मक्का की फसल में उगने वाले खरपतवारों के प्रकोप से फसल में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। अधिक खरपतवार उगाने के कारण मक्का के पौधों में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में बाधा पहुंचती है। इसके कारण पौधों की अच्छी वृद्धि नहीं हो पाती है। अधिक खरपतवार होने से कीट व रोग का प्रकोप होने लगता है। जहां तक संभव हो, निराई-गुड़ाई से खरपतवारों की रोकथाम करें, इससे खरपतवार तो कम होंगे, साथ ही साथ पौधों का विकास भी अच्छी तरह से होगा।
रासायनिक नियंत्रण लिए, बुवाई के तुरंत बाद धानुजीन (एट्राजिन 50% WP) 300-400 ग्राम/एकड़ या (बुवाई के 20 से 30 दिन बाद) लाउडिस (टेंबोट्रीयोन 42% SC) 115 मिली/एकड़ को 200 लीटर पानी में मिला कर छिड़काव करें।
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