गन्ना यंत्रीकरण योजना 2025: किसानों को मिल रही 70% तक की सब्सिडी

Sugarcane Mechanization Scheme 2025

किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार कई योजनाएँ चला रही है। इसी क्रम में बिहार सरकार ने गन्ना यंत्रीकरण योजना 2025 की शुरुआत की है। इस योजना के तहत गन्ना किसानों को अत्याधुनिक कृषि यंत्रों पर 70% तक की सब्सिडी दी जा रही है। सरकार का उद्देश्य इस योजना से कृषि उत्पादकता बढ़ाना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।

क्या है गन्ना यंत्रीकरण योजना?

गन्ना यंत्रीकरण योजना का मुख्य उद्देश्य गन्ने की खेती में आधुनिक कृषि यंत्रों के उपयोग को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत किसानों को ऐसे उपकरण दिए जाएंगे जो बुवाई, खरपतवार नियंत्रण, कीट प्रबंधन, कटाई और बीज उपचार में मदद करेंगे।

किन कृषि यंत्रों पर मिलेगी सब्सिडी?

योजना के तहत गन्ना किसानों को निम्नलिखित आधुनिक कृषि यंत्रों पर सब्सिडी मिलेगी:

  • शुगरकेन कटर प्लांटर

  • लैंड लैवलर मशीन

  • कल्टीवेटर

  • रटून मैनेजमेंट डिवाइस

  • सेट ट्रीटमेंट डिवाइस

  • इंजन ऑपरेटेड पॉवर स्प्रेयर

  • ट्रैक्टर ऑपरेटेड पॉवर स्प्रेयर

  • डीजल इंजन/इलेक्ट्रिक मोटर चालित जूसर मशीन

  • सिंगल बड कटर (मैनुअल और पावर ऑपरेटेड)

  • पॉवर वीडर

  • एमबी प्लाऊ

कितनी मिलेगी सब्सिडी?

  • सामान्य वर्ग के किसानों को 50% तक सब्सिडी मिलेगी।

  • एससी/एसटी एवं पिछड़ा वर्ग के किसानों को 60% तक सब्सिडी मिलेगी।

  • गन्ना यंत्र बैंक स्थापित करने के लिए चीनी मिल, एफपीओ, जीविका और किसान समूहों को 70% तक सब्सिडी मिलेगी।

आवश्यक दस्तावेज

योजना में आवेदन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं:

  • आधार कार्ड

  • कृषि मशीनरी खरीद की रसीद

  • किसान पंजीकरण संख्या

  • भूमि स्वामित्व प्रमाण-पत्र

  • जाति प्रमाण-पत्र (एससी/एसटी किसानों के लिए)

  • बैंक खाते की पासबुक की कॉपी

  • भूमि किराया रसीद

  • रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी

कैसे करें आवेदन?

यदि आप बिहार राज्य के किसान हैं और इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए डीबीटी कृषि आईडी या मोबाइल नंबर अनिवार्य है।

📅 आवेदन करने की अंतिम तिथि: 1 मार्च 2025

किसान इस योजना के माध्यम से अपनी खेती को अधिक उन्नत और लाभदायक बना सकते हैं। जल्दी करें और आवेदन करें!

स्रोत: कृषि जागरण

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क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव, देखें मध्य प्रदेश के मंडियों का हाल

soybean mandi Bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
रतलाम आलोट सोयाबीन 3890 4140
शाजापुर आगर सोयाबीन 3056 4178
गुना एरन सोयाबीन 3150 4107
अशोकनगर अशोकनगर सोयाबीन 2790 4098
अशोकनगर अशोकनगर सोयाबीन-जैविक 3860 4060
सीहोर आष्टा सोयाबीन 2122 4155
सीहोर आष्टा सोयाबीन-जैविक 3601 3601
सीहोर आष्टा पीला 4000 4000
शिवपुरी बदरवास सोयाबीन 3400 4080
धार बदनावर पीला 3500 3951
शाजापुर बड़ोद सोयाबीन 1300 4076
शाजापुर बड़ोद सोयाबीन 3091 3152
सागर बामोरा पीला 3981 3981
होशंगाबाद बानापुरा पीला 2727 3970
होशंगाबाद बानापुरा (F&V) काला 2500 3973
सागर बाँदा सोयाबीन 3700 3865
रायसेन बेगमगंज सोयाबीन 3450 4035
भोपाल बैरसिया सोयाबीन 2590 3100
भोपाल बैरसिया सोयाबीन-जैविक 3900 3920
भोपाल बैरसिया पीला 2000 4140
बेतुल बेतुल सोयाबीन-जैविक 3600 4100
खरगोन भीकनगांव सोयाबीन 2050 4061
खरगोन भीकनगांव सोयाबीन-जैविक 3771 3771
खरगोन भीकनगांव पीला 4100 4100
भोपाल भोपाल सोयाबीन 3581 3881
राजगढ़ ब्यावरा सोयाबीन 3350 4150
राजगढ़ ब्यावरा सोयाबीन 3070 4070
राजगढ़ ब्यावरा सोयाबीन-जैविक 3500 3500
सागर बीना सोयाबीन 3900 3995
बुरहानपुर बुरहानपुर सोयाबीन 2801 3825
छतरपुर छतरपुर सोयाबीन 3800 3800
छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा पीला 3400 4100
मन्दसौर दलौदा अन्य 3601 3890
मन्दसौर दलौदा सोयाबीन 2811 5680
दमोह दमोह सोयाबीन 3300 4070
सागर देवरी सोयाबीन 3840 3880
देवास देवास सोयाबीन 3615 4180
धार धामनोद सोयाबीन 3300 3935
धार धार सोयाबीन 1208 4210
धार धार सोयाबीन-जैविक 1074 4015
नरसिंहपुर गाडरवाड़ा सोयाबीन 3825 3925
सागर गढ़ाकोटा सोयाबीन 3690 3825
इंदौर गौतमपुरा सोयाबीन 3420 3530
इंदौर गौतमपुरा पीला 3900 3900
देवास हाटपिपलिया सोयाबीन 1800 4076
हरदा हरदा पीला 1000 3981
सीहोर इछावर सोयाबीन 3210 5000
होशंगाबाद इटारसी सोयाबीन 3100 4103
सागर जैसीनगर पीला 3600 3605
रतलाम जावरा सोयाबीन 2500 4690
आलीराजपुर जोबट सोयाबीन 3500 3700
शाजापुर कालापीपल पीला 2171 4066
देवास कन्नोड सोयाबीन 3700 4047
नरसिंहपुर करेली सोयाबीन 3770 4026
खरगोन करही पीला 3900 4025
उज्जैन खाचरौद सोयाबीन 3651 4090
खरगोन खरगोन सोयाबीन 2501 4190
देवास खातेगांव सोयाबीन 2161 4024
देवास खातेगांव सोयाबीन-जैविक 3300 3986
शिवपुरी खटोरा सोयाबीन 3555 3585
हरदा खिरकिया सोयाबीन-जैविक 3351 3900
हरदा खिरकिया पीला 1000 4100
सागर खुरई सोयाबीन 3130 3997
शिवपुरी कोलारस सोयाबीन 2855 4155
धार कुक्षी सोयाबीन 3650 4000
धार कुक्षी सोयाबीन 3800 3810
देवास लोहारदा सोयाबीन 3690 4020
उज्जैन महिदपुर सोयाबीन 2375 4093
उज्जैन महिदपुर सोयाबीन 1750 4006
नीमच मनसा सोयाबीन 3550 4144
नीमच मनसा सोयाबीन 680 4145
धार मनावर सोयाबीन 2995 3920
मन्दसौर मन्दसौर सोयाबीन 2500 4351
खंडवा मुंडी सोयाबीन 3851 3851
अशोकनगर मुंगावली सोयाबीन 3950 3950
उज्जैन नागदा सोयाबीन 2900 4039
उज्जैन नागदा सोयाबीन 3719 4089
उज्जैन नागदा पीला 3301 4038
शाजापुर नलकेहड़ा सोयाबीन 2985 4118
शाजापुर नलकेहड़ा पीला 1800 4100
राजगढ़ नरसिंहगढ़ सोयाबीन 2050 4175
नीमच नीमच सोयाबीन 1351 4354
नीमच नीमच सोयाबीन-जैविक 3960 3960
रायसेन ओबेदुल्लागंज सोयाबीन 3701 3701
खंडवा पंधाना पीला 3501 3904
दमोह पथरिया सोयाबीन 2770 4090
झाबुआ पेटलावद सोयाबीन 3790 4325
झाबुआ पेटलावद सोयाबीन 2700 3900
झाबुआ पेटलावद पीला 3875 3905
होशंगाबाद पिपरिया सोयाबीन 3650 3650
मन्दसौर पिपल्या सोयाबीन 3050 4209
शिवपुरी पोहरी सोयाबीन 3915 3915
सागर राहतगढ़ सोयाबीन 3750 3780
सागर राहतगढ़ पीला 3710 4130
धार राजगढ़ सोयाबीन 3805 4000
धार राजगढ़ पीला 2812 4076
धार राजगढ़ पीला 3885 3910
रतलाम रतलाम सोयाबीन 951 4350
रतलाम रतलाम सोयाबीन-जैविक 951 4166
सागर रहली सोयाबीन 3751 3751
सागर सागर सोयाबीन 3860 4000
सागर सागर सोयाबीन-जैविक 2905 4075
रतलाम सैलाना सोयाबीन 1561 5855
खरगोन सनावद सोयाबीन 3500 3525
इंदौर सांवेर सोयाबीन 3051 4124
इंदौर सांवेर सोयाबीन 2214 4071
इंदौर सांवेर पीला 3959 3959
सतना सतना सोयाबीन-जैविक 3100 3100
सीहोर सीहोर सोयाबीन 3701 3931
सीहोर सीहोर पीला 2500 4090
सीहोर सीहोर पीला 2700 4143
बड़वानी सेंधवा सोयाबीन 3940 4200
बड़वानी सेंधवा सोयाबीन 3940 4060
बड़वानी सेंधवा सोयाबीन-जैविक 3950 4120
अशोकनगर शाडोरा सोयाबीन 3840 3840
सागर शाहगढ़ सोयाबीन 3750 3800
शाहडोल शाहडोल सोयाबीन 3700 3700
शाजापुर शाजापुर सोयाबीन 1500 4100
मन्दसौर शामगढ़ सोयाबीन 1890 3825
विदिशा शमसाबाद सोयाबीन 3800 4020
शिवपुरी शिवपुरी सोयाबीन 3100 3980
शाजापुर शुजालपुर सोयाबीन 2401 4150
सीहोर श्यामपुर सोयाबीन 3900 3900
सीहोर श्यामपुर पीला 3569 3702
हरदा सिराली सोयाबीन 3699 3931
मन्दसौर सीतामऊ सोयाबीन 1600 4075
मन्दसौर सीतामऊ पीला 3850 3950
मन्दसौर सीतामऊ पीला 3800 3981
देवास सोनकच सोयाबीन 3000 4170
देवास सोनकच पीला 1500 4180
शाजापुर सोयतकलां सोयाबीन 3800 5555
रतलाम ताल सोयाबीन 3440 4160
रतलाम ताल पीला 2401 4161
उज्जैन तराना सोयाबीन 1000 4113
नरसिंहपुर तेंदूखेड़ा सोयाबीन 3810 3810
झाबुआ थांदला सोयाबीन 3520 4000
झाबुआ थांदला सोयाबीन 3891 3900
झाबुआ थांदला पीला 3900 4000
टीकमगढ़ टीकमगढ़ सोयाबीन 3550 3850
टीकमगढ़ टीकमगढ़ सोयाबीन 3505 3570
टीकमगढ़ टीकमगढ़ सोयाबीन-जैविक 3725 3825
हरदा टिमरनी सोयाबीन 2212 4037
रायसेन उदयपुरा सोयाबीन 3695 3695
उज्जैन उज्जैन सोयाबीन 5245 5246
उज्जैन उज्जैन सोयाबीन 3615 3621
उज्जैन उन्हेल सोयाबीन 2355 4080
विदिशा विदिशा सोयाबीन 2775 4165

स्रोत: एगमार्कनेट

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जैविक कीटनाशक मेटाराइजियम एनिसोप्ली के उपयोग से मिलेंगे कई फायदा

Uses of the biological insecticide Metarhizium anisopliae

मेटाराइजियम एनिसोप्ली एक फफूंद पर आधारित जैविक कीटनाशक है। यह मिट्टी में स्वतंत्र रूप से पाया जाता है एवं सामान्यतयः कीटों में परजीवी के रूप में पाया जाता है।

जब मेटाराइजियम एनीसोप्ली के बीजाणु लक्ष्य कीट के संपर्क में आते हैं, तो उनके आवरण से चिपक जाते हैं एवं उचित तापमान और आर्द्रता होने पर बीजाणु अंकुरित हो जाते हैं। इनकी अंकुरण नलिका कीटों के श्वसन छिद्रों (स्पायरेक्लिस), संवेदी अंगों और अन्य कोमल भागों से कीटों के शरीर में प्रवेश कर जाती है।

यह कवक कीटों के संपूर्ण शरीर में कवक जाल बनाकर कीट के शारीरिक भोजन पदार्थों को अवशोषित करके खुद की वृद्धि कर लेता है। मेटाराइजियम एनीसोप्ली 50 प्रतिशत से कम नमी पर भी बीजाणु उत्पन्न कर लेते हैं। इसके कारण यह सभी परिस्थितियों में काम करता है।

मेटाराइजियम एनीसोप्ली का प्रयोग सफेद लट (बीटल), ग्रब्स, दीमक, सुन्डियों, सेमीलूपर, कटवर्म, मिलीबग और माहू आदि के रोकथाम के लिए किया जाता है।

प्रयोग की विधि:

  • मिट्टी से प्रयोग के लिए मेटाराइजियम एनिसोप्ली की 1 किलो प्रति एकड़ के दर से लगभग 75 किलो गोबर की खाद में मिलाकर अंतिम जुताई के समय प्रयोग करना चाहिए।

  • खड़ी फसल में कीट के नियंत्रण के लिए 1 किलो प्रति एकड़ की दर से 400-500 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। 

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ओलावृष्टि संग बारिश की संभावना, पहाड़ों पर भारी बर्फबारी के आसार

know the weather forecast,

पहाड़ों पर भारी बर्फबारी और बारिश शुरू हो गई है, जो अगले दो दिनों तक जारी रहेगी। पंजाब, हरियाणा सहित दिल्ली और उत्तरी राजस्थान में भी बारिश हो रही है, जो धीरे-धीरे बढ़ सकती है। पंजाब और हरियाणा में एक दो स्थानों पर ओलावृष्टि की संभावना है साथ ही तेज हवाएं चलने से फसलों को नुकसान हो सकता है। उत्तरी और उत्तर पूर्वी राजस्थान सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्की बारिश के आसार हैं। दक्षिण भारत में भी बारिश की गतिविधियां बढ़ने वाली है। देश के पश्चिमी तट पर चल रहा लू का प्रकोप अब दो दिनों में कम हो जाएगा। दिल्ली को भी अब गर्मी से राहत मिलेगी। वहीं, उत्तर भारत में तापमान गिरेंगे।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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किसान समृद्धि योजना: कौन ले सकता है लाभ और कैसे करें आवेदन?

किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने और खेती को अधिक लाभदायक बनाने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। इनमें से एक है किसान समृद्धि योजना, जो पात्र किसानों को आर्थिक सहायता और उन्नत कृषि सुविधाएं प्रदान करती है। हालांकि, यह योजना सभी किसानों के लिए उपलब्ध नहीं है। आइए जानते हैं कि इस योजना का लाभ कौन ले सकता है और आवेदन की प्रक्रिया क्या है।

क्या है किसान समृद्धि योजना?

किसान समृद्धि योजना एक सरकारी पहल है, जिसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता देना है। इसके तहत किसानों को अनुदान, तकनीकी मदद और आधुनिक कृषि उपकरणों की सुविधा दी जाती है।

किसे मिलेगा योजना का लाभ?

इस योजना का लाभ लेने के लिए निम्नलिखित किसान पात्र हैं:

  • छोटे और सीमांत किसान – जिनके पास 2 हेक्टेयर तक कृषि भूमि है।

  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी

  • पंजीकृत किसान – जो सरकारी कृषि योजनाओं के तहत पंजीकृत हैं।

  • स्व-सहायता समूह (SHG) से जुड़े किसान

  • सहकारी समितियों के सदस्य किसान

  • जैविक खेती करने वाले किसान

  • अनुसूचित जाति/जनजाति के किसान

कौन नहीं ले सकता इस योजना का लाभ?

निम्नलिखित किसान इस योजना के पात्र नहीं हैं:

  • बड़े किसान – जिनके पास 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि है।

  • निजी कंपनियों के अंतर्गत काम करने वाले किसान

  • सरकारी कर्मचारी और आयकर दाता किसान

  • नियमित सरकारी पेंशन पाने वाले किसान – जिनकी पेंशन ₹10,000 या उससे अधिक है।

  • बैंक डिफॉल्टर किसान

  • शहरी क्षेत्रों में रहने वाले व्यावसायिक किसान

कैसे करें आवेदन?

किसान इस योजना के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं।

ऑनलाइन आवेदन:

  1. किसान समृद्धि योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

  2. आवश्यक जानकारी भरें और दस्तावेज अपलोड करें

  3. आवेदन सबमिट करें और उसकी स्थिति चेक करें।

ऑफलाइन आवेदन:

  1. नजदीकी कृषि विभाग या CSC केंद्र पर जाएं।

  2. आवेदन पत्र भरें और आवश्यक दस्तावेजों के साथ जमा करें।

  3. आवेदन स्वीकृत होने पर किसानों को योजना का लाभ मिलेगा।

किसान अपनी खेती को और अधिक उन्नत और लाभदायक बनाने के लिए इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। जल्दी करें और आवेदन करें!

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी

wheat mandi rates

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूँ के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
आलीराजपुर आलीराजपुर गेहूँ 2625 2825
सतना अमरपाटन मिल गुणवत्ता 2745 2750
धार बदनावर गेहूँ 2800 2825
खरगोन बड़वाह गेहूँ 2900 2975
देवास बागली लोकवन 2600 2675
रीवा बैकुंठपुर मिल गुणवत्ता 2750 2750
बालाघाट बालाघाट गेहूँ-जैविक 2100 2100
खरगोन भीकनगांव मिल गुणवत्ता 2150 2950
मंडला बिछिया मिल गुणवत्ता 2700 2700
मंडला बिछिया मिल गुणवत्ता 2400 2400
छतरपुर बिजावर मिल गुणवत्ता 2600 2600
छतरपुर बिजावर गेहूँ 2600 2650
रीवा चाकघाट मिल गुणवत्ता 2800 2800
देवास देवास गेहूँ 2600 2925
देवास देवास गेहूँ 2500 2775
धार धार लोकवन 2700 2920
धार धार मिल गुणवत्ता 2855 2905
डिंडोरी डिंडोरी स्थानीय 2300 2800
रायसेन गैरतगंज गेहूँ 4000 4000
धार गंधवानी गेहूँ 2770 2800
इंदौर गौतमपुरा गेहूँ 2850 2851
देवास हाटपिपलिया गेहूँ 2625 2790
रीवा हनुमना मिल गुणवत्ता 2700 2800
छतरपुर हरपालपुर गेहूँ 2980 3100
खंडवा हरसूद मिल गुणवत्ता 2635 2710
झाबुआ झाबुआ गेहूँ 2850 2850
मुरैना कैलारस गेहूँ 3023 3023
खरगोन करही मिल गुणवत्ता 2800 2800
कटनी कटनी मिल गुणवत्ता 2910 2910
खंडवा खंडवा मिल गुणवत्ता 2649 2760
खरगोन खरगोन मिल गुणवत्ता 2800 2800
खरगोन खरगोन गेहूँ 2970 2980
खरगोन खरगोन गेहूँ 2900 2915
हरदा खिरकिया मिल गुणवत्ता 2715 2715
धार कुक्षी गेहूँ 2725 3700
शिवपुरी मगरोनी गेहूँ 2601 2601
गुना मकसूदनगढ़ गेहूँ 2590 2879
मंडला मंडला मिल गुणवत्ता 2825 2825
सतना मेहर स्थानीय 2720 2750
मुरैना मुरैना गेहूँ 3066 3066
बेतुल मुल्ताई गेहूँ 2600 2650
खंडवा मुंडी गेहूँ 2100 2801
खंडवा मुंडी गेहूँ 2110 2805
खंडवा मुंडी गेहूं का मिश्रण 2650 2760
अशोकनगर मुंगावली गेहूँ 3000 3000
टीकमगढ़ निवाड़ी मिल गुणवत्ता 2900 2900
जबलपुर पाटन मिल गुणवत्ता 2700 2710
राजगढ़ पचौर गेहूँ 2725 2800
शिवपुरी पिछौर मिल गुणवत्ता 2730 2760
शिवपुरी पिछौर गेहूँ 2893 2946
रतलाम रतलाम गेहूँ 2950 3010
रीवा रीवा मिल गुणवत्ता 2800 2800
रीवा रीवा गेहूँ 2850 2850
सीहोर सीहोर मिल गुणवत्ता 2850 2850
सीहोर सीहोर गेहूं का मिश्रण 2600 2900
बड़वानी सेंधवा गेहूँ 2825 3200
बड़वानी सेंधवा गेहूँ-जैविक 2950 2950
सिवनी सिवनी स्थानीय 2802 2830
शाहडोल शाहडोल मिल गुणवत्ता 2500 2500
सीधी सीधी मिल गुणवत्ता 2530 2530
मन्दसौर सुवासरा गेहूँ 2024 2078
उज्जैन तराना गेहूँ 2836 2836
झाबुआ थांदला लोकवन 2500 2500
झाबुआ थांदला मिल गुणवत्ता 3000 3000
उज्जैन उज्जैन गेहूँ 3303 3303
उमरिया उमरिया स्थानीय 2760 2760
उमरिया उमरिया गेहूँ 2700 2700

स्रोत: एगमार्कनेट

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टमाटर के फसल में फल फटने के कारण एवं बचाव के उपाय

Causes and diagnosis of fruit cracking in tomato crop

टमाटर की फसल में फलों का फटना एक भौतिक विकार होता है, और यह अक्सर परिपक्वता के समय दिखाई देता है। इस विकार में फल दो प्रकार से फटते हैं, एक लंबवत और दूसरा गोलाकार। 

टमाटर की फसल में फल का फटना मुख्यतः दो कारण से होता है, पहला कारण फसल में अनियमित सिंचाई करना जैसे जमीन ज्यादा समय तक सूखी है और अचानक से भारी सिंचाई कर दिया जाए और दूसरा कारण भूमि में बोरोन नामक तत्व की कमी होना है।

फल फटने की रोकथाम: इस समस्या के बचने के लिए फसल में समय समय पर संतुलित प्रमाण में सिंचाई करें, तथा बोरोन पोषक तत्व की पूर्ति के लिए रिच बोर (बोरोन 20%) @ 1-1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी के दर से छिड़काव करें या रिच बोरामिन-सीए (अमीनो एसिड, बोरान, कैल्शियम) @ 2-3 मिली प्रति लीटर पानी के दर से छिड़काव करें। 

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उत्तर भारत के राज्यों में होगी बारिश, कश्मीर सहित पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू

know the weather forecast,

जम्मू कश्मीर, पाकिस्तान के उत्तरी भागों के साथ-साथ अफगानिस्तान और हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हो गई है। कश्मीर के कुछ इलाकों में भारी बारिश और बर्फबारी दर्ज की गई है। अब जल्दी ही बरसने वाले बादल पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान की तरफ आगे बढ़ेंगे। दिल्ली और उत्तर प्रदेश के भी कुछ इलाकों में बारिश की संभावना बन रही है। 26 फरवरी को दिल्ली ने इस सीजन का सबसे अधिक तापमान 32.4 डिग्री दर्ज किया है। मुंबई सहित महाराष्ट्र और कर्नाटक के तट पर लू का प्रकोप जारी है। कल से दिल्ली सहित उत्तर भारत में अधिकतम तापमान में कुछ गिरावट दर्ज होने लगेगी। तमिलनाडु के दक्षिणी भागों में बारिश शुरू होगी, जो धीरे-धीरे पूरे तमिलनाडु में फैल जाएगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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तरबूज की फसल में माहू कीट के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय

Symptoms and control of aphids in watermelon crop

यह कीट पत्तियों को एवं कोमल टहनियों को प्रभावित करते हैं, जिसके कारण पत्तियां मुड़कर मुरझाने लगती है। पौधों का विकास रुक जाता है साथ ही कीट से मधुरस उत्सर्जन के कारण पत्तियों पर काली फफूंद का विकास होता है।

नियंत्रण: इस कीट के नियंत्रण के लिए प्रकोप दिखाई देते ही नोवासेटा (एसिटामिप्रिड 20% एसपी) @ 30 ग्राम प्रति एकड़ या मीडिया (इमिडाक्लोप्रिड 17.8% एस एल) @ 40-50 मिली प्रति एकड़ + नोवामैक्स (जिबरेलिक ऍसिड 0.001%) @ 300 मिली के दर से 150-200 लीटर पानी में छिड़काव करें। 

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जानिए लौकी की फसल में छोटे फल गिरने के कारण एवं बचाव के उपाय

Know the reasons and prevention measure for small fruits dropping in gourd crop

लौकी की खेती करने वाले किसानों के सामने अक्सर लौकी की फसल छोटे फल पीले होने की एवं सूख कर गिरने की समस्या आती है, और इससे उपज में भारी नुकसान होता है। 

क्यों गिरते हैं लौकी के छोटे फल?

  • पौधों में फफूंद जनित रोग होने पर फल गिरने लगते हैं।

  • फसल में कीटों का प्रकोप होने पर भी यह समस्या हो सकती है।

  • फसल में अनियमित सिंचाई या सिंचाई की कमी होने पर भी लौकी के छोटे फल गिरने लगते हैं।

  • असंतुलित मात्रा में, उर्वरकों का प्रयोग होने के कारण से भी फल गिरते हैं।

  • परागण सही नहीं होने की वजह से भी छोटे फल गिरने लगते हैं।

छोटे फलों के गिरने के शुरूआती लक्षण:

शुरूआती अवस्था में छोटे फलों के साथ लगे फूल सूखने लगते हैं और धीरे-धीरे छोटे फल पीले एवं भूरे रंग के होने लगते हैं। बाद में फल पूरी तरह सूख कर गिरने लगते हैं।

रोकथाम:

  • समय-समय पर फसल का निरीक्षण करें।

  • खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें।

  • आवश्यकता से अधिक सिंचाई एवं उर्वरकों का प्रयोग न करें।

  • यदि फफूंद जनित रोग या फल मक्खी एवं रस चूसक कीटों के लक्षण दिखाई दे तो नियंत्रण के लिए उचित छिड़काव करें।

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