फसल को दें 2 डोज ट्राई-कोट मैक्स और पाएं जबरदस्त पैदावार

Get fast growth and bumper yield in cotton crop with Tri-Coat Maxx

👉🏻ट्राई कोट मैक्स में कार्बनिक कार्बन 3%, ह्यूमिक, फुलविक, कार्बनिक पोषक तत्वों का एक मिश्रण है।
👉🏻यह अच्छे बीज अंकुरण के लिए प्रभावी है।
👉🏻यह फसल में विभिन्न पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाता है।
👉🏻उर्वरक दक्षता बढ़ाता है और तीव्र जड़ विकास में मदद करता है।
👉🏻पौधों की वानस्पतिक विकास एवं प्रजनन क्षमता बढ़ाने में मदद करता है।
👉🏻इसके उपयोग से फसल हरी भरी एवं स्वस्थ रहती है।
👉🏻यह एक जैविक उत्पाद है इसलिए इसके उपयोग से मिट्टी की संरचना बेहतर होती है।

इस उत्पाद के संघटकों को जानें
👉🏻इस उत्पाद में ह्यूमिक एसिड है जो बीज के अंकुरण को बढ़ाता है। मिट्टी में पहले से मौजूद पोषक तत्वों की उपलब्धता को बढ़ाता है एवं सूखे की स्थिति के लिए फसल को सहनशील बनाता है। मिट्टी में उपलब्ध सूक्ष्म जीवों की गतिविधि को बढ़ाता है। जिससे यह एक उत्कृष्ट जड़ उत्तेजक बन जाता है।

👉🏻इस उत्पाद में फुलविक एसिड भी है जो प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को बढ़ावा देता है और मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व को अवशोषित करने में मदद करता है।

उपयोग का समय एवं मात्रा: ट्राई कोट मैक्स @ 4 किग्रा प्रति एकड़ के हिसाब से भूमि की तैयारी या खाद के साथ जमीन में भुरकाव करें, एवं बुआई के 30 दिन बाद ट्राई कोट मैक्स 4 किग्रा प्रति एकड़ के हिसाब से एक बार फिर से उसी फसल में भुरकाव कर सिंचाई करें, और पाएं बेहतरीन उत्पादन।

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बेस्ट सरसों बीज के साथ पाएं शानदार उपज व ज्यादा तेल उत्पादन

Get great yield and more oil production with the best mustard seeds

सरसों एक प्रमुख तिलहनी फसल है, यदि प्रमाणित किस्मों का चयन बुआई के लिए किया जाए तो इसका उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। आइये जानते हैं इस बार सरसों की प्रमाणित बीज किस्में कौन सी हैं।

पायनियर 45S46: यह मोटे दाने और बेहतर तेल उत्पादन के साथ उच्च उपज देने वाली किस्म है। यह मध्यम परिपक्वता वाली संकर प्रजाति के रूप में किसानों के बीच प्रसिद्ध है। यह एक काले बीज वाली संकर किस्म है। इसकी परिपक्वता अवधि 125-130 दिन है।

ADV 414: यह एक उच्च उपज देने वाली एवं मध्यम परिपक्वता वाली संकर किस्म है जिसमें मोटा दाना, उच्च तेल उत्पादन प्राप्त होता है। अन्य किस्मों की तुलना में 20% तक अधिक उपज देती है। इस किस्म की परिपक्वता अवधि 120 से 125 दिन की होती है।

श्रीराम 1666: सरसों की इस किस्म कि परिपक्वता अवधि लगभग 120 से 130 दिन होती है। इस किस्म का उपयोग सिंचित एवं असिंचित दोनों क्षेत्रों में किया जाता है। असिंचित क्षेत्रों में इसकी उपज कम रहती है। इस किस्म को 1 से 2 पानी में आसानी से उगाया जा सकता है। या किस्म सिंचित क्षेत्रों में 10 से 12 क्विंटल प्रति एकड़ और असिंचित क्षेत्रों में 8 से 10 क्विंटल प्रति एकड़ की उपज आसानी से दे सकती है। लेकिन इस किस्म से 12 क्विंटल से भी ज्यादा पैदावार मिल सकती है।

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बटाटा सुधारित वाणांचे गुणधर्म आणि वैशिष्ट्ये

properties and characteristics of improved varieties of potato

कुफरी ज्योती: ही वाण मध्यम पिकते, उच्च तापमानास संवेदनशील, अत्यंत दुष्काळी परिस्थितीतही मध्यम प्रमाणात उत्पन्न देणारी वाण आणि एकर उशिरा अनिष्ट परिणाम प्रति एकरी 10 ते 12 टन उत्पन्न मिळते.

कुफरी चिप्सोना:  ही वाण मुदतीमध्ये मध्यम असते, जास्त तापमानापेक्षा अत्यंत संवेदनशील असते, दुष्काळ परिस्थितीत अगदीच संवेदनशील असते, चांगले उत्पादन देते आणि उशिरा होण्यास त्रासदायक नसते, दर एकरी 12 ते 14 टन उत्पादन मिळते.

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सोया समृद्धि किट में शामिल जैविक उत्पादों की खूबियां और उपयोग का तरीका

Soybean Samriddhi kit,

सोयाबीन की उपज बढ़ाने में सोया समृद्धि किट का उपयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इस किट में ट्राइकोडर्मा विरिडी, पोटाश एवं फास्फोरस के जीवाणु, राइज़ोबियम बैक्टीरिया, ह्यूमिक एसिड, फुलविक एसिड, ऑर्गेनिक कार्बन, ऑर्गेनिक न्यूट्रिएंट्स जैसे बेहतरीन जैविक उत्पाद मौजूद हैं। आइये बारी बारी से जानते हैं इस किट में शामिल उत्पादों के बारे में मुख्य जानकारियां। 

कॉम्बैट:  इस उत्पाद में ट्राइकोडर्मा विरिडी है, जो मिट्टी में पाए जाने वाले अधिकांश हानिकारक कवकों एवं फफूंद जनित रोगों की रोकथाम में सहायक होता है। 

प्रो-कॉम्बीमैक्स: किट का यह दूसरा उत्पाद दो अलग अलग सूक्ष्म-जीवाणुओं का मिश्रण है, जो सोयाबीन की फसल में पोटाश एवं फास्फोरस की उपलब्धता बढ़ाता है एवं उत्पादन वृद्धि में भी सहायक होता है।

जैव वाटिका आर: किट के तीसरे उत्पाद में राइज़ोबियम बैक्टीरिया होते हैं जो सोयाबीन की फसल की जड़ों में गांठे बनाते हैं, जिससे वायुमंडल में उपस्थित नाइट्रोजन स्थिर हो कर फसल को उपलब्ध होते हैं।

ट्राई-कोट मैक्स: इस किट का यह अंतिम उत्पाद है जिसमें ह्यूमिक एसिड, फुलविक एसिड, ऑर्गेनिक कार्बन, ऑर्गेनिक न्यूट्रिएंट्स आदि तत्व पाए जाते हैं, जो उर्वरकों की कार्य क्षमता को बढ़ाते हैं,और पोषक तत्वों को एकत्रित करके पौधों की जड़ तक पहुंचने में मदद करते हैं। साथ हीं मिट्टी में लंबे समय तक नमी बनाए रखते हैं। इससे पौधा शुरुआती अवस्था से ही मजबूत और स्वस्थ्य रहता है।

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कपास के बेस्ट कृषि उत्पादों का समृद्धि किट, जानें फसल में उपयोग का सही तरीका

How to use the Cotton Samridhi Kit
  • कपास समृद्धि किट का उपयोग करने के लिए, खेत की अंतिम जुताई के समय या बुवाई से पहले इन उत्पादों को गोबर की सड़ी हुई खाद में उपयुक्त मात्रा के अनुसार मिला देना चाहिए।

  • कपास समृद्धि किट में, ट्राई-कोट मैक्स – 4 किलोग्राम, टीबी-3 – 3 किलोग्राम, कॉम्बैट – 2 किलोग्राम और ताबा-जी – 4 किलोग्राम जैसे उत्पाद शामिल हैं और इसकी कुल मात्रा 13 किलो/एकड़ होती है। 

  • अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद में बुवाई से पहले अच्छी तरह से मिला कर, एक एकड़ खेत में एक सामान रूप से इसे बिखेर दें।  

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ड्रिप द्वारा दी जाने वाली मिर्च की समृद्धि किट की संपूर्ण जानकारी

Chilli drip Samridhi Kit

राइजोकेयर: इस उत्पाद में ट्राइकोडर्मा विरिडी है, जो मिट्टी में पाए जाने वाले अधिकांश हानिकारक कवकों एवं फफूंद जनित रोगों की रोकथाम में सहायक होता है। 

मैक्सरुट: इसमें ह्यूमिक एसिड, पोटैशियम और फुलविक एसिड आदि तत्व पाए जाते हैं, जो पौधे को बेहतर अंकुरण, जल्द उभार और बेहतर जड़ विकास में मदद करता है। पौधे में हरापन एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है और मिट्टी में लंबे समय तक नमी बनाए रखता है। 

नैनो बी: यह एनपीके के बैक्टीरिया का कंसोर्टिया है, जो एजोटोबैक्टर, फॉस्फोरस सॉल्युबलाइजिंग बैक्टीरिया और पोटैशियम मोबिलाइज़िंग बैक्टीरिया से मिलकर बना है। यह नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम पौधों को उपलब्ध कराते हैं। यह ऑक्सिन, विटामिन, निकोटिनिक एसिड, जिबरेलिन को संश्लेषित करता है, जो पौधे को बेहतर अंकुरण, जड़ की वृद्धि और पौधे के विकास में मदद करता है।

विगरमैक्स जेल गोल्ड: फसल की उपज बढ़ाने मे मदद करता है। पौधे में अजैविक तनाव को दूर करता है। मिट्टी में उपस्थित पोषक तत्वों को पौधों की जड़ों को उपलब्ध कराने में सहायता करता है। प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को बढ़ाता है, नमी व पोषक तत्वों की उपयोग क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है। 

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मिर्च की समृद्धि किट के बेहतरीन उत्पादों की संपूर्ण जानकारी

Complete information about the best products of chilli Samriddhi Kit

कॉम्बैट: इस उत्पाद में ट्राइकोडर्मा विरिडी है, जो मिट्टी में पाए जाने वाले अधिकांश हानिकारक कवकों एवं फफूंद जनित रोगों की रोकथाम में सहायक होता है। 

ताबा-जी: इसमें जिंक सॉल्युबलाइजिंग बैक्टीरिया होते हैं, जो पौधे को जिंक तत्व को उपलब्ध कराता है। 

ट्राई-कोट मेक्स: इस उत्पाद में ह्यूमिक एसिड, फुलविक एसिड, ऑर्गेनिक कार्बन, ऑर्गेनिक न्यूट्रिएंट्स आदि तत्व पाए जाते हैं। जो उर्वरकों की कार्य क्षमता को बढ़ाते हैं और पोषक तत्वों को एकत्रित करके पौधों की जड़ तक पहुंचने में मदद करते हैं। ये मिट्टी में लंबे समय तक नमी बनाए रखते हैं जिससे पौधा शुरुआती अवस्था से ही मजबूत और स्वस्थ्य हो जाता है। 

टीबी -3: यह एनपीके बैक्टीरिया का कंसोर्टिया है, जो एजोटोबैक्टर, फॉस्फोरस सॉल्युबलाइजिंग बैक्टीरिया और पोटैशियम मोबिलाइज़िंग बैक्टीरिया से मिलकर बना है, जो नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम पौधों को उपलब्ध कराते हैं। 

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हाई क्वालिटी उपज देने वाली टॉप ब्रांड की मूंग बीज किस्में

High Quality Yielding Top Brand Moong Seed Varieties

वर्तमान में कई किसान भाई जायद मूंग की खेती की योजना बना रहे होंगे, इसके लिए उन्हें जबरदस्त उपज देने वाले मूंग बीज वेराइटी चाहिए होंगे। किसान इस वीडियो के माध्यम से टॉप ब्रांड के सभी उन्नत मूंग बीज किस्मों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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तरबूज एवं खरबूज की फसल को दें तेज ग्रोथ का सुपर डोज

Benefits of Samriddhi Kit in Watermelon Crop

ग्रामोफ़ोन के तरबूज और खरबूज समृद्धि किट में शामिल उत्पादों से फसल को मिलती है जबरदस्त ग्रोथ। इस किट में शामिल उत्पाद फसल में नाइट्रोजन की मात्रा को बढ़ता है, मिट्टी में उपलब्ध पोटाश और फॉस्फोरस को घुलनशील बनता है, सफेद जड़ों का विकास करता है, पौधों में हरापन आता है और पौधों की कमजोरियों को भी दूर करता है, साथ ही जड़ों के विकास को तेज करता है, और पौधों को मिट्टी से अधिक पोषक तत्व जैसे फॉस्फोरस, जिंक, कॉपर, नाइट्रोजन साथ ही पानी खींचने में मदत करता है, और यह अच्छे अंकुरण, जड़ और प्ररोह विकास के लिए भी प्रभावी है। 

उपयोग की विधि: बाढ़ सिंचाई के लिए समृद्धि किट (टी बी -3 – 3 किलो, ताबा-जी – 4 किलो, कॉम्बैट – 2 किलो, ट्राईकोट मैक्स – 4 किलो) @ 1 किट प्रति एकड़ के दर से बुवाई के समय या बुवाई के 30 दिनों के भीतर उस समय देने वाले उर्वरको के साथ मिलाकर भुरकाव करें।

टपक (ड्रिप) सिचाई पद्धति से लगाई गई फसल के लिए समृद्धि किट ड्रिप (बी एनपीके- 250 ग्राम, राइज़ोकेयर – 500 ग्राम, मैक्सरुट- 500 ग्राम, एक्स्प्लोरर ग्लोरी – 100 ग्राम) @ 1 किट प्रति एकड़ के दर उपयोग करें। 

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बैगन में बैक्टेरियल विल्ट के लक्षण एवं रोकथाम के उपाय!

Symptoms and preventive measures of bacterial wilt in brinjal crop

रोग के लक्षण: इस रोग के प्रकोप से पौधा अचानक मुरझाने लगता है, पीला पड़ने लगता है एवं अंत में पूरा पौधा सूखने लगता है। संपूर्ण पौधे के मुरझाने से पहले निचली पत्तियाँ गिर सकती हैं। पौधे के तने को, चीर कर देखने पर अंदर से भूरा दिखाई देता है। दोपहर के समय मुरझाने के लक्षण स्पष्ट दिखाई देते हैं एवं रात के समय ताजा हो जाते हैं। लेकिन जल्द ही पौधा मर जाता है।

रोकथाम के उपाय : इस रोग के रोकथाम के लिए तमिलनाडु एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के अनुसार कोनिका (कासुगामाइसिन 5% + कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 45% डब्ल्यूपी) @ 300 ग्राम प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से पौधों की जड़ क्षेत्र में ड्रेंचिंग करें।

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