूँ 2650 2680
नीमच नीमच स्थानीय 2650 2650
टीकमगढ़ निवाड़ी मिल गुणवत्ता 2751 2807
जबलपुर पाटन मिल गुणवत्ता 2285 2950
राजगढ़ पचौर गेहूँ 2760 2790
पन्ना पन्ना मिल गुणवत्ता 2550 2600
दमोह पथरिया गेहूँ 2650 2680
झाबुआ पेटलावद गेहूँ 2550 2600
झाबुआ पेटलावद गेहूं का मिश्रण 2350 2350
शिवपुरी पिछौर गेहूँ 2678 2710
टीकमगढ़ पृथ्वीपुर मिल गुणवत्ता 2706 2706
छतरपुर राजनगर गेहूं का मिश्रण 2500 2600
रीवा रीवा मिल गुणवत्ता 2660 2660
मुरैना सबलगढ़ मिल गुणवत्ता 2680 2745
सागर सागर गेहूँ 2510 2510
खरगोन सनावद गेहूँ 2740 2835
इंदौर सांवेर मालवा शक्ति 2800 2800
सतना सतना लोकवन 2512 2512
सतना सतना मिल गुणवत्ता 2720 2720
सतना सतना गेहूँ 2000 2710
जबलपुर सीहोरा मिल गुणवत्ता 2730 2920
सिवनी सिवनी स्थानीय 2201 2406
दतिया सेवड़ा मिल गुणवत्ता 2789 2809
सागर शाहगढ़ गेहूँ 2600 2600
शाहडोल शाहडोल मिल गुणवत्ता 2500 2500
जबलपुर शाहपुरा(जबलपुर) गेहूँ 2550 2550
मन्दसौर शामगढ़ गेहूँ 2600 2600
श्योपुर श्योपुरबडोद गेहूँ 2650 2731
सीधी सीधी मिल गुणवत्ता 2380 2410
रायसेन सिलवानी मिल गुणवत्ता 2715 2750
पन्ना सिमरिया गेहूँ 2480 2505
टीकमगढ़ टीकमगढ़ मिल गुणवत्ता 2715 2724
टीकमगढ़ टीकमगढ़ गेहूँ 2650 2871
टीकमगढ़ टीकमगढ़ गेहूं का मिश्रण 2752 2752
टीकमगढ़ टीकमगढ़ (F&V) 147 औसत 2650 2871
उमरिया उमरिया स्थानीय 2720 2720
उमरिया उमरिया मिल गुणवत्ता 2500 2600
उमरिया उमरिया गेहूँ 2425 2750
उमरिया उमरिया गेहूँ-जैविक 2600 2600

स्रोत: एगमार्कनेट

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स्वयं बनाएं जीरो एनर्जी कूल चैम्बर, जानें इसकी निर्माण विधि

Construction Method of Zero Energy Cool Chamber
  • शून्य ऊर्जा शीत गृह के निर्माण के लिए हवादार और छायादार जगह का चुनाव करना चाहिए। 

  • ईंटों को जमा कर एक आयताकार करीब 165 X 115 सेमी के चबूतरे का निर्माण किया जाता है। इस चबूतरे पर गारे की सहायता से ईंटों की दोहरी दीवार का निर्माण किया जाता है। ईंटों की दोहरी दीवार के मध्य 7-8 सेमी तक स्थान खाली रखा जाता है। दोहरी दीवार की ऊंचाई 60-65 सेमी. तक रखी जाती है। 

  • इसके पश्चात छनी हुई बजरी को जल में भिगोकर दोहरी दीवार के मध्य बने खाली स्थान में भरा जाता है। बांस, टाट या बोरी के टुकड़ों से ढक्कन का निर्माण किया जाता है। इस ढक्कन की लंबाई व चौड़ाई पूरे शीत गृह के समकक्ष रखी जाती है। 

  • पानी की टंकी को 4 से 5 फीट की ऊंचाई पर रख देते हैं जिसमें 1 पाईप को लगा दिया जाता है। पाईप को ईंटों की दोहरी दीवारों के मध्य चारो तरफ घुमाया जाता है साथ ही पाइप में 15-15 सेमी. की दूरी पर छेद कर दिए जाते हैं जिससे जल का बून्द बून्द कर के रिसाव होता है और यह पानी रेत व ईंटों को गीला रखता है।

  • फलों और सब्जियों को प्लास्टिक की टोकरी में रखकर उन्हें इस शीत गृह में रख दिया जाता है और ऊपर से ढक्कन लगा दिया जाता है।  

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बंगाल की खाड़ी में बना नया निम्न दबाव का क्षेत्र, 24 अक्टूबर से पहाड़ों पर बर्फबारी संभव

know the weather forecast,

बंगाल की खाड़ी में जो डिप्रेशन बना था वह दक्षिणी आंध्र प्रदेश और उत्तरी तमिलनाडु के तट के आसपास चेन्नई के उत्तर में लैंडफॉल कर चुका है। अब यह कमजोर हो गया है परंतु इसके एक बार फिर अरब सागर में पहुंचने की उम्मीद है। वहां यह फिर से मजबूत हो सकता है। बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती हवा का क्षेत्र बन चुका है इसके प्रभाव से निम्न दबाव बनेगा जो सशक्त होकर डिप्रेशन बन जाएगा। यह उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए आंध्र प्रदेश या उड़ीसा के तट की तरफ जाएगा। यह आगे चल कर तूफान बनेगा या नहीं इसके बारे में अभी से कुछ कहना मुश्किल है। 24 अक्टूबर के आसपास पहाड़ों पर इस सीजन का पहला अच्छा वेस्टर्न डिस्टरबेंस आ सकता है जिसके प्रभाव से पहाड़ों पर अच्छी बर्फबारी की संभावना है। अगर अच्छी बर्फबारी होती है तो उत्तर भारत में दीपावली से पहले सर्दियां आ सकती हैं।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मध्य प्रदेश के मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव?

Mustard mandi bhaw

सरसों के मंडी भाव में तेजी देखने को मिल रही है। देखिये मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव!

मध्य प्रदेश की मंडियों में सरसों के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर आगर सरसों 4600 5412
अशोकनगर अशोकनगर सरसों 3800 6080
छतरपुर बड़ामलहेड़ा सरसों 5500 5600
मुरैना बनमोरकलां सरसों 6021 6021
भोपाल भोपाल सरसों 5450 5450
राजगढ़ ब्यावरा सरसों 5935 5935
मंडला बिछिया सरसों 5500 5500
छतरपुर बिजावर सरसों 5825 6000
सागर बीना सरसों 6700 6700
रीवा चाकघाट सरसों 5250 5250
मन्दसौर दलौदा सरसों 5512 5735
दमोह दमोह सरसों 5275 5470
देवास देवास सरसों 5731 5731
विदिशा गंज बासौदा सरसों 5000 5910
भिंड गोहाद सरसों (काला) 5855 6275
गुना गुना सरसों 5700 6075
रीवा हनुमना सरसों 5000 5000
हरदा हरदा सरसों 5500 5500
होशंगाबाद इटारसी सरसों 5812 5812
जबलपुर जबलपुर सरसों 5350 5485
रतलाम जावरा सरसों 5601 6086
मुरैना कैलारस सरसों (काला) 6300 6300
कटनी कटनी सरसों 4842 5843
कटनी कटनी सरसों (काला) 5150 5925
कटनी कटनी पीला (काला) 6400 6400
शिवपुरी कोलारस सरसों 6000 6225
ग्वालियर लश्कर सरसों 5900 6315
गुना मकसूदनगढ़ सरसों 5455 5455
नीमच मनसा सरसों 5100 5890
मुरैना मुरैना सरसों 6270 6270
सतना नागोद सरसों 5300 5550
राजगढ़ नरसिंहगढ़ सरसों 4000 5725
नीमच नीमच सरसों 5450 6050
जबलपुर पाटन सरसों 5270 5270
रायसेन रायसेन सरसों (काला) 4500 4500
रीवा रीवा सरसों (काला) 5640 5749
मुरैना सबलगढ़ सरसों (काला) 5960 6300
सतना सतना सरसों 5380 6105
सीहोर सीहोर सरसों 5210 5326
मन्दसौर शामगढ़ सरसों 5750 5896
श्योपुर श्योपुरबडोद सरसों 6001 6180
श्योपुर श्योपुरकलां सरसों 5975 6300
विदिशा सिरोंज सरसों 5785 5785
हरदा टिमरनी सरसों 4500 5351
विदिशा विदिशा सरसों 4000 6001

स्रोत: एगमार्कनेट

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पशुओं में खुरपका एवं मुंहपका रोग को इसके लक्षणों से पहचानें

Identify foot and mouth disease in animals by its symptoms

पशुओं में होने वाला खुरपका एवं मुंहपका रोग दरअसल नंगी आँखों से न दिख पाने वाले वाइरस द्वारा होता है। आइये जानते हैं इस रोग के फैलने के क्या क्या कारण हो सकते हैं। 

रोग के फैलने के कारण:

ये रोग मुख्यतः पहले से रोग से संक्रमित जानवर के विभिन्न स्त्राव और उत्सर्जित द्रव जैसे लार, गोबर, दूध के साथ अन्य स्वस्थ सीधे संपर्क मे आने, दाना, पानी, घास, बर्तन, दूध निकालने वाले व्यक्ति के हाथों से और हवा के माध्यम से फैलता है। इस स्त्राव मे विषाणु बहुत अधिक संख्या मे होते हैं और स्वस्थ जानवर के शरीर मे मुँह और नाक के माध्यम से प्रवेश कर जाते हैं। 

रोग के लक्षण:

यह रोग होने पर पशु को तेज बुखार (104-106०F) होता है। बीमार पशु के मुँह मे मुख्यत जीभ के उपर, होठो के अंदर, मसूड़ों पर साथ ही खुरो के बीच की जगह पर छोटे छोटे छाले बन जाते हैं। फिर धीरे–धीरे ये छाले आपस में मिलकर बड़े छाले बनाते हैं। आगे चलकर ये छाले फूट जाते हैं और उनमें जख्म हो जाती है। मुँह मे छाले हो जाने की वजह से पशु जुगाली बंद कर देता है और खाना पीना छोड़ देते हैं, मुँह से निरंतर लार गिरती रहती है, साथ ही मुँह चलाने पर चाप चाप की आवाज़ भी सुनाई देती है। दुधारू पशुओं में दूध का उत्पादन 80% तक कम हो जाता है। पशु कमजोर होने लगते हैं। प्रभावित पशु स्वस्थ्य होने के उपरान्त भी महीनों तक और कई बार जीवनपर्यन्त हांफते रहता है।

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कई राज्यों में ठंड की दस्तक, दक्षिण भारत में भारी बारिश का अलर्ट

know the weather forecast,

पूरे उत्तर पश्चिम भारत से दक्षिण पश्चिम मॉनसून की वापसी हो चुकी है। इसके साथ ही दिल्ली और यूपी में ठंड की आहट महसूस की जा रही है। मौसम विभाग की तरफ से दी गई ताजा जानकारी के अनुसार असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, त्रिपुरा और उत्तर बंगाल की खाड़ी से मॉनसून की वापसी हो चुकी है।

स्रोत: किसान तक

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सल्फर का फसल के लिए क्या होता है महत्व, जानें इसके लाभ

Importance of Sulfur in crops
  • सल्फर (गंधक) फसलों में प्रोटीन के प्रतिशत को बढ़ाने में सहायक होता है साथ ही साथ यह पर्णहरित लवक के निर्माण में योगदान देता है जिसके कारण पत्तियां हरी रहती हैं तथा पौधों के लिए भोजन का निर्माण हो पाता है।

  • सल्फर पौधों में नाइट्रोजन की क्षमता और उपलब्धता को बढ़ाता है।

  • दलहनी फसलों में, सल्फर के कारण हीं जड़ों में अधिक गाठों का विकास होता है। इससे जड़ों में उपस्थित राइज़ोबियम नामक जीवाणु, वायुमंडल में उपस्थित नाइट्रोजन को लेकर, फसलों को उपलब्ध कराते हैं।   

  • तम्बाकू, सब्जियों एवं चारे वाली फसलों की गुणवत्ता भी सल्फर के कारण बढ़ जाती है।

  • सल्फर का महत्वपूर्ण उपयोग तिलहन फसलों में प्रोटीन और तेल की मात्रा में वृद्धि करना है। 

  • सल्फर आलू की फसल में स्टार्च की मात्रा को बढ़ाता है।

  • सल्फर को मिट्टी का सुधारक भी कहा जाता है क्योंकि यह मिट्टी के पीएच को कम करता है।

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