तरबूज की फसल में माहू कीट के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय

Symptoms and control of aphids in watermelon crop

यह कीट पत्तियों को एवं कोमल टहनियों को प्रभावित करते हैं, जिसके कारण पत्तियां मुड़कर मुरझाने लगती है। पौधों का विकास रुक जाता है साथ ही कीट से मधुरस उत्सर्जन के कारण पत्तियों पर काली फफूंद का विकास होता है।

नियंत्रण: इस कीट के नियंत्रण के लिए प्रकोप दिखाई देते ही नोवासेटा (एसिटामिप्रिड 20% एसपी) @ 30 ग्राम प्रति एकड़ या मीडिया (इमिडाक्लोप्रिड 17.8% एस एल) @ 40-50 मिली प्रति एकड़ + नोवामैक्स (जिबरेलिक ऍसिड 0.001%) @ 300 मिली के दर से 150-200 लीटर पानी में छिड़काव करें। 

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फिर बढ़ेगी ठंड, इन राज्यों में होने वाली है बारिश, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

देश के कुछ राज्यों में बारिश और ओलावृष्टि से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। मध्य प्रदेश से झारखंड तक बारिश और ओलावृष्टि का दौर देखने को मिल रहा है। वहीं, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी कुछ इलाकों में बारिश और बर्फबारी की गतिविधियां पिछले 24 घंटे में देखने को मिली हैं। मौसम विभाग की मानें तो मध्य भारत में 26 और 27 फरवरी को गरज के साथ बारिश की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं। वहीं, पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में 26 और 27 फरवरी को बारिश के साथ-साथ कुछ इलाकों में बर्फबारी की गतिविधियां भी देखने को मिलेंगी।

स्रोत: किसान तक

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जानिए लौकी की फसल में छोटे फल गिरने के कारण एवं बचाव के उपाय

Know the reasons and prevention measure for small fruits dropping in gourd crop

लौकी की खेती करने वाले किसानों के सामने अक्सर लौकी की फसल छोटे फल पीले होने की एवं सूख कर गिरने की समस्या आती है, और इससे उपज में भारी नुकसान होता है। 

क्यों गिरते हैं लौकी के छोटे फल?

  • पौधों में फफूंद जनित रोग होने पर फल गिरने लगते हैं।

  • फसल में कीटों का प्रकोप होने पर भी यह समस्या हो सकती है।

  • फसल में अनियमित सिंचाई या सिंचाई की कमी होने पर भी लौकी के छोटे फल गिरने लगते हैं।

  • असंतुलित मात्रा में, उर्वरकों का प्रयोग होने के कारण से भी फल गिरते हैं।

  • परागण सही नहीं होने की वजह से भी छोटे फल गिरने लगते हैं।

छोटे फलों के गिरने के शुरूआती लक्षण:

शुरूआती अवस्था में छोटे फलों के साथ लगे फूल सूखने लगते हैं और धीरे-धीरे छोटे फल पीले एवं भूरे रंग के होने लगते हैं। बाद में फल पूरी तरह सूख कर गिरने लगते हैं।

रोकथाम:

  • समय-समय पर फसल का निरीक्षण करें।

  • खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें।

  • आवश्यकता से अधिक सिंचाई एवं उर्वरकों का प्रयोग न करें।

  • यदि फफूंद जनित रोग या फल मक्खी एवं रस चूसक कीटों के लक्षण दिखाई दे तो नियंत्रण के लिए उचित छिड़काव करें।

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मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में बारिश और ओलावृष्टि के आसार, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

विदर्भ, तेलंगाना, मराठवाड़ा, छत्तीसगढ़, उड़ीसा और मध्य प्रदेश में एक बार फिर बारिश की गतिविधियां बढ़ेगी। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में ओले भी गिर सकते हैं तथा तेज हवाओं के साथ बिजली की गरज चमक भी दिखाई देगी। पहाड़ों पर एक नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस 26 और 27 फरवरी को भारी बर्फबारी दे सकता है। उत्तर भारत का मौसम फिलहाल शुष्क बना रहेगा तथा तापमान बढ़ने से गर्मी का एहसास होगा। गुजरात और राजस्थान में दिन के समय तेज गर्मी हो सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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बैंगन की फसल में रस चूसक कीटों के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय

Symptoms and control measures of sucking pests in brinjal crop
  • रस चूसक कीट ‘मकड़ी’ बैंगन की फसल में पत्तों के नीचे जाल फ़ैलाते हैं और पत्तों का रस चूसते हैं। इससे पत्ते लाल रंग के दिखने लगते हैं। 

  • इससे बचाव के लिए तुस्क (मॅलॅथिऑन 50.00% ईसी) @ 600 मिली/एकड़ या मेओथ्रिन  (फेनप्रोपॅथ्रीन 30 % ईसी) @ 100 – 136 मिली प्रति एकड़ के दर से 150 -200 लीटर पानी में मिलकर छिड़काव करें। 

  • रस चूसक कीट जैसिड’ पत्तियों की निचली सतह से रस चूसते हैं, जिसके प्रभाव से पत्तियां पीली होकर कमजोर पड़ जाती हैं।  

  • सोलोमन (बीटा-सायफ्लुथ्रिन 08.49% + इमिडाक्लोप्रिड 19.81 % w/w ओडी) @ 70 -80 मिली प्रति एकड़ या टफगोर (डायमेथोएट 30% ईसी) @ 792 मिली प्रति एकड़ के दर के 150 – 200 लीटर पानी में छिड़काव करें।  

  • रस चूसक कीट सफ़ेद मक्खी’ पत्तियों से रस चूसती हैं, जिससे पत्तियां सिकुड़ जाती हैं। इसके अलावा यह कीट विषाणु जन्य रोगों को एक पौधे से दूसरे पौधों में फैलाने का काम भी करते हैं।

  • पेजर (डायफेंथियूरॉन 50% डब्लूपी) @ 240 ग्राम/एकड़ और अरेवा (थायोमिथाक्साम 25% डब्लूजी) @ 80 ग्राम प्रति एकड़ के दर से 150 – 200 लीटर पानी में छिड़काव करें। 

  • रस चूसक कीट माहू’ छोटे एवं हरे रंग के होते हैं, ये पत्तियों की निचली सतह पर रहते हैं और रस चूसते हैं  जिसके कारण पत्तिया पीली पड़ती है| 

  • सोलोमन (बीटा-सायफ्लुथ्रिन 08.49% + इमिडाक्लोप्रिड19.81% w/w ओडी) @ 70 -80 मिली प्रति एकड़ के दर से 150 से 200 लीटर पानी में मिलकर छिड़काव करें। 

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मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के उच्च भाव 5000 रुपए के पार

soybean mandi Bhaw,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
आलीराजपुर आलीराजपुर सोयाबीन 4300 4300
अशोकनगर अशोकनगर सोयाबीन 3711 4440
सीहोर आष्टा सोयाबीन 5001 5001
बड़वानी बलवाड़ी पीला 4400 4400
होशंगाबाद बानापुरा पीला 4099 4125
शाजापुर बेरछा सोयाबीन 4200 4700
भोपाल बैरसिया पीला 3800 4455
राजगढ़ ब्यावरा सोयाबीन 4165 4445
सागर बीना सोयाबीन 3600 4803
मन्दसौर दलौदा सोयाबीन 3001 4615
मन्दसौर दलौदा अन्य 3299 3880
देवास देवास सोयाबीन 4000 4570
धार धामनोद सोयाबीन 2925 4315
धार धार सोयाबीन 4392 4596
विदिशा गंज बासौदा सोयाबीन 4075 4110
विदिशा गंज बासौदा अन्य 4121 4121
इंदौर गौतमपुरा पीला 4286 4511
डिंडोरी गोरखपुर पीला 3928 4075
हरदा हरदा पीला 2611 4400
हरदा हरदा सोयाबीन 4275 4375
खंडवा हरसूद सोयाबीन 2600 4240
अशोकनगर ईसागढ़ सोयाबीन 3980 3995
होशंगाबाद इटारसी सोयाबीन 4200 4383
रतलाम जावरा सोयाबीन 4100 4565
रतलाम जावरा सोयाबीन-जैविक 4499 4499
आलीराजपुर जोबट सोयाबीन 4200 4200
देवास कन्नोड सोयाबीन 4150 4356
खरगोन कसरावद सोयाबीन 3990 4250
खंडवा खंडवा पीला 3850 4515
खंडवा खंडवा काला 3731 3731
खंडवा खंडवा सोयाबीन 3900 3950
खरगोन खरगोन सोयाबीन 3950 4591
देवास खातेगांव सोयाबीन 2412 4430
देवास खातेगांव सोयाबीन-जैविक 4330 4330
सागर खुरई सोयाबीन 4300 4388
धार कुक्षी सोयाबीन 4700 4700
देवास लोहारदा सोयाबीन 4310 4375
गुना मकसूदनगढ़ सोयाबीन 4250 4250
नीमच मनसा सोयाबीन 4440 4640
धार मनावर सोयाबीन 4250 4350
मन्दसौर मन्दसौर सोयाबीन 3925 4640
उज्जैन नागदा पीला 3500 4580
उज्जैन नागदा सोयाबीन 4290 4550
राजगढ़ पचौर सोयाबीन 4355 4380
खंडवा पंधाना पीला 4330 4395
दमोह पथरिया सोयाबीन 4295 4345
झाबुआ पेटलावद सोयाबीन 4200 4210
मन्दसौर पिपल्या सोयाबीन 4381 4459
रतलाम रतलाम सोयाबीन 4435 4631
सागर सागर पीला 4190 4375

स्रोत: एगमार्कनेट

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तरबूज में पाउडरी मिल्ड्यू रोग के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय

Symptoms and control of powdery mildew disease in watermelon

इस रोग से पौधों के ऊपरी पत्ते, तने और नए बढ़ते भागों पर सफेद चूर्ण का विकास होता है, और जैसे ही संक्रमण बढ़ता है संपूर्ण पत्ते कवक के ढक जाते हैं। ग्रासित पौधों की पत्तियां समय से पहले झड़ने लगती हैं। अगर संक्रमण फल अवस्था के समय हो तो फल अविकसित रह जाते हैं एवं विकृत हो जाते हैं।

नियंत्रण: इस रोग के नियंत्रण के लिए रोग के लक्षण दिखाई देते ही नोवाकोन (हेक्साकोनाज़ोल 5% एससी) @ 400 मिली प्रति एकड़ के दर से 150-200 लीटर पानी में छिड़काव करें। साथ हीं अच्छे फूल एवं फल विकास के लिए न्युट्रीफुल मैक्स (फुलविक एसिड + एमिनो एसिड+ ट्रेस घटक) @ 250 मिली प्रति एकड़ से छिड़काव करें।

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ज्यादातर राज्यों में मौसम रहेगा शुष्क, पूर्वी भारत में बारिश के आसार

know the weather forecast,

अब पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मौसम शुष्क हो जाएगा। बारिश थम जाएगी परंतु पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल तथा पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश आज भी हो सकती है। पहाड़ों पर बारिश और बर्फबारी की गतिविधियां कम हो जाएगी परंतु 25 फरवरी से नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस फिर से बर्फबारी शुरू कर सकता है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी?

wheat mandi bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूँ के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर आगर स्थानीय 1850 2641
शाजापुर अकोदिया स्थानीय 2191 2770
भिंड आलमपुर स्थानीय 2400 2450
आलीराजपुर आलीराजपुर मिल क्वालिटी 2200 2200
सतना अमरपाटन मिल क्वालिटी 2250 2250
सतना अमरपाटन स्थानीय 2245 2250
बड़वानी अंजड़ स्थानीय 2400 2425
बड़वानी अंजड़ मिल क्वालिटी 2300 2450
अशोकनगर अशोकनगर शरबती 3000 4016
अशोकनगर अशोकनगर स्थानीय 1951 3900
सीहोर आष्टा स्थानीय 2022 4270
सीहोर आष्टा लोकवन 2437 2553
छतरपुर बड़ामलहेड़ा मिल क्वालिटी 2300 2336
शिवपुरी बदरवास स्थानीय 2715 2715
उज्जैन बड़नगर लोकवन 2365 2900
धार बदनावर लोकवन 1850 2350
धार बदनावर लोकवन 2005 3305
धार बदनावर मिल क्वालिटी 2330 2520
धार बदनावर स्थानीय 2180 2745
खरगोन बड़वाह स्थानीय 2311 2590
बड़वानी बड़वानी स्थानीय 2490 2600
देवास बागली मिल क्वालिटी 2256 2700
रीवा बैकुंठपुर मिल क्वालिटी 2200 2225
सीहोर बकतारा मिल क्वालिटी 2301 2301
सागर बामोरा स्थानीय 2285 2450
होशंगाबाद बानापुरा स्थानीय 2316 2618
सागर बाँदा स्थानीय 2000 2205
होशंगाबाद बनखेड़ी मिल क्वालिटी 2321 2340
रायसेन बरेली मिल क्वालिटी 1964 2400
रायसेन बरेली स्थानीय 2400 2401
शाहडोल ब्यौहारी मिल क्वालिटी 2250 2250
शाजापुर बेरछा स्थानीय 2475 2550
भोपाल बैरसिया स्थानीय 2000 2576
भोपाल बैरसिया लोकवन 2225 2569
भोपाल बैरसिया पिस्सी 2265 2350
भोपाल बैरसिया मिल क्वालिटी 1800 2430
दतिया भांडेर मिल क्वालिटी 2370 2441
मन्दसौर भानपुरा मिल क्वालिटी 2275 2301
खरगोन भीकनगांव मिल क्वालिटी 2200 2200
खरगोन भीकनगांव स्थानीय 1700 2750
भिंड भिंड स्थानीय 2431 2431
ग्वालियर भितरवार स्थानीय 2400 2450
भोपाल भोपाल स्थानीय 2281 2914
भोपाल भोपाल लोकवन 2200 2359
राजगढ़ ब्यावरा मिल क्वालिटी 2200 2460
राजगढ़ ब्यावरा स्थानीय 2100 2620
मंडला बिछिया मिल क्वालिटी 2200 2200
छतरपुर बिजावर मिल क्वालिटी 2325 2350
छतरपुर बिजावर स्थानीय 2150 2175
गुना बीनागंज स्थानीय 2250 2480

स्रोत: एगमार्कनेट

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प्याज़ में बेसल रॉट की समस्या के लक्षण एवं निवारण के उपाय

Symptoms and prevention of basal rot problem in onions

इस रोग के प्रारंभिक लक्षण में पीली पड़ती पत्तियां नजर आती हैं एवं पौधों की वृद्धि रुक जाती है, और बाद में पत्तियां सिरे से नीचे की ओर सूख जाती हैं। संक्रमण की शुरूआती अवस्था में पौधों की जड़ गुलाबी रंग की हो जाती है और बाद में सड़ने लगती है। जैसे ही संक्रमण बढ़ता है, कंद निचले सिरे से सड़ने लगता है और अंत में पूरा पौधा मर जाता है।

निवारण: इसके नियंत्रण के लिए, रोग के लक्षण दिखाई देते ही धानुकॉप (कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50% डब्ल्यूपी) @ 500 ग्राम प्रति एकड़ 200 लीटर पानी के दर से ड्रेंचिंग करें।

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