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आज आपण भेंडीच्या काही मुख्य प्रकारांबद्दल चर्चा करीत आहोत, त्या द्वारे शेतकऱ्यांना चांगले उत्पन्न मिळू शकते.
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स्वर्ण | राधिका, महिको NO-10, नुनहेम्स सिंघम 7000 सीड्स वापरा.
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या जातींची रोपे मध्यम आकाराची असतात आणि पाने छोटी असतात.
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या वाणांना 2 ते 4 शाखा आहेत आणि फळांची पहिली तोडणी 45 ते 51 दिवसांत घेता येते.
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त्यांचे फळ 12 ते 14 सेमी किंवा 12 ते 16 सेमी लांबीचे आणि 1.5 ते 1.8 सेमी व्यासाचे आहे.
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या जातींमध्ये चांगले शेल्फ लाइफसह गडद हिरवी मऊ फळे असतात ज्याचे वजन 12 ते 15 ग्रॅम असते.
बेमिसाल मजबूती वाले HyTarp तिरपाल की विशेषताएं
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यह तिरपाल पूरी तरह से वर्जिन प्लास्टिक से बनी है और इसमें मिट्टी या फिलर का कंटेंट नहीं है।
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इस तिरपाल की मोटाई 200 GSM होने के साथ ये 3 लेयर बनी की है जिसकी वजह से तिरपाल काफी मजबूत और टिकाऊ है।
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ये तिरपाल UV ट्रीटेड भी है जीसकी वजह से कड़ी धूप, ठंढ और बारीश में भी ये तिरपाल लंबे समय तक चलती है।
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ये तिरपाल एक साईड से आर्मी ग्रीन और दूसरे साईड से ब्लैक कलर की है।
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इस तिरपाल मे चारों बाजू में विशिष्ट अंतर छोड के अल्युमिनियम के आय लेट्स दिये गए हैं जो तिरपाल को रस्सी से बाँधने मे काम आयेंगे।
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यह तिरपाल सभी रेग्युलर साईज 11×15, 15×18, 21×30, 24×36, 30×30 में उपलब्ध है।
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बंगाल की खाड़ी पर बनेगा जोरदार सिस्टम, कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी
दक्षिणी बांग्लादेश और उससे सटे हुए उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी के क्षेत्र के ऊपर जल्दी ही एक निम्न दवाब का क्षेत्र बन सकता है। यह उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा तथा इसके प्रभाव से पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार के कई जिलों में भारी बारिश होगी। सिक्किम सहित बांग्लादेश और उत्तर पूर्वी राज्यों में भी मूसलाधार बारिश की संभावना है। महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल के भी कई जिलों में अच्छी बारिश से जारी रह सकती है। हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी 6 अक्टूबर को हल्की बारिश की संभावना है। उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में अधिकतर क्षेत्रों के तापमान सामान्य से अधिक बने हुए हैं। पहाड़ों का मौसम लगभग साफ बना रहेगा।
स्रोत: स्काइमेट वेदर
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ड्रोन खरीदी पर महिलाओं को मिलेगी 8 लाख तक की सब्सिडी, जल्द उठाएं लाभ
कृषि क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को बहुत ज्यादा प्रचारित नहीं किया जाता है हालांकि महिलाएं हमेशा से खेती के कार्यों में अपना योगदान देती आयी हैं। महिलाओं को भी कृषि क्षेत्र में पहचान मिले, वे सशक्त और आत्मनिर्भर बनें इस उद्देश्य की पूर्ती हेतु सरकार की तरफ से कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन्हीं योजनाओं में से एक है ‘ड्रोन दीदी योजना’ जिसके माध्यम से महिलाओं को सब्सिडी पर कृषि ड्रोन दिए जाएंगे और ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग भी दी जायेगी।
बता दें कि भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘ड्रोन दीदी योजना’ के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह से जुड़ी तक़रीबन 3000 महिलाओं को ड्रोन खरीदने पर 10 लाख रुपये तक सब्सिडी उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके अलावा इस योजना के तहत कृषि विभाग या फिर कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से ड्रोन उड़ाने की मुफ्त में ट्रेनिंग भी दी जाएगी ताकि महिलाएं आसानी से ड्रोन उड़ा पाएं।
इस योजना के माध्यम से सब्सिडी और लोन दोनों का लाभ लिया जा सकता है। गौरतलब है की ड्रोन की कुल कीमत का 80% (8 लाख रुपये) तक सब्सिडी के रूप में उपलब्ध करवाया जाएगा वहीं बाकी की राशि के लिए महिलायें AIF स्कीम से 3% ब्याज दर पर लोन ले सकती हैं।
इस योजना का लाभ उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक की महिला किसानों को मिलेगा। योजना का लाभ लेने के लिए महिलायें अपनी किसी भी नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय या फिर KVK में जाकर संपर्क कर सकती हैं।
स्रोत: कृषि जागरण
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क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव, देखें मध्य प्रदेश के मंडियों का हाल
मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।
मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव | ||||
जिला | कृषि उपज मंडी | किस्म | न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) | अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
शाजापुर | आलोट | सोयाबीन | 4479 | 4730 |
आलीराजपुर | आलीराजपुर | सोयाबीन | 4300 | 4400 |
अशोकनगर | अशोकनगर | सोयाबीन | 4270 | 4390 |
धार | बदनावर | सोयाबीन | 4060 | 4761 |
दमोह | दमोह | पीला | 3990 | 4300 |
देवास | देवास | सोयाबीन | 3500 | 4700 |
धार | धामनोद | सोयाबीन | 3400 | 4000 |
धार | धार | सोयाबीन | 3940 | 4500 |
धार | गंधवानी | सोयाबीन | 4300 | 4300 |
देवास | हाटपिपलिया | सोयाबीन | 3800 | 3800 |
झाबुआ | झाबुआ | सोयाबीन | 4200 | 4350 |
आलीराजपुर | जोबट | सोयाबीन | 4300 | 4400 |
खरगोन | खरगोन | सोयाबीन | 3500 | 4430 |
उज्जैन | महिदपुर | सोयाबीन | 4015 | 4180 |
इंदौर | महू | सोयाबीन | 3300 | 4050 |
खंडवा | मुंडी | सोयाबीन | 3200 | 3700 |
शाजापुर | नलकेहड़ा | पीला | 3500 | 4150 |
झाबुआ | पेटलावद | पीला | 4300 | 4325 |
सागर | रहली | सोयाबीन | 4700 | 4700 |
सागर | सागर | सोयाबीन | 4200 | 4205 |
इंदौर | सांवेर | सोयाबीन | 3550 | 3550 |
खरगोन | सेगांव | सोयाबीन | 4411 | 4411 |
बड़वानी | सेंधवा | सोयाबीन | 4350 | 4350 |
उज्जैन | उज्जैन | सोयाबीन | 4675 | 4675 |
स्रोत: एगमार्कनेट
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लसूण पिकाच्या लागवडीसाठी शेताची तयारी?
लसूण पिकाच्या लागवडीसाठी पाण्याचा योग्य निचरा होणारी चिकणमाती माती चांगली असते. जड जमिनीमध्ये त्याचे कंद हे विकसित होत नाहीत. पहिली नांगरणी ही माती पलटणाऱ्या नांगराने करावी, त्यानंतर शेणखत 5 टन + स्पीड कंपोस्ट 4 किलो प्रति एकर शेतात समप्रमाणात शिंपडा आणि हैरो च्या सहाय्याने 2 ते 3 वेळा नांगरणी करा. शेतातील इतर अवांछित पिकांचे अवशेष काढून टाका, जर जमिनीत ओलावा कमी असेल तर प्रथम नांगरट करा, नंतर शेत तयार करा आणि शेवटी पॅट चालवून शेताची पातळी करा.
पोषक तत्वांचे व्यवस्थापन – पीक पेरणीच्या वेळी एसएसपी 50 किलोग्रॅम + डीएपी 30 किलोग्रॅम + यूरिया 20 किलोग्रॅम + पोटाश 40 किलोग्रॅम + राइजोकेयर (ट्राइकोडर्मा विराइड1.0% डब्ल्यूपी) 500 ग्रॅम + टीबी 3 (नाइट्रोजन स्थिरीकरण, फास्फेट घुलनशील आणि पोटेशियम गतिशील जैव उर्वरक संघ) 3 किलोग्रॅम +
ताबा जी (जिंक घोलक बैक्टीरिया) 4 किलोग्रॅम + मैक्स रूट (ह्यूमिक एसिड + पोटेशियम + फुलविक एसिड) 500 ग्रॅम + ट्राई-कॉट मैक्स (जैविक कार्बन 3%, हुमिक, फुलविक, जैविक पोषक तत्वांचे एक मिश्रण) 4 किलोग्रॅम + बवे कर्ब (बवेरिया बेसियाना) 500 ग्रॅम एकत्र मिसळून शेतात प्रति एकर या प्रमाणे समप्रमाणात शिंपडावे.
Shareएक नया निम्न दबाव का क्षेत्र कई राज्यों में कराएगा भारी बारिश
4 अक्टूबर को उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी में एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र बनेगा। यह मानसून के बाद बनने वाला पहला निम्न दबाव का क्षेत्र होगा। इसके प्रभाव से उत्तर पूर्वी राज्यों सहित बांग्लादेश, गंगीय पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और झारखंड सहित आसपास के इलाकों में तेज बारिश होगी। दूसरी तरफ मानसून पहाड़ों सहित पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तरी मध्य प्रदेश, राजस्थान के अधिकांश इलाकों सहित गुजरात के कई जिलों से हट चुका है। उत्तर पश्चिम दिशा से शुष्क हवाएं उत्तर पश्चिम और मध्य भारत तक पहुंचेंगे इसके कारण मानसून अगले दो दिनों में कुछ और इलाकों से हट जाएगा। दक्षिण भारत के अधिकांश राज्यों में अच्छी बारिश होगी। महाराष्ट्र में भी बारिश की गतिविधियां बढ़ सकती हैं।
स्रोत: स्काइमेट वेदर
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कांद्याच्या रोपवाटिकेत बुरशीजन्य आजाराचे नियंत्रण
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खरीप हंगामात पावसामुळे जास्त आर्द्रता आणि मध्यम तापमान हे बुरशीजन्य आजाराच्या विकासाचे मुख्य घटक आहेत.
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कांद्याची रोपवाटिकेत मर रोग, मूळकूज, स्टेम रॉट, पाने पिवळी पडणे इत्यादी रोगांचा प्रादुर्भाव दिसून येतो.
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या रोगांमध्ये रोगजनक प्रथम वनस्पतीच्या कॉलर भागांंवर हल्ला करतो.
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शेवटी, कॉलर भाग आणि मुळे कलंकित होतात, ज्यामुळे झाडे कोसळतात आणि मरतात.
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बुरशीजन्य रोग रोखण्यासाठी पेरणीच्या वेळी निरोगी बियाणे निवडावे.
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कार्बेन्डाझिम 12% + मॅन्कोझेब 63% 30 ग्रॅम / पंप किंवा थायोफिनेट मेथाईल 70% डब्ल्यू / डब्ल्यू, 50 ग्रॅम / पंप किंवा मॅन्कोझेब 64% + मेटॅलॅक्साइल 8% डब्ल्यू.पी. 60 ग्रॅम / पंप दराने फवारणी करावी.
मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी
मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।
मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूँ के ताजा मंडी भाव | ||||
जिला | कृषि उपज मंडी | किस्म | न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) | अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल) |
रतलाम | आलोट | गेहूँ | 2652 | 2762 |
शाजापुर | आगर | गेहूँ | 2160 | 2780 |
पन्ना | अजयगढ़ | मिल गुणवत्ता | 2500 | 2525 |
सतना | अमरपाटन | मिल गुणवत्ता | 2600 | 2650 |
सतना | अमरपाटन | गेहूँ | 2400 | 2400 |
बड़वानी | अंजड़ | गेहूँ | 2000 | 2000 |
गुना | एरन | गेहूँ | 2571 | 3241 |
अशोकनगर | अशोकनगर | गेहूँ | 2500 | 3250 |
सीहोर | आष्टा | गेहूँ | 2692 | 2692 |
शिवपुरी | बदरवास | गेहूँ | 2806 | 2806 |
उज्जैन | बड़नगर | गेहूँ | 2400 | 4150 |
धार | बदनावर | गेहूँ | 2545 | 2610 |
शाजापुर | बड़ोद | गेहूँ | 2548 | 4500 |
रीवा | बैकुंठपुर | मिल गुणवत्ता | 2600 | 2655 |
सागर | बामोरा | गेहूँ | 2500 | 3300 |
सागर | बामोरा | गेहूं का मिश्रण | 2551 | 2992 |
होशंगाबाद | बानापुरा | स्थानीय | 2600 | 2850 |
सागर | बाँदा | गेहूँ | 2695 | 2800 |
रायसेन | बरेली | मिल गुणवत्ता | 2725 | 2725 |
शाहडोल | ब्यौहारी | मिल गुणवत्ता | 2527 | 2684 |
शाहडोल | ब्यौहारी | गेहूँ | 2525 | 2550 |
भोपाल | बैरसिया | स्थानीय | 2500 | 2550 |
भोपाल | बैरसिया | लोकवन | 2400 | 2838 |
भोपाल | बैरसिया | मिल गुणवत्ता | 2495 | 2632 |
भोपाल | बैरसिया | पिस्सी | 2575 | 2731 |
भोपाल | बैरसिया | शरबती | 2617 | 2618 |
बेतुल | बेतुल | मिल गुणवत्ता | 2100 | 2550 |
दतिया | भांडेर | गेहूँ | 2540 | 2707 |
खरगोन | भीकनगांव | गेहूँ | 2500 | 2500 |
भिंड | भिंड | गेहूँ | 2500 | 2500 |
भोपाल | भोपाल | गेहूँ | 2555 | 3175 |
मंडला | बिछिया | मिल गुणवत्ता | 2580 | 3101 |
छतरपुर | बिजावर | मिल गुणवत्ता | 2500 | 2669 |
सागर | बीना | स्थानीय | 2646 | 2692 |
सागर | बीना | मिल गुणवत्ता | 2652 | 2800 |
सागर | बीना | गेहूँ | 2550 | 2655 |
गुना | बीनागंज | गेहूँ | 2640 | 2660 |
रीवा | चाकघाट | मिल गुणवत्ता | 2580 | 2655 |
रीवा | चाकघाट | गेहूँ | 2629 | 2861 |
छतरपुर | छतरपुर | गेहूँ | 2500 | 2501 |
छिंदवाड़ा | छिंदवाड़ा | मिल गुणवत्ता | 2630 | 2656 |
ग्वालियर | डबरा | गेहूँ | 2575 | 2675 |
दमोह | दमोह | मिल गुणवत्ता | 2250 | 2817 |
दतिया | दतिया | मिल गुणवत्ता | 2000 | 2500 |
दतिया | दतिया | अन्य | 2490 | 2500 |
दतिया | दतिया | गेहूँ | 2800 | 3240 |
पन्ना | देवेन्द्रनगर | मिल गुणवत्ता | 2550 | 3700 |
देवास | देवास | गेहूँ | 2630 | 4030 |
धार | धामनोद | मिल गुणवत्ता | 2625 | 2665 |
धार | धामनोद | गेहूँ | 2300 | 2300 |
धार | धार | लोकवन | 2550 | 2550 |
धार | धार | मिल गुणवत्ता | 2615 | 2620 |
धार | धार | सुजाता | 2694 | 2710 |
धार | धार | गेहूँ | 2555 | 2565 |
डिंडोरी | डिंडोरी | स्थानीय | 2502 | 2840 |
नरसिंहपुर | गाडरवाड़ा | मिल गुणवत्ता | 2600 | 2785 |
नरसिंहपुर | गाडरवाड़ा | गेहूँ | 2000 | 3226 |
नरसिंहपुर | गाडरवारा(F&V) | गेहूँ | 2525 | 2560 |
धार | गंधवानी | मिल गुणवत्ता | 2535 | 2550 |
इंदौर | गौतमपुरा | मालवा शक्ति | 2612 | 2678 |
इंदौर | गौतमपुरा | गेहूँ | 2614 | 2663 |
भिंड | गोहाद | मिल गुणवत्ता | 2550 | 2575 |
डिंडोरी | गोरखपुर | मिल गुणवत्ता | 2545 | 2570 |
नरसिंहपुर | गोटेगांव | मिल गुणवत्ता | 1655 | 2985 |
नरसिंहपुर | गोटेगांव | गेहूँ | 2553 | 2553 |
नरसिंहपुर | गोटेगांव (F&V) | स्थानीय | 2644 | 2644 |
विदिशा | गुलाबगंज | शरबती | 2640 | 2640 |
गुना | गुना | गेहूँ | 2548 | 2844 |
देवास | हाटपिपलिया | गेहूँ | 2470 | 2698 |
रीवा | हनुमना | मिल गुणवत्ता | 2110 | 3090 |
हरदा | हरदा | मिल गुणवत्ता | 2000 | 2000 |
छतरपुर | हरपालपुर | गेहूँ | 2626 | 2626 |
खंडवा | हरसूद | मिल गुणवत्ता | 2741 | 2741 |
होशंगाबाद | होशंगाबाद | गेहूँ | 2275 | 2820 |
इंदौर | इंदौर | मिल गुणवत्ता | 2618 | 2618 |
इंदौर | इंदौर | गेहूँ | 2550 | 2560 |
होशंगाबाद | इटारसी | गेहूँ | 2590 | 2686 |
जबलपुर | जबलपुर | मिल गुणवत्ता | 2573 | 2586 |
जबलपुर | जबलपुर | गेहूँ | 2710 | 2715 |
सागर | जैसीनगर | मिल गुणवत्ता | 2601 | 2605 |
अनुपुर | जैतहरी | मिल गुणवत्ता | 2450 | 2685 |
रतलाम | जावरा | गेहूँ | 2700 | 2700 |
टीकमगढ़ | जतारा | मिल गुणवत्ता | 2700 | 2700 |
टीकमगढ़ | जतारा | गेहूँ | 2600 | 2690 |
दमोह | जवेरा | मिल गुणवत्ता | 2500 | 2500 |
दमोह | जवेरा | गेहूँ | 2580 | 2650 |
सीहोर | जावर | गेहूँ | 2630 | 2650 |
राजगढ़ | जीरापुर | मिल गुणवत्ता | 2300 | 2400 |
राजगढ़ | जीरापुर | गेहूँ | 2600 | 4070 |
आलीराजपुर | जोबट | मिल गुणवत्ता | 2511 | 3095 |
आलीराजपुर | जोबट | गेहूँ | 2200 | 2200 |
मुरैना | कैलारस | गेहूँ | 2500 | 2500 |
देवास | कन्नोड | गेहूँ | 2200 | 3000 |
नरसिंहपुर | करेली | स्थानीय | 2570 | 2712 |
नरसिंहपुर | करेली | गेहूँ | 2640 | 2666 |
नरसिंहपुर | करेली (F&V) | स्थानीय | 2688 | 2688 |
शिवपुरी | करेरा | मिल गुणवत्ता | 2521 | 2600 |
शिवपुरी | करेरा | गेहूँ | 2300 | 2902 |
खरगोन | कसरावद | मिल गुणवत्ता | 2300 | 3050 |
खरगोन | कसरावद | गेहूँ | 2026 | 3151 |
खरगोन | कसरावद | गेहूं का मिश्रण | 2751 | 2751 |
कटनी | कटनी | मिल गुणवत्ता | 2575 | 2733 |
कटनी | कटनी | गेहूँ | 2550 | 2688 |
कटनी | कटनी | गेहूँ-जैविक | 2200 | 2717 |
खंडवा | खंडवा | मिल गुणवत्ता | 2500 | 2530 |
शिवपुरी | खन्याधाना | मिल गुणवत्ता | 2630 | 3416 |
टीकमगढ़ | खरगापुर | मिल गुणवत्ता | 2550 | 2600 |
खरगोन | खरगोन | गेहूँ | 2500 | 2610 |
हरदा | खिरकिया | मिल गुणवत्ता | 2590 | 2625 |
राजगढ़ | खुजनेर | गेहूँ | 2505 | 2505 |
शिवपुरी | कोलारस | गेहूँ | 2640 | 2645 |
धार | कुक्षी | लोकवन | 1699 | 2736 |
धार | कुक्षी | गेहूँ | 2655 | 2685 |
राजगढ़ | कुरावर | मिल गुणवत्ता | 2575 | 2690 |
राजगढ़ | कुरावर | गेहूं का मिश्रण | 2400 | 2550 |
ग्वालियर | लश्कर | गेहूँ | 2650 | 2681 |
छतरपुर | लवकुशनगर(लौंदी) | मिल गुणवत्ता | 2640 | 2676 |
देवास | लोहारदा | गेहूँ | 2650 | 2650 |
उज्जैन | महिदपुर | गेहूँ | 2710 | 2785 |
नीमच | मनसा | गेहूँ | 2722 | 2875 |
धार | मनावर | मिल गुणवत्ता | 2100 | 2720 |
धार | मनावर | गेहूँ | 2600 | 2714 |
मंडला | मंडला | स्थानीय | 2375 | 2650 |
मंडला | मंडला | मिल गुणवत्ता | 2560 | 2625 |
मन्दसौर | मन्दसौर | लोकवन | 2365 | 2900 |
मन्दसौर | मन्दसौर | गेहूँ | 2400 | 2700 |
मन्दसौर | मन्दसौर | गेहूं का मिश्रण | 2580 | 2675 |
सतना | मेहर | स्थानीय | 2500 | 7440 |
भिंड | मेहगांव | मिल गुणवत्ता | 2551 | 2750 |
इंदौर | महू | गेहूँ | 2675 | 2751 |
मुरैना | मुरैना | गेहूँ | 2549 | 2770 |
अशोकनगर | मुंगावली | गेहूँ | 2450 | 2806 |
सतना | नागोद | मिल गुणवत्ता | 2600 | 2630 |
मंडला | नैनपुर | स्थानीय | 2538 | 2674 |
मंडला | नैनपुर | मिल गुणवत्ता | 2600 | 3600 |
शाजापुर | नलकेहड़ा | गेहूँ | 2400 | 3600 |
सीहोर | नसरुल्लागंज | गेहूँ | 2400 | 2625 |
छतरपुर | नौगांव | गेहूँ | 2590 | 2700 |
नीमच | नीमच | गेहूँ | 2770 | 2770 |
टीकमगढ़ | निवाड़ी | मिल गुणवत्ता | 2500 | 2650 |
टीकमगढ़ | निवाड़ी | गेहूं का मिश्रण | 2495 | 2755 |
रायसेन | ओबेदुल्लागंज | स्थानीय | 1700 | 2695 |
रायसेन | ओबेदुल्लागंज | मिल गुणवत्ता | 2565 | 2820 |
रायसेन | ओबेदुल्लागंज | गेहूँ | 2480 | 2645 |
जबलपुर | पाटन | मिल गुणवत्ता | 2675 | 2675 |
राजगढ़ | पचौर | मिल गुणवत्ता | 2575 | 2800 |
राजगढ़ | पचौर | गेहूँ | 2630 | 2660 |
पन्ना | लटेरी | मिल गुणवत्ता | 2650 | 2725 |
दमोह | पथरिया | गेहूँ | 2340 | 2450 |
झाबुआ | पेटलावद | गेहूँ | 2550 | 2592 |
होशंगाबाद | पिपरिया | मिल गुणवत्ता | 2290 | 2976 |
मन्दसौर | पिपल्या | गेहूँ | 2598 | 2660 |
टीकमगढ़ | पृथ्वीपुर | मिल गुणवत्ता | 2661 | 2721 |
सागर | राहतगढ़ | मिल गुणवत्ता | 2550 | 2600 |
धार | राजगढ़ | लोकवन | 2590 | 2805 |
रतलाम | रतलाम | लोकवन | 2550 | 2650 |
रतलाम | रतलाम | गेहूँ | 2575 | 2575 |
मुरैना | सबलगढ़ | मिल गुणवत्ता | 2200 | 2550 |
मुरैना | सबलगढ़ | गेहूँ | 2760 | 3231 |
सागर | सागर | मिल गुणवत्ता | 2661 | 2701 |
रतलाम | सैलाना | गेहूँ | 2931 | 3026 |
खरगोन | सनावद | मोहन मंडल | 2000 | 3172 |
खरगोन | सनावद | गेहूँ | 2831 | 3131 |
खरगोन | सनावद | गेहूं का मिश्रण | 2490 | 2535 |
इंदौर | सांवेर | गेहूँ | 2600 | 2620 |
राजगढ़ | सारंगपुर | मिल गुणवत्ता | 2100 | 2930 |
जबलपुर | सीहोरा | मिल गुणवत्ता | 2275 | 2275 |
सीहोर | सीहोर | लोकवन | 2672 | 2780 |
सीहोर | सीहोर | मालवा शक्ति | 2600 | 2720 |
सीहोर | सीहोर | मिल गुणवत्ता | 2535 | 2610 |
सीहोर | सीहोर | अन्य | 2250 | 2756 |
सीहोर | सीहोर | गेहूँ | 2531 | 2629 |
बड़वानी | सेंधवा | मिल गुणवत्ता | 2586 | 2650 |
बड़वानी | सेंधवा | गेहूँ | 2499 | 2639 |
दतिया | सेवड़ा | मिल गुणवत्ता | 2450 | 2651 |
दतिया | सेवड़ा | गेहूँ | 2500 | 2810 |
सागर | शाहगढ़ | मिल गुणवत्ता | 2500 | 2745 |
शाहडोल | शाहडोल | मिल गुणवत्ता | 2505 | 2695 |
जबलपुर | शाहपुरा(जबलपुर) | मिल गुणवत्ता | 2611 | 2723 |
शाजापुर | शाजापुर | गेहूँ | 2635 | 2720 |
मन्दसौर | शामगढ़ | गेहूँ | 2520 | 2540 |
श्योपुर | श्योपुरबडोद | गेहूँ | 2500 | 2625 |
सीधी | सीधी | मिल गुणवत्ता | 2700 | 3240 |
रायसेन | सिलवानी | मिल गुणवत्ता | 2580 | 2696 |
पन्ना | सिमरिया | मिल गुणवत्ता | 1790 | 2831 |
पन्ना | सिमरिया | गेहूँ | 2550 | 2600 |
हरदा | सिराली | मिल गुणवत्ता | 2654 | 2685 |
विदिशा | सिरोंज | शरबती | 1800 | 2750 |
विदिशा | सिरोंज | गेहूँ | 2525 | 2700 |
देवास | सोनकैच | गेहूँ | 2315 | 2725 |
रतलाम | ताल | गेहूँ | 2640 | 2660 |
उज्जैन | तराना | गेहूँ | 2450 | 2550 |
नरसिंहपुर | तेंदूखेड़ा | गेहूँ | 2650 | 2650 |
टीकमगढ़ | टीकमगढ़ | गेहूँ | 2400 | 2450 |
हरदा | टिमरनी | मिल गुणवत्ता | 2640 | 2766 |
हरदा | टिमरनी | गेहूँ | 2500 | 2500 |
रायसेन | उदयपुरा | मिल गुणवत्ता | 2300 | 2510 |
उज्जैन | उज्जैन | गेहूँ | 2505 | 2535 |
उमरिया | उमरिया | स्थानीय | 2556 | 2597 |
उमरिया | उमरिया | मिल गुणवत्ता | 2555 | 2560 |
उमरिया | उमरिया | गेहूँ | 2580 | 2735 |
उज्जैन | उन्हेल | गेहूँ | 2838 | 2980 |
विदिशा | विदिशा | मालवा शक्ति | 2622 | 3031 |
विदिशा | विदिशा | शरबती | 2570 | 2595 |
स्रोत: एगमार्कनेट
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जाणून घ्या, प्राकृतिक (नैसर्गिक) शेतीचे महत्वपूर्ण सिद्धांत
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प्राकृतिक (नैसर्गिक) शेती काय आहे? : नैसर्गिक शेती ही देशी गाईवर आधारित शेतीची प्राचीन पद्धत आहे. ज्यामध्ये देशी गाईचे गोमूत्र आणि शेणाचा वापर पीक उत्पादनात रासायनिक खते आणि इतर रसायनांच्या उत्पादनांना पर्याय म्हणून केला जातो, त्यामुळे जमिनीचे नैसर्गिक स्वरूप कायम राहते. नैसर्गिक शेतीमध्ये रासायनिक कीटकनाशकांचा वापर केला जात नाही. या प्रकारच्या शेतीमध्ये निसर्गात आढळणारे घटक कीटकनाशक म्हणून वापरले जातात.
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प्राकृतिक (नैसर्गिक) शेतीमध्ये शेणखत, शेणखत, गोमूत्र, जिवाणू खत, पिकांचे अवशेष यातून वनस्पतींना पोषक तत्वे दिली जातात. प्राकृतिक (नैसर्गिक) शेतीमध्ये, पिकाचे जीवाणू, अनुकूल कीटक आणि निसर्गात उपलब्ध सेंद्रिय कीटकनाशकांद्वारे हानिकारक सूक्ष्मजीव आणि कीटकांपासून संरक्षण केले जाते.
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चला जाणून घेऊयात प्राकृतिक (नैसर्गिक) चे महत्त्व :
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शेतात नांगरणी नाही, म्हणजे त्यात नांगरणी करायची नाही, माती फिरवायची नाही. वनस्पतींची मुळे आणि गांडुळे आणि लहान प्राणी आणि सूक्ष्म जीव यांच्या प्रवेशाद्वारे पृथ्वी नैसर्गिकरित्या स्वतःची नांगरणी करते.
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कोणतेही तयार कंपोस्ट किंवा रासायनिक खत वापरू नका. या पद्धतीत फक्त हिरवे खत आणि शेणखत वापरतात.
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खुरपणी करू नये. नांगराने किंवा तणनाशकांचा वापर करूनही. माती सुपीक बनवण्यात आणि जैव-बंधुत्व संतुलित करण्यात तणांचा मोठा वाटा आहे. मूळ तत्व हे आहे की तण पूर्णपणे नष्ट करण्याऐवजी नियंत्रित केले पाहिजे.
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रसायनांवर अजिबात अवलंबून राहू नका. मशागत आणि खतांचा वापर यासारख्या चुकीच्या पद्धतींमुळे कमकुवत झाडे वाढू लागली. तेव्हापासून शेतात रोग व कीड-असंतुलनाचे प्रश्न निर्माण होऊ लागले. छेडछाड न केल्यास निसर्गाचा समतोल पूर्णपणे बरोबर राहतो.