तरबूज की फसल में क्या है बोरोन का महत्व, जानें इसके कमी के लक्षण

Importance of Boron in crops and deficiency symptoms in watermelon

बोरोन के महत्व: यह पौधे के ऊतकों का स्थिरीकरण करता है, और फसल की ताकत में सुधार करता है। यह कैल्शियम के साथ मिलकर काम करता है और फसल की गुणवत्ता में वृद्धि करने में भी मदद करता है। साथ ही बोरोन का फसलों में फूल व फल के निर्माण में मुख्य योगदान होता है। यह फूल व फलों को झड़ने से रोकने तथा फलों के आकार व गुणवत्ता को बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाता है।

बोरोन कमी के लक्षण: इसकी कमी से तरबूज में पौधे की नई पत्तियाँ सामान्य से छोटी रह जाती हैं, और मुड़ी हुई हो सकती हैं। पीलापन शिराओं के बीच सीमांत क्षेत्र से केंद्र की ओर बढ़ता है। सबसे छोटी पत्तियों के नोक सूख जाते हैं, और विकास बिंदु मर जाते हैं, फूल भी नहीं लगते हैं और फल खराब हो जाते हैं। फलों के आकार लेने पर फल के बाहर की त्वचा में लचीलापन जरूरी है, जिससे फल ठीक तरह से विकसित होता है, लेकिन बोरोन की कमी से फल की त्वचा में कठोरता आती है जिससे फल फट जाते हैं। 

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31 जनवरी से 3 फरवरी तक कई राज्यों में बारिश की संभावना

know the weather forecast,

उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों में पूरे दिन बादल छाए रहे जिससे धूप में तेजी ना के बराबर रही। इसकी वजह से सर्दी एक बार फिर बढ़ गई है हालांकि कोल्ड डे कंडीशन ज्यादा जगह पर दिखाई नहीं दी है। 31 जनवरी से 3 फरवरी के बीच उत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश की संभावना दिखाई दे रही है। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ज्यादा बारिश होगी जबकि उत्तरी राजस्थान, दिल्ली, उत्तरी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के मध्य भागों में हल्की बारिश हो सकती है। पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हो चुकी है इसकी तीव्रता में 31 जनवरी से बढ़ोतरी देखी जाएगी और कई जगह पर भारी बर्फबारी हो सकती है। 1 फरवरी से पूर्वी राज्यों सहित तमिलनाडु में बारिश शुरू होगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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तरबूज में फल मक्खी से होने वाले नुकसान एवं नियंत्रण के उपाय

Damage and control measure of fruit fly in watermelon

तरबूज की फसल में फल मक्खी का हमला बेहद गंभीर होता है। वयस्क मक्खी फूलों में या सीधे फलों में अंडे देती है और जब ये अंडे फूटते हैं तब इससे निकली इल्ली फल में छेद कर देती है और फलों को अंदर से खाती है। इससे फल के गूदे के भीतर भारी सड़न हो सकती है, साथ ही फल की त्वचा पर, जहां अंडे दिए जाते हैं, वहा छोटे-छोटे धब्बे पड़ते हैं। इससे हुए घाव से फल फफूंद एवं जीवाणु के संक्रमण के प्रति अतिसंवेदनशील हो जाते हैं। इसके कारण उपज में कमी आती है और फल की गुणवत्ता में भी प्रभाव पड़ता है। 

नियंत्रण: फल मक्खी के नियंत्रण एवं निगरानी के लिए, आईपीएम के अंतर्गत मेलन फ्लाय लूर @ 10 ट्रैप प्रति एकड़ के दर से खेत में लगाएं एवं नीमगोल्ड (अझाडिरॅक्टिन 0.3% EC) @ 1600 मिली प्रति एकड़ के दर से 150-200 लीटर पानी में छिड़काव करें।

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उत्तर भारत में बारिश और पहाड़ों पर भारी बर्फबारी के आसार

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26 जनवरी को पंजाब, हरियाणा, दिल्ली सहित उत्तर प्रदेश के कई जिलों में धूप खिली जिसके प्रभाव से दिन के तापमान बढे और कोल्ड डे कंडीशन लगभग समाप्त हो गई। अब दिन और रात के तापमान धीरे-धीरे बढ़ेंगे तथा सर्दी से कुछ राहत मिलेगी। पहाड़ों पर लगातार तीन वेस्टर्न डिस्टरबेंस अच्छा हिमपात देंगे। 2 से 4 फरवरी के बीच भारी बर्फबारी की संभावना नजर आ रही है। 2 से 4 फरवरी के बीच पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान, उत्तरी मध्य प्रदेश सहित उत्तर प्रदेश के कई भागों में बारिश की संभावना है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अगले दो दिनों के दौरान मध्यम से भारी बारिश हो सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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बटाटा पिकाच्या साठवणुकीच्या वेळी ही खबरदारी घ्यावी?

Keep these precautions at the time of storage in potato crop
  • बटाटे खोदल्यानंतर, त्याच्यासाठी सर्वात महत्वाचे काम म्हणजे त्याची साठवण. बटाटे व्यवस्थित साठवल्यास ते अनेक महिने खराब होण्यापासून वाचवता येतात. बटाटे साठवताना खालील गोष्टी लक्षात ठेवाव्यात. 

  • बटाटा पिकाला बराच काळ साठवणूक करून ठेवण्यासाठी 2 ते 4 अंश सेंटीग्रेड तापमान योग्य आहे.

  • बटाटे रेफ्रिजरेटरमध्ये ठेवू नयेत. याचा बटाट्याच्या चवीवर विपरीत परिणाम होतो.

  • बटाट्याची साठवणूक नेहमी हवेशीर ठिकाणी करावी. 

  • गोदाम पूर्णपणे कोरडे असावे त्यात ओलावा असल्यास बटाट्याच्या साठवणुकीवर आणि सुरक्षिततेवर विपरीत परिणाम होतो.

  • जर तुम्ही बॉक्समध्ये बटाटे साठवत असाल तर बटाट्याच्या प्रत्येक थरामध्ये एक वर्तमानपत्र ठेवा.

  •  वेळोवेळी गोदामाची तपासणी करत रहा.

  • साठवण्यापूर्वी बटाटे पाण्याने स्वच्छ करू नका. यामुळे बटाट्यातील आर्द्रता वाढते आणि साठवणूक कमी होते.

  • जर बटाटे हिरवे, तपकिरी, कुजलेले दिसू लागले आणि वास येत असेल तर असे बटाटे काढून टाका, तसेच अंकुरलेले बटाटे वेगळे करा.

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कड़ाके की सर्दी जारी, कई राज्यों में बारिश के बने आसार

know the weather forecast,

एक नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस पहाड़ों पर पहुंच चुका है इसके प्रभाव से आज से पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हो जाएगी। उड़ीसा सहित गंगिय पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड के कुछ इलाकों सहित तेलंगाना और उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश में बारिश हो सकती है। पिछले 24 घंटे के दौरान कई राज्यों के तापमान गिरे हैं परंतु 27 जनवरी से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान तथा मध्य प्रदेश के तापमान में 2 से 3 डिग्री की बढ़ोतरी होगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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31 जनवरी से पहले जरूर कर ले ये काम, नहीं तो अटक जाएंगे पीएम किसान योजना के पैसे

Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से देश भर के करोड़ों किसान अब तक लाभ ले चुके हैं। इस योजना के अंतर्गत हाल ही में एक नया अपडेट सामने आया है। किसान इस अपडेट को भूलकर भी अनदेखा ना करें। ऐसा करने से किसान पीएम किसान योजना की आगामी 16वीं क़िस्त से वंचित रह सकते हैं। दरअसल यह अपडेट योजना के लिए ई-केवाईसी करवाने को लेकर है। इसीलिए किसान भाई जितनी जल्दी हो सके अपनी ई-केवाईसी की प्रक्रिया को जरूर पूरा कर लें।

बता दें की जिन किसानों ने अब तक अपनी ई- केवाईसी पूरी नहीं की है, उनके लिए अब बस 7 दिन का वक़्त है जिसमे उन्हें यह प्रक्रिया पूरी कर लेनी होगी। इसकी पूर्ती के लिए 31 जनवरी की आखिरी तारिख तय की गई है। जो किसान इस प्रक्रिया को कर लेंगे उनके बैंक खाते में 16वीं क़िस्त के पैसे आएंगे। पर जो किसान ई- केवाईसी नहीं करवाएंगे उनके बैंक खाते इनएक्टिव हो जाएंगे। आप ई-केवाईसी करने के लिए पीएम किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट www.pmkisan.gov.in पर जरूर विजिट करें।

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्य प्रदेश के मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव?

Mustard mandi bhaw

सरसों के मंडी भाव में तेजी देखने को मिल रही है। देखिये मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव!

मध्य प्रदेश की मंडियों में सरसों के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
भोपाल भोपाल सरसों(काला) 4525 4525
छतरपुर छतरपुर सरसों(काला) 4930 5080
दमोह दमोह सरसों 4770 4895
इंदौर इंदौर सरसों 3500 3500
मुरैना कैलारस सरसों(काला) 4861 5090
कटनी कटनी सरसों(काला) 3800 5052
मुरैना सबलगढ़ सरसों(काला) 5025 5025
सागर सागर सरसों(काला) 4740 4910
सतना सतना सरसों(काला) 4450 5065
सीहोर सीहोर सरसों(काला) 4771 4771
जबलपुर शाहपुरा (जबलपुर) सरसों 5290 5310

स्रोत: एगमार्कनेट

खेती से सम्बंधित जानकारियों और ताजा मंडी भाव जानने के लिए पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो  शेयर जरूर करें।

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आइये जानते हैं साइलेज बनाने की आसान विधि

Know the method of making Silage
  • किसान भाइयों साल भर पशुओं को हरा चारा उपलब्ध कराने के लिए साइलेज एक बहुत अच्छा स्रोत है। इसके लिए दाने वाली फसलें जैसे मक्का, ज्वार, बाजरा, जई आदि को साइलेज बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। 

  • इन फसलों में जब दाने दूधिया अवस्था में हो तब 2-5 सेंटीमीटर के छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। 

  • काटे गए हरे चारे के टुकड़ों को जमीन पर कुछ घंटे के लिए फैला दे ताकि पानी की कुछ मात्रा वाष्पीकृत हो जाए।

  • अब कटे हुए चारे को पहले से तैयार साइलो पिट या साइलेज गड्ढों में डाल दें। 

  • गड्ढे में चारे को पैरों या ट्रैक्टर से अच्छे से दबाकर भरे जिससे चारे के बीच की हवा निकल जाए।

  • गड्ढे को पूरी तरह भरने के बाद उसके ऊपर मोटी पॉलिथीन डालकर अच्छी तरह से सील कर दें। 

  • इसके बाद पॉलीथिन कवर के ऊपर से मिट्टी की लगभग एक फीट मोटी परत चढ़ा दें जिससे हवा अंदर ना जा सके।

  • साइलेज के गड्ढों में भंडारित किए गए हरे चारे के टुकड़ों से साइलेज बनने लगता है, क्योंकि हवा और पानी के न होने से दबाए गए चारे में लैक्टिक अम्ल बनता है, जिस से चारा लंबे समय तक खराब नहीं होता है।

  • चारे की आवश्यकतानुसार गड्ढों को कम से कम 45 दिनों के बाद पशुओं को खिलाने के लिए खोलें।

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कई राज्यों में बढ़ सकती है बारिश, कोहरे में आएगी कमी

know the weather forecast,

दक्षिण पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ, उत्तरी तेलंगाना, उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, दक्षिणी झारखंड आदि राज्यों में बारिश होने की संभावना है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भी बारिश की गतिविधियां अब तेजी पकड़ेगी। कुछ स्थानों पर भारी बारिश की भी संभावना है। उत्तर भारत में अगले दो दिनों तक घना कोहरा छाएगा उसके बाद कोहरे की तीव्रता में कमी आना शुरू होगी तथा दिन और रात के तापमान थोड़े से बढ़ेंगे जिससे सर्दी से राहत मिलेगी। पहाड़ों पर बर्फबारी 25 जनवरी से शुरू हो सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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