धान में बढ़ेगा तना छेदक का प्रकोप, जानें बचाव के सटीक उपाय

धान की फसल में तना छेदक का प्रकोप देखा जा सकता है। इससे बचाव के लिए आप कई तरीके व दवाइयों का इस्तेमाल कर सकते हैं। आइये बारी बारी से जानते हैं इन सभी तरीकों के बारे में।

  • जैविक नियंत्रण: शिकारियों, परजीवियों और रोगजनकों जैसे प्राकृतिक शत्रुओं का उपयोग करके तना छेदक की संकिया को  नियंत्रित किया जा सकता है।

  • खेती के तरीके: समय पर रोपण, उचित सिंचाई और मिट्टी की उर्वरता प्रबंधन जैसे उचित क्षेत्र प्रबंधन प्रथाओं से तना छेदक के संक्रमण को कम किया जा सकता है।

  • इंटरक्रॉपिंग: धान की फसल के साथ-साथ अन्य फसलें लगाने से तना छेदक कीट की संख्या को कम किया जा सकता है।

  • वानस्पतिक कीटनाशकों का उपयोग: नीम, तुलसी और लहसुन जैसे कुछ पौधों में तना छेदक के विकर्षक गुण पाए गए हैं और इन्हें वनस्पति कीटनाशकों के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

  • रासायनिक नियंत्रण के उपाय: उपयोग करें प्रोफेनोवा सुपर (साइपरमैथिन 4% EC + प्रोफेनोफॉस 40% EC) @ 400-600 मिली/एकड़ या फिपनोवा (फिप्रोनिल 5% SC) 400-600 मिली/एकड़ की दर से।

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