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लाल सड़न रोग के कवकजनित रोग है। यह कवक मुख्य रूप से गन्ने के पौधे के तने और पत्तियों पर हमला करता है।
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इसके कारण पौधे के ऊपरी भाग की पत्तियाँ पीली और गहरे लाल रंग की हो जाती हैं जो अंततः नीचे गिर जाती हैं।
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इसकी वजह से तना फट जाता है और उस पर कई लाल रंग की धारियाँ बन जाती हैं।
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गंभीर संक्रमण होने पर तना सड़ जाता है, गांठों पर सिकुड़ जाता है और दिखने में फीका नजर आता है।
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रोगज़नक़ ज़मीन के ऊपर के सभी भागों पर हमला करता है, विशेष रूप से गन्ने के तने और पत्तियों की मध्य शिराओं पर।
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प्रारंभिक अवस्था में रोग खेत में पहचान में नहीं आता है। शुरूआती लक्षण बरसात के मौसम के बाद दिखाई देती है जब पौधों की वृद्धि रुक जाती है और सुक्रोज का निर्माण शुरू हो जाता है।
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इसके प्रबंधन हेतु प्रभावित गुच्छों को प्रारंभिक अवस्था में हीं हटा दें और मिट्टी को कार्बेन्डाजिम 50 WP (1 ग्राम प्रति 1 लीटर पानी) से भिगोएं।
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