सोयाबीन में उगने से पहले ही कर लें खरपतवारों का नियंत्रण

सोयाबीन की फसल से अच्छी पैदावार लेने के लिए खरपतवारों का नियंत्रण अत्यंत आवश्यक होता है। सोयाबीन को नुकसान पहुंचाने वाले कुछ मुख्य कारक जैसे- खरपतवार, कीट एवं रोगों में से सबसे अधिक हानि खरपतवारों के प्रकोप से होती है। खरपतवारों के प्रकोप से सोयाबीन की फसल में 20 से 50% तक नुकसान हो जाता है। सोयाबीन में खरपतवार से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए सोयाबीन की फसल को बुवाई के 45 से 50 दिन तक खरपतवारों से मुक्त रखना चाहिए।

सोयाबीन की फसल में निराई-गुड़ाई का कार्य समय-समय पर जरूर करें, पहली निराई-गुड़ाई 20-25 दिन पर तथा दूसरी 40-45 दिन की फसल होने पर करें। रासायनिक नियंत्रण के लिए, बुवाई के 72 घंटे के भीतर पेन्ज़ोला 32 (पेंडीमिथालिन 30% + इमाज़ेथापायर 2%) 1 लीटर/एकड़ 200 लीटर  मिला कर छिड़काव करें। 

नोट – बेहतर परिणाम के लिए, खरपतवारनाशक दवा का प्रयोग करते समय मिट्टी में नमी होना बेहद जरूरी है और फ्लैट फैन नोज़ल का उपयोग करें।

कृषि क्षेत्र एवं किसानों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें और शेयर करना ना भूलें। 

Share

See all tips >>