प्याज व लहसुन से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए इसमें लगने वाले हानिकारक रोगों की रोकथाम आवश्यक है।
वैसे तो प्याज व लहसुन की फसल पर अनेक रोगों का प्रकोप होता है परन्तु कुछ रोग आर्थिक दृष्टि काफी हानि पहुंचाते हैं।
प्याज़ एवं लहसुन की फसल में लगने वाले कवक जनित रोगों में प्रमुख हैं आधारीय विगलन (बेसल रॉट), सफेद गलन (व्हाइट रॉट), बैंगनी धब्बा (पर्पल ब्लाच, स्टेम्फीलियम झुलसा (स्टेम्फीलियम ब्लाईट) आदि।
इन रोगों के निवारण हेतु निम्न उत्पादों का उपयोग करना लाभकारी होता है।
थायोफिनेट मिथाइल 70% W/W @ 300 ग्राम/एकड़ या कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63% @ 300 ग्राम/एकड़ या हेक्साकोनाज़ोल 5% SC @ 400 ग्राम/एकड़ या कीटाजिन 48% EC @ 200 मिली/एकड़ या क्लोरोथायोनिल 75% WP @ 250 ग्राम/एकड़ या टेबुकोनाज़ोल 10% + सल्फर 65% WG @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।