मिलेंगे 37500 रुपये, अपने छत पर उगाएं फल और सब्जी, उठाएं योजना का लाभ

Roof Top Gardening Scheme

आज अगर हम शहरी क्षेत्रों के लोगों की जिंदगी देखें तो यह बिलकुल भागदौड़ वाली हो गई है। शहर के लोगों के पास खेतों में जा कर खेती करने का तो बिलकुल भी समय नहीं होता है। पर कई शहरी लोग चाहते हैं की वो खुद अपनी सब्जियों और फलों की खेती करें। ऐसे लोगों की मदद के लिए अब सरकार आगे आ रही है और शहरी लोगों को अपने छतों पर फल और सब्जी उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। बिहार सरकार ने तो इसके लिए एक विशेष योजना भी शुरू कर दी है।

बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना का नाम है ‘छत बागवानी योजना’ जिसका लाभ आम किसान के साथ साथ अन्य शहरी लोग भी उठा सकते हैं। इस योजना के तहत आप अपने घर की छत पर बागवानी कर सकते हैं और इसके लिए आपको सरकारी सब्सिडी भी मिलती है। बता दें की यह सब्सिडी छत पर जैविक फल, फूल व सब्जी उगाने पर दी मिलती है।

छत पर बागवानी योजना जिसे अंग्रेजी में Roof Top Gardening Scheme कहते हैं, के तहत लोग अपने घर की छत पर उगाए गए जैविक फल, फूल व सब्जी आदि के लिए 37,500 रुपये तक की सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना का लाभ पटना, गया, मुजफ्फरपुर और भागलपुर जैसे शहरों के लोग उठा सकते हैं। छत पर की जाने वाली इस खेती में जो लागत आती है उसका 75% तक सब्सिडी के रूप में सरकार देती है। यहाँ यह ध्यान रखें की आपके छत पर 300 वर्ग फीट खुली जगह जरूर हो।

बिहार राज्य के कृषि विभाग द्वारा इस सब्सिडी योजना को लेकर जारी की गई सूचना के अनुसार, एक 300 वर्ग फीट आकार के फार्मिंग बेड) की कुल लागत लगभग 50000 रुपये तक आती है। इस रकम का 75% यानी 37500 रुपये अनुदान के रूप में मिल जाते हैं और बाकी के 12,500 रुपये लाभार्थी द्वारा देने होते हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी?

wheat mandi bhaw,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूँ के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
बड़वानी अंजड़ मिल गुणवत्ता 2370 2400
छतरपुर बड़ामलहेड़ा मिल गुणवत्ता 2490 2550
धार बदनावर लोकवन 2500 3305
देवास बागली मिल गुणवत्ता 2151 2151
छतरपुर बकस्वाहा मिल गुणवत्ता 2225 2250
सागर बामोरा मिल गुणवत्ता 2600 2600
होशंगाबाद बानापुरा स्थानीय 2553 2605
बेतुल बेतुल मिल गुणवत्ता 2590 2664
छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा मिल गुणवत्ता 2613 2871
छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा स्थानीय 2620 2937
ग्वालियर डबरा अन्य 2500 2550
सागर देवरी मिल गुणवत्ता 2300 2325
धार गंधवानी मिल गुणवत्ता 2790 2800
भिंड गोहाद मिल गुणवत्ता 2445 2455
हरदा हरदा मिल गुणवत्ता 2326 2864
खंडवा हरसूद मिल गुणवत्ता 2526 2701
जबलपुर जबलपुर मिल गुणवत्ता 2250 2660
रतलाम जावरा लोकवन 2557 2792
राजगढ़ जीरापुर मिल गुणवत्ता 2500 2580
कटनी कटनी मिल गुणवत्ता 2380 2510
खंडवा खंडवा मिल गुणवत्ता 2565 3336
टीकमगढ़ खरगापुर मिल गुणवत्ता 2359 2401
खरगोन खरगोन मिल गुणवत्ता 2570 2595
हरदा खिरकिया मिल गुणवत्ता 2656 2754
सागर खुरई लोकवन 2660 2660
शिवपुरी मगरोनी मिल गुणवत्ता 2465 2504
सतना मेहर स्थानीय 2379 2435
सतना नागोद मिल गुणवत्ता 2425 2499
मंडला नैनपुर स्थानीय 2300 2300
रायसेन ओबेदुल्लागंज स्थानीय 2621 2621
जबलपुर पाटन मिल गुणवत्ता 2430 2430
खंडवा पंधाना लोकवन 2570 2610
होशंगाबाद पिपरिया मिल गुणवत्ता 2381 2621
धार राजगढ़ लोकवन 2450 3303
सतना रामनगर मिल गुणवत्ता 2410 2410
रीवा रीवा लोकवन 2480 2480
रीवा रीवा मिल गुणवत्ता 2479 2533
राजगढ़ सारंगपुर मिल गुणवत्ता 2500 2500
सीहोर सीहोर लोकवन 2580 3037
सीहोर सीहोर मिल गुणवत्ता 2449 3000
सीहोर सीहोर शरबती 3641 3641
सीहोर सीहोर अन्य 3041 3041
होशंगाबाद सेमरीहरचंद मिल गुणवत्ता 2500 2557
बड़वानी सेंधवा लोकवन 2200 2200
सागर शाहगढ़ मिल गुणवत्ता 2401 2425
सीधी सीधी मिल गुणवत्ता 2150 2270
हरदा सिराली मिल गुणवत्ता 2580 2650
हरदा टिमरनी लोकवन 2821 2821
हरदा टिमरनी मिल गुणवत्ता 2425 2660
उमरिया उमरिया मिल गुणवत्ता 2100 2100

स्रोत: एगमार्कनेट

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तरबूज़ की फसल में पोषक तत्व प्रबंधन!

Nutrient Management in Watermelon Crop!
  • तरबूज़ की फसल में बुवाई के बाद, 40 दिन तक वानस्पतिक अवस्था चलती है, इसके बाद फूल आना शुरू हो जाता है। 

  • जब फसल 25 से 30 दिन की हो रही हो, तब इस अवस्था में 10:26:26 @ 75 किग्रा + पोटाश @ 25 किग्रा + बोरान 800 ग्राम + कैल्शियम नाइट्रेट @10 किग्रा, को आपस में मिलाकर एक एकड़ क्षेत्र के हिसाब से भुरकाव करें एवं हल्की सिंचाई करें। 

  • जंहा पर फसल 45 से 50 दिन की हो रही है, 19:19:19 @ 50 किग्रा या 20:20:20 @ 50 किग्रा + एमओपी @ 50 किग्रा, इन सभी को आपस में मिलाकर एक एकड़ क्षेत्र के हिसाब से भुरकाव करें एवं हल्की सिंचाई करें।

ड्रिप के लिए पोषक तत्व प्रबंधन 

  • जंहा पर फसल की अवधि 11 से 25 दिन की अवस्था की हो रही है वहां अभी – 19:19:19 @ 3 किग्रा + यूरिया @ 1 किग्रा + 00:52:34 @ 1 किग्रा + 13:00:45, @ 2 किग्रा + मैग्नीशियम सल्फेट @ 350 ग्राम प्रति दिन, प्रति 15 दिन तक ड्रिप के माध्यम से चलाएं। 

  • वहीं जंहा पर फसल की अवधि, 26 से 75 दिन की हो रही है, वहां 19:19:19 @ 1 किग्रा + 00:52:34 @ 500 ग्राम + 00:00:50 @ 1 किग्रा + 13:00:45, @ 1 किग्रा प्रति दिन, प्रति 50 दिन तक ड्रिप के माध्यम से चलाएं। 

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मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और झारखंड में बारिश के आसार

know the weather forecast,

पंजाब से लेकर हरियाणा, दिल्ली, उत्तर, प्रदेश, और मध्य प्रदेश में शीत लहर और शीत दिवस का कहर जारी है। गंगा के मैदानी क्षेत्रों में अभी भी घना कोहरा छाया हुआ है जिससे दिन के तापमान कम हैं। 16 जनवरी से एक नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस पहाड़ों को प्रभावित करेगा ऊंचे पहाड़ों पर बर्फबारी होगी तथा निचले इलाकों में बारिश संभव है। अब मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के तापमान में भी गिरावट होने की संभावना दिखाई दे रही है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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रबी धान की नर्सरी में पीलापन नियंत्रण एवं तेज बढ़वार हेतु आवश्यक छिड़काव

Necessary spraying for yellowness and growth in rabi paddy nursery

किसान गर्मी के धान की नर्सरी के लिए बीजों की बुआई काफी जगहों पर कर चुके हैं। परंतु मौसम के बदलाव की वजह से फसलों पर विपरीत प्रभाव हो रहा है, जिस कारण से धान की नर्सरी पीली पड़ रही है एवं पौधों की वानस्पतिक विकास भी सही से नहीं हो पा रही है। ऐसे स्थिति में आइये जानते है की नर्सरी को कैसे बचाएं।   

बचाव के उपाय

  • नर्सरी में शाम के समय सिंचाई जरूर करें। 

  • हो सके तो नर्सरी के चारों ओर शाम के समय धुआँ कर दें। 

  • पाला पड़ने की सम्भावना होने पर, मोनास कर्ब (स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस 1.0% डब्ल्यूपी) @ 500 ग्राम + नोवामैक्स (जिब्रेलिक एसिड 0.001 % एल) @ 300 मिली, प्रति एकड़ 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

या

  • वोकोविट (सल्फर 80% डब्ल्यूडीजी) @ 35 ग्राम + नोवामैक्स (जिब्रेलिक एसिड 0.001% एल) @ 30 मिली, प्रति 15 लीटर पानी के हिसाब से फसलों के ऊपर छिडक़ाव करें। इससे दो से ढाई डिग्री सेंटीग्रेड तक तापमान बढ सकता है।

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कई राज्यों में कोहरे और ठंड का कहर, पूर्वी राज्यों में जल्दी होगी बारिश

know the weather forecast,

उत्तर भारत में घने कोहरे का प्रभाव दिखाई दे रहा है सड़क रेल और हवाई यातायात बाधित हो रहे हैं। दिन के तापमान अधिक नहीं बढ़ पा रहे। कई जगह शीतलहर की स्थिति बनी हुई है तथा कहीं-कहीं पाला भी पड़ रहा है। लगभग पूरे देश का मौसम सूखा बना हुआ है। 16 और 17 जनवरी से उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ तथा पूर्वी मध्य प्रदेश में बारिश हो सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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प्याज की फसल में बैंगनी धब्बा रोग के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय!

Symptoms and control measures of Purple blotch disease in the onion crop

क्षति के लक्षण: इस रोग के प्रकोप से पत्तियों के ऊपरी भाग पर अनियमित हरिमाहीन क्षेत्र के साथ छोटे-छोटे सफेद बिंदु होते है। हरिमाहीन क्षेत्र में गोलाकार से आयताकार गाढ़े काले मखमली छल्ले या बैंगनी धब्बे दिखाई देते हैं। पत्तियों के आधार की ओर घाव विकसित होते हैं। संक्रमित पत्तियां नीचे की ओर लटक जाती हैं और मर जाती हैं। इस रोग से, संक्रमित पौधे के कंद भी संक्रमित हो जाते हैं।

नियंत्रण के उपाय: इस रोग के नियंत्रण के लिए, नोवाक्रस्ट (एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 11% + टेबुकोनाज़ोल 18.3% एससी) @ 300 मिली या स्कोर (डाइफेनोकोनाजोल 25% ईसी) @ 200 मिली + सिलिकोमैक्स गोल्ड @ 50 मिली + नोवामैक्स  (जिब्रेलिक एसिड 0.001% एल) @ 300 मिली, प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

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उत्तर भारत सहित राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात में गिरेंगे तापमान

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हरियाणा और राजस्थान के कुछ जिलों में शीतलहर और पाले का प्रकोप जारी है। उत्तर भारत के मैदानी भागों में अभी भी घना कोहरा छाया हुआ है जिसके कारण दिन के तापमान सामान्य के नीचे बने हुए हैं। अब धीरे-धीरे दिन के तापमान बढ़ेंगे परंतु न्यूनतम तापमान काफी नीचे जा सकते हैं। 16 जनवरी से नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस पहाड़ों पर बर्फबारी दे सकता है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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आलू की फसल में पोटेटो वायरस रोग की पहचान एवं नियंत्रण के उपाय!

Measures for identification and control of potato virus and disease in the potato crop

क्षति के लक्षण: इस वायरस का रोगवाहक माहु कीट है,साथ ही साथ, यह रोग प्रभावित आलू की बुवाई करने से एवं खरपतवार से भी फैलता है, एफिड(माहु) एक छोटे आकार का कीट है जो पत्तियो का रस चूसते है। जिसके फलस्वरूप पत्तियाँ सिकुड़ जाती है और पत्तियो का रंग पीला हो जाता है । पत्तियाँ ऐंठीं हुई दिखाई देती है। बाद में पत्तिया सूखकर गिर जाती हैं।

नियंत्रण के उपाय 

  • निगरानी के लिए 8 से 10 पीले चिपचिपे जाल प्रति एकड़ के हिसाब से स्थापित करें।

  • इस कीट के नियंत्रण के लिए, एडमायर (इमिडाक्लोप्रिड 70% डब्ल्यूजी) @ 36 ग्राम  या रोगोर (डाईमेथोएट 30% ईसी) @ 264 मिली  +  सिलिकोमैक्स गोल्ड @ 50 मिली + नोवामैक्स (जिब्रेलिक एसिड 0.001 % एल) @ 300 मिली, प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

  • 3 दिन बाद प्रिवेंटल BV, @ 100 ग्राम प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

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कई राज्यों में पाला पड़ने की संभावना, देखें अपने क्षेत्र का मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

दिल्ली सहित कई राज्यों में न्यूनतम तापमान लगातार गिर रहा है तथा सुबह के समय पाला पड़ रहा है। खेतों में हल्की बर्फ की चादर जैसी जम गई है। परंतु अब कोहरे की इंटेंसिटी कम होगी। जिस दिन में धूप निकलेगी तथा दिन के तापमान बढ़ेंगे उस दिन, दिन की सर्दी कम हो जाएगी, कोल्ड डे हट जाएगा परंतु शीत लहर की स्थिति बन सकती है। एक नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस 13 जनवरी को पहाड़ों पर हल्का हिमपात दे सकता है। इसके बाद दूसरा वेस्टर्न डिस्टरबेंस है 16 से 18 जनवरी के बीच बर्फबारी देगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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