जौ की खेती करने से पहले जान लें बेहद जरूरी जानकारियां

Know very important information before cultivating barley
  • जौ की खेती में अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए इसके बीजों की बुआई का सबसे उपयुक्त समय 15 अक्टूबर से 15 नवंबर है। हालांकि परिस्थिति एवं चारे की आपूर्ति के अनुसार इसकी बुआई दिसंबर के प्रथम सप्ताह तक भी की जा सकती है।

  • कम तापमान के कारण बुआई में देरी से अंकुरण देर से होता है। इसे हल या सीड ड्रिल से 25 सेमी की दूरी पर पंक्तियों में बोना चाहिए।

  • बीज को 4 से 5 सेमी की गहराई पर बोना चाहिए। कतारों में बोई गई फसल में खरपतवारों पर आसानी से नियंत्रण किया जा सकता है। बुआई से पहले बीजों को कार्बेन्डाजिम 12% + मैंकोजेब 63% (करमानोवा) @ 2.5 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करने से अंकुरण अच्छा होता है और फसल बीज जनित रोगों से मुक्त रहती है।

  • चारे के लिए बोई जाने वाली फसल के लिए 100 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर बोना चाहिए। लेकिन अनाज के लिए प्रति हेक्टेयर 80 किलोग्राम बीज की ही आवश्यकता होती है।

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कुछ राज्यों में तेज बारिश की संभावना, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

एक नया पश्चिमी बिछोभ 2 नवंबर के आसपास पहाड़ों पर दस्तक देगा। इसके प्रभाव से ऊंचे पहाड़ों पर बर्फबारी तथा कई जगह पर बारिश होने की संभावना है। पंजाब में भी उस दौरान हल्की बारिश हो सकती है। अभी फिलहाल हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान सहित मध्य प्रदेश के कुछ भागों में न्यूनतम तापमान में हल्की वृद्धि हो सकती है। 4 तारीख से फिर तापमान गिरेंगे तथा सर्दी बढ़ेगी। तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के दक्षिणी भागों में तेज बारिश की संभावना है। पूर्वी मध्य और उत्तर पूर्वी भारत का मौसम शुष्क बना रहेगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मध्य प्रदेश की मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव?

soybean mandi Bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
रतलाम अलोट पीला 3500 5000
उज्जैन बड़नगर पीला 3220 5000
धार बदनावर पीला 4300 4300
खरगोन भीकनगांव अन्य 3900 6701
दमोह दमोह पीला 4300 4500
मन्दसौर गरोठ अन्य 4700 4890
राजगढ़ जीरापुर पीला 4000 5020
झाबुआ झाबुआ पीला 4600 4800
झाबुआ झाबुआ सोयाबीन 4356 4900
शाजापुर कालापीपल पीला 4640 5095
हरदा खिरकिया पीला 3801 4966
सागर मालथोन अन्य 4300 4650
शाजापुर नलकेहड़ा अन्य 4400 5100
सीहोर नसरुल्लागंज अन्य 3500 4800
खंडवा पंधाना अन्य 4700 4700
दमोह पथरिया पीला 4390 4855
शिवपुरी पोहरी पीला 4320 4815
सागर सागर पीला 4575 4750
बड़वानी सेंधवा पीला 4525 4890
शाजापुर सोयतकलां अन्य 4500 4900
मन्दसौर सुवासरा सोयाबीन 4601 4916

स्रोत: एगमार्कनेट

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मेथी की खेती करने से पहले जान लें बेहद जरूरी जानकारियां

Know essential information before cultivating fenugreek
  • मेथी की खेती सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है बशर्ते मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ उच्च मात्रा में जरूर हो। हालाँकि यह अच्छे निकास वाली बालुई और रेतली बालुई मिट्टी में अच्छे परिणाम देती है। यह मिट्टी की 5.3 से 8.2 पी एच मान को सहन कर सकती है।

  • बात इसके बीज दर की मात्रा की करें तो एक एकड़ खेत में बिजाई के लिए 12 किलोग्राम प्रति एकड़ बीजों का प्रयोग करना चाहिए।

  • इसके खेत की तैयारी के लिए मिट्टी के भुरभुरा होने तक खेत की दो से तीन बार जुताई करें और फिर ज़मीन को समतल कर लें। आखिरी जुताई के समय 10 से 15 टन प्रति एकड़ अच्छी तरह से गली हुई गोबर की खाद डालें। बिजाई के लिए 3×2 मीटर समतल बीज बैड तैयार करें।

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उत्तर पूर्वी मानसून ने तेजी पकड़ी, आधे से ज्यादा भारत को सर्दी का इंतजार

know the weather forecast,

पश्चिमी विक्षोभ कमजोर होने के कारण पहाड़ों पर बर्फबारी नहीं हो रही है। बर्फबारी ना होने के कारण ठंडी हवाएं उत्तर से नहीं चल पा रही और तापमान नहीं गिर रहे। उत्तर पूर्वी हवाएं बंगाल की खाड़ी में तेज हो रही हैं इनके कारण अब तमिलनाडु दक्षिण कर्नाटक और केरल में उत्तर पूर्वी मानसून सक्रिय हो गया है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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अगले 2 दिनों में इन राज्यों में भारी बारिश की संभावना

know the weather forecast,

चक्रवातीय तूफान के चलते पूर्वोतर भारत और दक्षिण भारत में बारिश का दौर जारी है। लेकिन उत्तर भारत में बारिश का दौर थमा हुआ है। कई राज्यों में जहां ठंड ने दस्तक दी है तो वहीं कई राज्यों में अभी मौसम गर्म है। मौसम विभाग ने भी मौसम की ताजा अपडेट जारी करते हुए कहा है कि भारत के दक्षिणी भाग में बारिश का एक और नया दौर शुरू हो सकता है।

स्रोत: न्यूज़ स्टेट

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चारा उत्पादन पर 10 हजार रूपये का अनुदान, ऐसे उठाएं योजना का लाभ

Now subsidy will be given on fodder production

पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कई राज्य सरकारें जरूरी कदम उठा रही हैं। इसी क्रम में किसानों को दोहरा लाभ पहुंचाने के लिए हरियाणा सरकार ने एक विशेष ऐलान किया है। पशुओं को पर्याप्त मात्रा में हरा चारा मिल सके इसके लिए राज्य सरकार ‘चारा बिजाई योजना’ शुरू करने जा रही है।

इस योजना के तहत चारा उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए किसान भाईयों को अनुदान दिया जाएगा। जिसके अन्तर्गत किसानों को चारा उत्पादन पर 10 हजार रूपए प्रति एकड़ के हिसाब से सहायता राशि प्रदान की जाएगी। यह राशि किसानों के खातों में डीबीटी के माध्यम से पहुंचाई जाएगी।

बता दें कि पशुओं के बेहतर स्वास्थ के लिए उन्हें संतुलित आहार देना बहुत जरूरी है। वहीं हरा चारा पशुओं के लिए सबसे अच्छा आहार माना जाता है। ऐसे में गौ-शालाओं को हरा चारा उपलब्ध हो सके इसके लिए सरकार ने इस खास योजना का ऐलान किया है। अगर आपके पास भी चारा उत्पादन के लिए उचित भूमि है तो आप भी सरकार की इस लाभकारी योजना का फायदा उठा सकते हैं। 

स्रोत: किसान समाधान

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17000 रुपये तक पहुंचे लहसुन के उच्च भाव

garlic mandi rate

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
उज्जैन बड़नगर औसत 4500 12000
धार बदनावर (F&V) लहसुन 3100 9535
सीहोर इछावर लहसुन 7635 10805
इंदौर इंदौर (F&V) देसी 600 15200
शाजापुर कालापीपल अन्य 4530 13290
कटनी कटनी (F&V) अन्य 5000 5000
मन्दसौर मन्दसौर अन्य 6000 17000
झाबुआ पेटलावद औसत 5300 6500
होशंगाबाद पिपरिया औसत 9000 16000
सागर सागर (F&V) लहसुन 10000 14000
शाजापुर शाजापुर (F&V) अन्य 6000 12000
हरदा टिमरनी लहसुन 10000 10000

स्रोत: एगमार्कनेट

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वाटाणा पिकांमध्ये पावडर बुरशीचे प्रतिबंध

Prevention of Powdery Mildew in Pea crop
  • या रोगाची लक्षणे प्रथम जुन्या पानांवर दिसतात आणि हळूहळू त्याचा परिणाम झाडांच्या इतर भागांवर होण्यास सुरवात होते.

  • यामुळे वाटाणा पानांच्या दोन्ही पृष्ठभागांवर भुकटी जमा केली जाते.

  • त्याच्या प्रभावामुळे, मऊ देठ, शेंगा इत्यादींवर पावडरी डाग तयार होतात.

  • पांढऱी पावडर वनस्पतीच्या पृष्ठभागावर दिसून येते. एकतर फळांचा विकास होत नाही किंवा ती अविकसित राहत नाही.

  • हे टाळण्यासाठी प्रतिरोधक वाण वापरा. अर्का अजित, पी.एस.एम. -5, जवाहर मटार -4, जे.पी. -83, जे.आर.एस. -14 इत्यादी काही वाण रोगांमुळे प्रतिरोधक आहेत.

  • हेक्साकोनाज़ोल 5% एस.सी. 400 मिली / एकर किंवा सल्फर 80% डब्ल्यू.डी.जी. 500 ग्रॅम / एकर किंवा टेबुकोनाज़ोल 10% + सल्फर 65% डब्ल्यू.जी. 500 ग्रॅम / एकरी फवारणी करावी.

  • जैविक उपचार म्हणून ट्रायकोडर्मा विरिडिची प्रति 500 ​​एकर किंवा स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस 250 ग्रॅम फवारणी करावी.

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फिर शुरू होगी भारी बारिश, नवंबर में बनेंगे नए समुद्री तूफान

know the weather forecast,

उत्तर पूर्वी मानसून सक्रिय होने की संभावना दिखाई दे रही है। अब बारिश की गतिविधियां तमिलनाडु केरल और कर्नाटक सहित दक्षिणी आंध्र प्रदेश में बढ़ेंगी। तूफानों का सीजन शुरू हो गया है अक्टूबर में दो तूफान बन चुके हैं। नवंबर और दिसंबर में भी बंगाल की खाड़ी और अरब सागर सक्रिय हो सकते हैं। पहाड़ों सहित उत्तर पश्चिमी, उत्तर मध्य, और पूर्वी भारत का मौसम शुष्क रहेगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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