देशातील विविध शहरांमध्ये फळे आणि पिकांच्या किंमती काय आहेत? |
|||
बाजार |
फसल |
कमी किंमत (किलोग्रॅम मध्ये) |
जास्त किंमत (किलोग्रॅम मध्ये) |
गुवाहाटी |
कांदा |
11 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
14 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
17 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
18 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
11 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
13 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
17 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
18 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
15 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
16 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
19 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
21 |
– |
गुवाहाटी |
लसूण |
15 |
20 |
गुवाहाटी |
लसूण |
22 |
28 |
गुवाहाटी |
लसूण |
30 |
37 |
गुवाहाटी |
लसूण |
38 |
42 |
गुवाहाटी |
लसूण |
15 |
20 |
गुवाहाटी |
लसूण |
22 |
27 |
गुवाहाटी |
लसूण |
28 |
37 |
गुवाहाटी |
लसूण |
38 |
42 |
लखनऊ |
बटाटा |
20 |
21 |
लखनऊ |
कांदा |
12 |
13 |
लखनऊ |
कांदा |
14 |
16 |
लखनऊ |
कांदा |
9 |
10 |
लखनऊ |
कांदा |
11 |
13 |
लखनऊ |
कांदा |
14 |
15 |
लखनऊ |
अननस |
25 |
28 |
लखनऊ |
हिरवा नारळ |
38 |
42 |
लखनऊ |
लसूण |
20 |
25 |
लखनऊ |
लसूण |
30 |
40 |
लखनऊ |
लसूण |
45 |
50 |
लखनऊ |
मोसंबी |
28 |
– |
रतलाम |
आले |
30 |
32 |
रतलाम |
बटाटा |
18 |
20 |
रतलाम |
टोमॅटो |
26 |
34 |
रतलाम |
हिरवी मिरची |
50 |
56 |
रतलाम |
भेंडी |
14 |
18 |
रतलाम |
लिंबू |
22 |
25 |
रतलाम |
फुलकोबी |
25 |
30 |
रतलाम |
कोबी |
35 |
40 |
रतलाम |
वांगी |
13 |
14 |
रतलाम |
कारली |
35 |
36 |
रतलाम |
फणस |
18 |
20 |
रतलाम |
काकडी |
13 |
14 |
रतलाम |
शिमला मिर्ची |
36 |
40 |
रतलाम |
केळी |
35 |
36 |
रतलाम |
डाळिंब |
45 |
55 |
रतलाम |
सफरचंद |
85 |
– |
रतलाम |
पपई |
30 |
34 |
लखनऊ |
कांदा |
9 |
11 |
लखनऊ |
कांदा |
12 |
13 |
लखनऊ |
कांदा |
14 |
– |
लखनऊ |
कांदा |
15 |
– |
लखनऊ |
कांदा |
9 |
10 |
लखनऊ |
कांदा |
11 |
12 |
लखनऊ |
कांदा |
13 |
14 |
लखनऊ |
कांदा |
15 |
16 |
लखनऊ |
लसूण |
15 |
20 |
लखनऊ |
लसूण |
25 |
32 |
लखनऊ |
लसूण |
35 |
40 |
लखनऊ |
लसूण |
45 |
50 |
रतलाम |
कांदा |
3 |
6 |
रतलाम |
कांदा |
6 |
8 |
रतलाम |
कांदा |
8 |
12 |
रतलाम |
कांदा |
12 |
14 |
रतलाम |
लसूण |
7 |
9 |
रतलाम |
लसूण |
10 |
16 |
रतलाम |
लसूण |
17 |
24 |
रतलाम |
लसूण |
25 |
35 |
मध्यप्रदेश मंडीत टोमॅटोचे भाव किती होता?
मध्य प्रदेशमधील जसे की बड़वाह, बड़वानी, भोपाल, देवास, धार, गुना, इंदौर आणि मंदसौर इत्यादी विविध मंडईंमध्ये आज टोमॅटोचे भाव काय चालले आहेत? चला संपूर्ण यादी पाहूया.
विविध मंडईमधील टोमॅटोचे ताजे बाजारभाव |
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जिल्हा |
कृषी उत्पादन बाजार |
कमी किंमत (प्रति क्विंटल) |
जास्त किंमत (प्रति क्विंटल) |
खरगोन |
बड़वाह |
775 |
1500 |
बड़वानी |
बड़वानी |
1400 |
1400 |
भोपाल |
भोपाल |
1000 |
2000 |
देवास |
देवास |
400 |
1000 |
देवास |
देवास |
400 |
1000 |
धार |
धार |
1800 |
1900 |
गुना |
गुना |
490 |
650 |
इंदौर |
इंदौर |
400 |
1400 |
इंदौर |
इंदौर |
600 |
2000 |
होशंगाबाद |
इटारसी |
1600 |
1800 |
जबलपुर |
जबलपुर |
1200 |
1600 |
खंडवा |
खंडवा |
600 |
1500 |
खरगोन |
खरगोन |
500 |
800 |
खरगोन |
खरगोन |
500 |
2000 |
धार |
कुक्षी |
700 |
1100 |
मंदसौर |
मंदसौर |
1200 |
3000 |
मंदसौर |
मंदसौर |
1200 |
2000 |
सागर |
सागर |
800 |
1200 |
राजगढ़ |
सारंगपुर |
700 |
2000 |
राजगढ़ |
सारंगपुर |
800 |
1900 |
बड़वानी |
सेंधवा |
1500 |
2000 |
हरदा |
सिराली |
4000 |
4000 |
श्योपुर |
स्योपुरकलां |
2000 |
3000 |
झाबुआ |
थांदला |
800 |
1200 |
हरदा |
टिमरनी |
1500 |
2500 |
स्रोत: एगमार्कनेट प्रोजेक्ट
Share50% अनुदानावर जलस्त्रोत निर्माण करा
पिकाची उत्पादकता वाढवण्यासाठी उत्तम सिंचन व्यवस्था करणे आवश्यक आहे. मात्र, आर्थिक अडचणींमुळे सर्वच शेतकऱ्यांना सिंचनाची साधने उभी करता येत नाहीत. अशा परिस्थितीत, मध्य प्रदेश सरकार शेतकऱ्यांना मदत करण्यासाठी सिंचनाची साधने उपलब्ध करून देण्यासाठी अनेक योजना चालवत आहेत.
यापैकी एक योजना म्हणजे ‘एकीकृत बागवानी विकास मिशन MIDH’ आहे. ज्या योजनेच्या माध्यमातून शेतकऱ्यांना अनुदानावरती जलस्रोत जसे की, तलाव, कूपनलिका किंवा विहिरी निर्माण करू शकतात. या योजनेअंतर्गत (20*20*03) मीटर क्षेत्रात जलस्त्रोत तयार करण्यासाठी रु.125/घनमीटर या दराने अनुदान दिले जात आहे. सरकारच्या मते, युनिटची किंमत रु. 1 लाख 50 हजार निश्चित करण्यात आली आहे, ज्यामध्ये 50% अनुदान म्हणजेच रु. 75 हजार अनुदान म्हणून दिले जात आहे.
16 ऑगस्ट 2022 रोजी अर्ज भरण्याची प्रक्रिया सुरू झाली आहे. इच्छुक शेतकरी राज्य सरकारच्या अधिकृत वेबसाइट https://mpfsts.mp.gov.in/mphd वर ऑनलाइन अर्ज करू शकतात. या योजनेशी संबंधित सर्व माहिती अधिकृत या वेबसाईटवरही मिळू शकते. तुम्हालाही या योजनेचा लाभ घ्यायचा असेल तर उशीर न करता लवकरात लवकर अर्ज करा.
स्रोत: किसान समाधान
Shareकृषी आणि शेतकऱ्यांशी संबंधित फायदेशीर सरकारी योजनांशी संबंधित माहितीसाठी, ग्रामोफोनचे लेख दररोज वाचा आणि हा लेख खाली दिलेल्या बटनावर क्लिक करुन आपल्या मित्रांसोबत शेअर करायला विसरू नका.
मध्य प्रदेशातील निवडक मंडईंमध्ये सोयाबीनचे भाव किती आहे?
मध्य प्रदेशमधील जसे की महू, राहतगढ़ और सोनकच्छ इत्यादी विविध मंडईंमध्ये सोयाबीनचे भाव काय चालले आहेत? चला संपूर्ण यादी पाहूया.
विविध मंडईमधील सोयाबीनचे ताजे बाजारभाव |
|||
जिल्हा |
कृषी उत्पादन बाजार |
कमी किंमत (प्रति क्विंटल) |
जास्त किंमत (प्रति क्विंटल) |
इंदौर |
महू |
3400 |
3400 |
इंदौर |
महू |
3400 |
3400 |
सागर |
राहतगढ़ |
6150 |
6160 |
देवास |
सोनकच्छ |
5450 |
6250 |
स्रोत: एगमार्कनेट
Shareराजस्थानसह अनेक राज्यांमध्ये मुसळधार पावसाची शक्यता
छत्तीसगडवर तयार झालेले एक डिप्रेशन आता पुढे होऊन खोल कमी दाबाच्या क्षेत्रात बदलेल. आता पूर्व भारतासह ओरिसा, छत्तीसगड, पूर्व मध्य प्रदेश आणि विदर्भ आणि तेलंगणामध्ये पावसाचा जोर कमी होईल. याबरोबरच आता राजस्थान आणि गुजरातमधील अनेक जिल्ह्यांमध्ये मुसळधार पाऊस सुरू राहू शकतो, जे की, 17 ऑगस्टनंतर त्यामध्ये लक्षणीय घट होईल. 18 ते 20 ऑगस्ट दरम्यान राजस्थान, गुजरात आणि दक्षिण भारतातील हवामान जवळजवळ कोरडे होईल.
स्रोत: स्काइमेट वेदर
Shareहवामानाच्या अंदाजाविषयी माहितीसाठी दररोज ग्रामोफोन अॅपला भेट द्या आणि आजची ही माहिती आवडली असेल तर लाईक आणि शेअर नक्की करा.
मध्य प्रदेशमधील मंडईंमध्ये गव्हाच्या दरात किती वाढ झाली?
मध्य प्रदेशातील बड़ा मलहरा, बकतरास, भीकनगांव, छपरा, डबरा, खंडवा आणि खटोरा आदी विविध मंडईंमध्ये गव्हाची किंमत काय आहे? चला संपूर्ण यादी पाहूया.
विविध मंडईमधील गव्हाचे ताजे बाजारभाव |
|||
जिल्हा |
कृषी उत्पादन बाजार |
कमी किंमत (प्रति क्विंटल) |
जास्त किंमत (प्रति क्विंटल) |
छतरपुर |
बड़ा मलहरा |
2150 |
2200 |
सीहोर |
बकतरास |
2050 |
2120 |
खरगोन |
भीकनगांव |
1870 |
2210 |
खरगोन |
भीकनगांव |
2200 |
2347 |
राजगढ़ |
छपरा |
1990 |
2190 |
ग्वालियर |
डबरा |
2275 |
2275 |
ग्वालियर |
डबरा |
2300 |
2300 |
धार |
गंधवानी |
2020 |
2020 |
दमोह |
जावेरा |
2021 |
2025 |
झाबुआ |
झाबुआ |
2100 |
2150 |
खंडवा |
खंडवा |
2112 |
2382 |
देवास |
खातेगांव |
1963 |
2230 |
देवास |
खातेगांव |
1900 |
2147 |
शिवपुरी |
खटोरा |
2015 |
2015 |
शिवपुरी |
खटोरा |
2015 |
2015 |
ग्वालियर |
लश्कर |
2250 |
2270 |
श्योपुर |
श्योपुरबडोद |
2186 |
2186 |
श्योपुर |
श्योपुरकलां |
2000 |
2000 |
श्योपुर |
श्योपुरकलां |
2000 |
2000 |
देवास |
सोनकच्छ |
2000 |
2327 |
देवास |
सोनकच्छ |
2000 |
2327 |
उमरिया |
उमरिया |
1820 |
2020 |
स्रोत: एगमार्कनेट
Shareभरघोस सब्सिडीवरती मधमाशीपालन सुरू करा, अर्ज करण्याची संपूर्ण प्रक्रिया जाणून घ्या
बागायतदार असणाऱ्या शेतकऱ्यांचे उत्पन्न वाढविण्यासाठी केंद्र सरकारने अनेक योजना सुरू केल्या आहेत. याच क्रमामध्ये मधमाशी पालन अंतर्गत राष्ट्रीय मधमाशी पालन आणि मध मिशन योजना चालविली जात आहे. या योजनेचा मुख्य उद्देश असा आहे की, मधमाशी पालन करणाऱ्या शेतकऱ्यांना भूमिहीन आणि अल्पभूधारक शेतकर्यांसाठी उत्पन्नाचा चांगला स्रोत निर्माण करणे होय.
या योजनेच्या माध्यमातून मधमाशीपालन करणाऱ्यांना 80% ते 85% अनुदान दिले जात आहे. ज्याच्या मदतीने लाभार्थ्यांना व्यवसाय सुरू करण्यासाठी केवळ 15% ते 20% खर्च करावा लागेल. यासोबतच तज्ञांच्या मते मधमाश्या या पर्यावरणासाठी एक अतिशय उपयुक्त आणि फायदेशीर जीव आहे. अशा परिस्थितीत या योजनेअंतर्गत मधमाशांच्या संवर्धनासाठी मोठी मदत होणार असून त्यांची घटणारी संख्या वाढणार आहे.
याच क्रमाने हरियाणा सरकारने मधमाशी पालनासाठी नोंदणी करण्याची घोषणा केली आहे. अर्ज करण्याची अंतिम तारीख 20 ऑगस्ट 2022 निश्चित करण्यात आली आहे. या अंतर्गत अर्जदार मधमाशी पालन वसाहती, मधमाश्यांच्या पेट्या, मधमाशी पालन उपकरणे आणि प्रशिक्षणासाठी एकात्मिक बागायती मिशनच्या माध्यमातून लाभ घेऊ शकतात.
अर्ज करण्याची प्रक्रिया
अर्ज करण्यासाठी तुम्हाला केंद्र सरकारच्या www.india.gov.in च्या अधिकृत वेबसाइटला भेट द्यावी लागेल. येथे मधमाशी पालन कर्ज योजनेचा पर्याय सर्च करावा लागेल, त्यानंतर वेबसाइटवरून अर्ज डाउनलोड करा. हा फॉर्म काळजीपूर्वक भरा आणि संबंधित कागदपत्रांसह मधमाशी पालन केंद्रात जमा करा.
स्रोत : कृषि जागरण
Shareकृषी आणि शेतकऱ्यांशी संबंधित फायदेशीर सरकारी योजनांशी संबंधित माहितीसाठी, ग्रामोफोनचे लेख दररोज वाचा आणि हा लेख खाली दिलेल्या बटनावर क्लिक करुन आपल्या मित्रांसोबत शेअर करायला विसरू नका.
जाणून घ्या, कापूस पिकामध्ये पानांचा रंग लाल होण्याची कारणे?
मॅग्नेशियमच्या कमतरतेची लक्षणे:
मॅग्नेशियमच्या कमतरतेची लक्षणे प्रथम जुन्या पानांवर दिसतात, त्याच्या कमतरतेमुळे पानांचा हरिमाहीनता होतो. पानांच्या शिरा हिरव्या राहतात आणि शिरा वगळता उर्वरित पानांचा रंग लालसर तपकिरी दिसतो. सोबतच वेळेच्या अगोदर पाने ही खाली गळून पडतात.
शेतकरी बांधवांनो, कापूस पिकावरील पानांचे लाल होण्याचे कारण म्हणजेच लाल पानांचा रोग या नावाने ओळखले जाते. सुरुवातीला पानांची कडा पिवळी पडते आणि नंतर लाल होते. हा विकार पर्यावरणीय घटक आणि नायट्रोजन, मॅग्नेशियमचा पुरवठा आणि जास्त पाणी साचल्यामुळे होतो. हे कोणत्याही विकासाच्या टप्प्यावर होऊ शकते. शोषक किडीची लक्षणे आणि लाल पानाची लक्षणे यांच्यात फारसा फरक नाही. प्रौढ पानांमध्ये लक्षणे अनेकदा दिसतात. आणि हळूहळू संपूर्ण पानांवर पसरते. शेवटी संपूर्ण पाने सुकतात.
प्रतिबंधात्मक उपाय –
प्राकृतिक कारणांतून वाचविण्यासाठी, वेळेवर पेरणी करावी आणि शेतात पाणी साचू नये म्हणून पुरेसा निचरा असावा आणि पेरणीनंतर 40 ते 45 दिवसांनी युरिया 30 किलो + मॅग्नेशियम सल्फेट 10 किलो प्रति एकर दराने द्यावे.
Shareबंगाल की खाड़ी पर बने डिप्रेशन से होगी भारी बारिश
बंगाल की खाड़ी के उत्तर भागों में बना हुआ डिप्रेशन अब उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए उड़ीसा, छत्तीसगढ़ तथा पूर्वी मध्य प्रदेश में भारी बारिश देगा। बारिश की गतिविधियां दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के साथ-साथ गंगिया पश्चिम बंगाल में भी देखी जा सकती हैं। भारत के पश्चिमी तट पर बारिश हल्की रहेगी। गुजरात के भी कुछ भागों में अच्छी बारिश संभव है।
स्रोत: स्काइमेट वेदर
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