मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में होगी बेमौसम बारिश

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पिछले 24 घंटे के दौरान विदर्भ छत्तीसगढ़ और दक्षिण पूर्वी मध्य प्रदेश में बारिश की गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं। अगले दो दिनों के दौरान बारिश झारखंड, बिहार, उड़ीसा और उत्तर प्रदेश तक पहुंचेगी पश्चिम बंगाल के भी कई जिले बारिश देख सकते हैं। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के अधिकांश भागों में सुबह और रात की सर्दी बरकरार रहेगी और दिन में तेज धूप निकल सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के उच्च भाव 5600 रुपए के पार

soybean mandi Bhaw,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
आलीराजपुर आलीराजपुर सोयाबीन 4000 4400
बड़वानी अंजड़ पीला 4000 4200
धार बदनावर पीला 5000 5000
धार बदनावर सोयाबीन 3600 4610
शिवपुरी बराड़ सोयाबीन 4174 4366
शाजापुर बेरछा सोयाबीन 4500 4710
खरगोन भीकनगांव सोयाबीन 2501 4461
राजगढ़ ब्यावरा पीला 5605 5605
राजगढ़ ब्यावरा सोयाबीन 3740 4545
बुरहानपुर बुरहानपुर सोयाबीन 4300 4300
अशोकनगर चंदेरी सोयाबीन 4380 4380
देवास देवास सोयाबीन 4525 4525
धार धार सोयाबीन 4500 4500
इंदौर गौतमपुरा सोयाबीन 4000 4400
डिंडोरी गोरखपुर पीला 4200 4200
हरदा हरदा पीला 3925 4425
इंदौर इंदौर पीला 1030 4595
अशोकनगर ईसागढ़ सोयाबीन 4365 4365
राजगढ़ जीरापुर पीला 4110 4500
राजगढ़ जीरापुर सोयाबीन 4285 4540
आलीराजपुर जोबट सोयाबीन 4350 4400
खरगोन खरगोन सोयाबीन 4370 4500
देवास खातेगांव सोयाबीन 4250 4400
धार कुक्षी सोयाबीन 4300 4300
राजगढ़ कुरावर पीला 1505 4545
राजगढ़ कुरावर सोयाबीन 1500 4525
विदिशा कुरवाई पीला 4390 4410
राजगढ़ माचलपुर पीला 4100 4400
गुना मकसूदनगढ़ सोयाबीन 4180 4500
मन्दसौर मन्दसौर सोयाबीन 4350 4500
खंडवा पंधाना पीला 3806 4415
छिंदवाड़ा पंधुरना सोयाबीन 4200 4200
झाबुआ पेटलावद सोयाबीन 4100 4450
सागर राहतगढ़ पीला 3990 4400
सागर राहतगढ़ सोयाबीन 4170 4319
धार राजगढ़ पीला 4000 4050
सागर सागर पीला 3200 4515
सागर सागर सोयाबीन 4225 4280
बड़वानी सेंधवा पीला 4470 4500
बड़वानी सेंधवा सोयाबीन 4100 4495
सागर शाहगढ़ सोयाबीन 4190 4200
विदिशा शमसाबाद सोयाबीन 4180 4210
उज्जैन तराना सोयाबीन 4175 4476
उज्जैन उज्जैन पीला 4475 4475
विदिशा विदिशा पीला 3920 4100

स्रोत: एगमार्कनेट

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तरबूज की फसल में फल नोक सड़न के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय

Symptoms and control of blossom end rot in watermelon crop

ब्लॉसम एंड रोट पौधे में कैल्शियम की कमी के कारण होता है। जब इसके लक्षण दिखाई देते है, तब यह हो सकता है की मिट्टी में पर्याप्त कैल्शियम नहीं है, या कैल्शियम मौजूद है लेकिन पौधों की जड़ वो कैल्शियम अवशोषित नहीं कर पाती है। इस रोग में फल के सिरे पर गहरा भूरा या काला धब्बा दिखाई देता है, जो बाद में सूख जाता है, या चमड़े जैसा हो जाता है। शुरुआती अवस्था में यह हल्का हरा होता है लेकिन जैसे -जैसे फल परिपक्व होते है यह भूरा एवं काला हो जाता है।

नियंत्रण: इसके नियंत्रण के लिए चिलेटेड कैल्शियम @ 1 – 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के दर से छिड़काव करें, या यारा लिवा कैल्सिनेट (कैल्शियम नाइट्रेट) @ 0.5 – 1.25 किलोग्राम प्रति दिन प्रति एकड़ के दर से ड्रिप के माध्यम से एक सप्ताह के लिए उपयोग करें। साथ ही खेत में लगातार पर्याप्त नमी बनाए रखें।

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बारिश के साथ ओले गिरने की संभावना, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

आज 10 फरवरी से महाराष्ट्र के विदर्भ मराठवाड़ा सहित दक्षिणी छत्तीसगढ़, दक्षिण पूर्वी मध्य प्रदेश और उत्तरी तेलंगाना में बारिश शुरू हो सकती है। 11 और 12 फरवरी को बारिश की गतिविधियां मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित झारखंड और आंतरिक उड़ीसा में पहुंचेगी। 13 से 14 फरवरी के बीच पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में भी बारिश की संभावना है। पहाड़ों सहित पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात तथा पश्चिमी मध्य प्रदेश का मौसम शुष्क रहेगा। दो दिनों बाद दक्षिण भारत में तमिलनाडु और दक्षिणी केरल में हल्की बारिश हो सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी?

wheat mandi rates

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूँ के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
सतना अमरपाटन मिल गुणवत्ता 2380 2420
अशोकनगर अशोकनगर शरबती 3100 4011
सीहोर आष्टा मिल गुणवत्ता 2645 2645
छतरपुर बड़ामलहेड़ा मिल गुणवत्ता 2360 2410
धार बदनावर लोकवन 2000 3375
धार बदनावर मिल गुणवत्ता 2420 2870
सीहोर बकतारा मिल गुणवत्ता 2300 2300
होशंगाबाद बानापुरा स्थानीय 2260 2562
होशंगाबाद बनखेड़ी मिल गुणवत्ता 2575 2575
रायसेन बरेली मिल गुणवत्ता 2156 2325
भोपाल बैरसिया लोकवन 2307 2513
भोपाल बैरसिया मिल गुणवत्ता 2200 2508
भोपाल बैरसिया स्थानीय 2275 2540
बेतुल बेतुल मिल गुणवत्ता 2490 2515
दतिया भांडेर मिल गुणवत्ता 2369 2396
दतिया भांडेर अन्य 2380 2380
खरगोन भीकनगांव मिल गुणवत्ता 2525 2550
भिंड भिंड मिल गुणवत्ता 2460 2479
भोपाल भोपाल लोकवन 2407 2407
भोपाल भोपाल मिल गुणवत्ता 2409 2691
राजगढ़ ब्यावरा मिल गुणवत्ता 2290 2495
सागर बीना मिल गुणवत्ता 2300 2381
सागर बीना स्थानीय 2456 3161
शाहडोल बुढ़ार मिल गुणवत्ता 2500 2550
छिंदवाड़ा चौरई मिल गुणवत्ता 1964 1964
छतरपुर छतरपुर मिल गुणवत्ता 2375 2400
छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा स्थानीय 2400 2981
दतिया दतिया मिल गुणवत्ता 2400 2453
धार धार लोकवन 1600 3320
डिंडोरी डिंडोरी स्थानीय 2250 2250
नरसिंहपुर गाडरवाड़ा मिल गुणवत्ता 2253 2410
धार गंधवानी मिल गुणवत्ता 2570 2700
विदिशा गंज बासौदा लोकवन 1900 2533
विदिशा गंज बासौदा मिल गुणवत्ता 2282 2896
विदिशा गंज बासौदा शरबती 2993 3970
विदिशा गंज बासौदा स्थानीय 2515 2515
इंदौर गौतमपुरा लोकवन 2350 2350
भिंड गोहाद मिल गुणवत्ता 2365 3955
हरदा हरदा मिल गुणवत्ता 1999 2800
खंडवा हरसूद मिल गुणवत्ता 1701 2498
इंदौर इंदौर लोकवन 2223 3256
इंदौर इंदौर मिल गुणवत्ता 2590 2851
जबलपुर जबलपुर मिल गुणवत्ता 2102 2511
सागर जैसीनगर मिल गुणवत्ता 2325 2325
सीहोर जावर मिल गुणवत्ता 2051 2650
राजगढ़ जीरापुर मिल गुणवत्ता 2405 2465
शिवपुरी करेरा लोकवन 2450 2480
खरगोन कसरावद मिल गुणवत्ता 2500 2620
कटनी कटनी मिल गुणवत्ता 2000 2485
खंडवा खंडवा मिल गुणवत्ता 1500 2776

स्रोत: एगमार्कनेट

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आलू की खुदाई के समय इन सावधानियों से उपज को नहीं होगा नुकसान

The yield will not be harmed by these precautions at the time of potato digging

आलू की खुदाई ज्यादातर फरवरी से शुरू होकर मार्च के दूसरे सप्ताह तक की जाती है और आलू की फसल में खुदाई का सही प्रबंधन बहुत आवश्यक होता है, ताकि आलू के कंद को कम से कम नुकसान पहुंचे। अक्सर खुदाई के दौरान आलू के कंदों के ऊपरी हिस्से पर कई बार कटे का निशान लग जाता है, जिसके कारण भंडारण के दौरान आलू के खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। इससे बचने के लिए खुदाई के समय कुछ सावधानियां बरतने की जरुरत होती है। 

सावधानियां:

  • आलू की खुदाई फसल बुवाई के 80 से 90 दिनों के बाद जब फसल परिपक्व हो जाए, एवं पौधों की पत्तियां पीली पड़ जाए तब करनी चाहिए। 

  • तापमान लगभग 30 डिग्री सेंटीग्रेट होने से पहले ही खुदाई कर लेनी चाहिए। 

  • खुदाई करते समय, मौसम सूखा रहना जरुरी होता है।

  • खुदाई के 2 सप्ताह पहले सिंचाई बंद कर देनी चाहिए। 

  • खुदाई के बाद आलू के कंदों को कुछ दिनों तक खुली हवा में रखना चाहिए, इससे कंदों के छिलके कड़े हो जाते हैं।

  • अगर खुदाई करते समय कुछ कंद कट जाए तो कटे हुए कंदो को छटाई के दौरान हटा देना चाहिए। 

  • आलू के कंदों को धूप में न सुखाएं, अगर कंदों को धूप में सुखाया तो उनकी भंडारण क्षमता प्रभावित होती है।

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अगले चार या पांच दिनों के दौरान बारिश की है संभावना, देखें मौसम पूर्वानुमान

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10 फरवरी से कई राज्यों में बेमौसम बारिश होने की संभावना है। पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ-मराठवाड़ा, उत्तरी तेलंगाना, छत्तीसगढ़, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार तक अगले चार या पांच दिनों के दौरान बारिश हो सकती है। पहाड़ों सहित उत्तर भारत का मौसम शुष्क बना रहेगा। सुबह और शाम की सर्दी बनी रहेगी। 17 फरवरी से नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस पहाड़ों पर बर्फबारी देना शुरू कर सकता है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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स्वरोजगार का अवसर दे रही है सरकार, 60% की सब्सिडी पर शुरू करें बकरी पालन

Get a loan on a huge subsidy from bank for goat farming

ग्रामीण युवा अक्सर स्वरोजगार के लिए सोचते हैं पर आर्थिक मदद न मिलने की वजह से ऐसा हो नहीं पाता है। बहरहाल बकरी पालन शुरू कर के भी युवा स्वरोजगार कर सकते हैं। इसमें सरकार भी युवाओं की मदद के लिए आगे आई है। बिहार सरकार के पशुपालन विभाग ने पिछले दो साल से बंद “समेकित बकरी विकास योजना” को पुनः शुरू कर दिया है।

इस साल राज्य सरकार पुनः एक बार गरीब परिवारों के युवाओं को बकरी पालन की मदद से स्वरोजगार देने की पहल कर रही है। इस योजना का फायदा सभी वर्ग के युवा उठा सकते हैं। बता दें की इस योजना में बकरी पालन हेतु सामान्य वर्ग के युवाओं को 50% और एससी एसटी वर्ग के युवाओं को 60% का अनुदान मिलेगा। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने इस योजना में क्रियान्वन हेतु 5 करोड़ 22 लाख 85 हजार रुपये का फंड निर्धारित किया है। गौरतलब है की उन्नत नस्ल के बकरे की औसत कीमत 15 हजार रुपये तक होती है। इसके लिए सामान्य वर्ग के लोगों को 1 लाख 21 हजार रुपये और एससी, एसटी के लोगों को 1 लाख 45 हजार रुपये का अनुदान दिया जायेगा।

यह योजना तीन प्रकार की है। इसमें पहले आओ और पहले पाओ की तर्ज पर पहली योजना 20 बकरियों और एक बकरा के लिए है। वहीं दूसरी योजना 40 बकरियों और दो बकरों के लिए है, जबकि तीसरी योजना 100 बकरियों और पांच बकरों के साथ शुरू होगी।

स्रोत: किसान तक

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मध्य प्रदेश के मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव?

Mustard mandi bhaw

सरसों के मंडी भाव में तेजी देखने को मिल रही है। देखिये मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव!

मध्य प्रदेश की मंडियों में सरसों के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
सीहोर आष्टा सरसों(काला) 4260 4651
भोपाल बैरसिया सरसों 3560 4240
भिंड गोहाद सरसों(काला) 4900 5055
सीहोर जावर सरसों(काला) 3795 4525
मुरैना कैलारस सरसों(काला) 5008 5170
कटनी कटनी सरसों(काला) 4300 4910
देवास खातेगांव सरसों(काला) 4450 4450
हरदा खिरकिया सरसों(काला) 3491 3491
राजगढ़ खुजनेर सरसों(काला) 4555 4750
गुना कुम्भराज सरसों(काला) 4530 4530
गुना मकसूदनगढ़ सरसों(काला) 4275 4275
नीमच मनसा सरसों(काला) 3000 3031
मन्दसौर मन्दसौर सरसों 3780 4965
मुरैना मुरैना सरसों(काला) 4995 5070
भिंड महू अन्य 4900 4900
नीमच नीमच सरसों(काला) 4595 5190
शिवपुरी पोहरी सरसों(काला) 4325 4490
मुरैना पोरसा सरसों(काला) 4790 4870
शाजापुर साजापुर सरसों 3800 4765
राजगढ़ सारंगपुर सरसों 4300 4802
सीहोर सीहोर सरसों(काला) 3852 3852
उज्जैन तराना सरसों 4402 4402
विदिशा विदिशा सरसों(काला) 3600 5100

स्रोत: एगमार्कनेट

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जानें मल्चिंग के प्रकार और इस विधि सें खेती करने पर मिलने वाले लाभ

Benefits and types of plastic mulching

प्लास्टिक मल्चिंग दरअसल प्लास्टिक फिल्म के साथ पौधों के चारों ओर की मिट्टी को व्यवस्थित रूप से ढकने की प्रक्रिया है। आइये जानते हैं इस विधि से खेती करने से क्या लाभ आपको मिलते हैं।

प्लास्टिक मल्चिंग के लाभ:

  • प्लास्टिक मल्चिंग से मिट्टी में नमी लंबे समय तक बनी रहती है और इसके कारण पानी की भी बचत होती है।

  • मल्चिंग से मिट्टी के तापमान को नियंत्रित रखने में भी मदद मिलती है।

  • इससे फसल में खरतपवार उगने की संभावना कम होती है और जड़ विकास तेजी से होता है।

  • इससे फसलों को पाले से बचाने में भी मदद मिलती है।

  • इससे मिट्टी का कटाव नहीं होता, साथ ही यह मिट्टी को भुरभुरा एवं मुलायम बनाए रखने में भी मदद करता है।

  • इससे उत्पादन में वृद्धि होती है, साथ ही उपज की गुणवत्ता में सुधार होता है।

प्लास्टिक मल्चिंग के प्रकार:

  • काली मल्चिंग: यह मल्चिंग अधिकतर बागवानी फसलों में खरपतवार नियंत्रण के लिए इस्तेमाल करते हैं। इसके काले रंग के कारण सूर्य का प्रकाश मिट्टी में प्रवेश नहीं करता जिससे खरपतवारों का प्रकाश संश्लेषण नहीं हो पाता है तथा उनकी वृद्धि मल्च के नीचे ही रुक जाती है।

  • नीली मल्चिंग: नीले रंग की मल्च फसलों में माहु तथा थ्रिप्स के प्रकोप को कम करता है। इसके इस्तेमाल से कद्दूवर्गीय फसलों में फलों की अधिक संख्या प्राप्त होती है।

  • पारदर्शी मल्चिंग: इस प्रकार के मल्चिंग का उपयोग अधिकतर मिट्टी में सौर उपचार के लिए किया जाता है। साथ ही सर्दियों के मौसम में सब्जियों की खेती के लिए इसका उपयोग  किया जा सकता है।

प्लास्टिक मल्चिंग की मोटाई: मल्च फिल्म की मोटाई फसल के प्रकार एवं उम्र के अनुसार निश्चित किया जाता है। मल्च की मोटाई फसल के जीवन चक्र को पूरा करने वाली होनी चाहिए। अधिकतर सब्जी वाली फसलों में पलवार की मोटाई 25 माइक्रोन और फल वाली फसलों में 100 माइक्रोन की होनी चाहिए।

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