भिंडी में पीला शिरा मोज़ेक वायरस प्रकोप के लक्षण व नियंत्रण के उपाय

Symptoms and control of yellow vein mosaic virus in okra crop

यह एक विषाणु जनित रोग है जो फसल में उपस्थित रसचूसक किट के कारण से और ज्यादा फैलता है। 

लक्षण: इस रोग के शुरुआती अवस्था में ग्रासित पौधे की पत्तियों की शिराएँ पीली पड़ जाती हैं और धीरे धीरे रोग बढ़ता जाता है एवं रोग की बाद की अवस्था में यह पीलापन पूरी पत्ती पर फैल जाता है। इसके परिणामस्वरूप पत्तियाँ मुड़ने एवं सिकुड़ने लगती है, पौधे की वृद्धि रुक जाती है। प्रभावित पौधे के फल हल्के पीले, विकृत और सख्त हो जाते हैं।

नियंत्रण: यह रोग मुख्यत सफेद मक्खी से फैलता है, इसके नियंत्रण के लिए नोवासेटा (एसिटामिप्रिड 20% SP) @ 30 ग्राम प्रति एकड़ या पेजर (डायफैनथीयुरॉन 50% WP) @ 240 ग्राम /एकड़ के दर से 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

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फिर बढ़ने वाली है ठंड, गणतंत्र दिवस पर देशभर में रहेगा मौसम शुष्क

know the weather forecast,

पहाड़ों पर बर्फबारी का सिलसिला थम चुका है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश और दक्षिणी हरियाणा में बारिश के बाद अब मौसम शुष्क रहेगा। उत्तर भारत, मध्य भारत और पूर्वी भारत में उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलेंगी, जिससे तापमान में गिरावट आएगी और सर्दी दोबारा लौटेगी। अगले 4-5 दिनों तक पहाड़ी इलाकों में धूप खिली रहेगी और मौसम साफ रहेगा। देश के अधिकांश हिस्सों में भी मौसम साफ रहने की उम्मीद है। गंगा के मैदानी क्षेत्रों में सुबह और रात के दौरान घना कोहरा छा सकता है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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इस योजना से बागवानी फसलों को मिलेगा उचित दाम, पढ़ें पूरी जानकारी

Market Intervention Scheme

बागवानी फसलों की खेती करने वाले किसानों को अपनी फसलों का सही मूल्य दिलाने के उद्देश्य से “बाजार हस्तक्षेप योजना” एक प्रभावी पहल सिद्ध हो रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बाजार में फसलों की कीमत गिरने की स्थिति में किसानों को राहत प्रदान करना है।

बता दें की इस योजना के माध्यम से बागवानी फसलों के उचित मूल्य प्राप्ति की गारंटी मिल जाती है। मंडियों में जब फसलों के भाव बहुत ज्यादा गिर जाते हैं और किसान को नुकसान होने लगता है तब यह योजना उन किसानों की मेहनत का सही मोल सुनिश्चित करती है।

गौरतलब है की फल सब्जियां और मसालों जैसी बागवानी फसलें अक्सर जल्दी खराब होने लगती हैं और उनकी कीमतें भी मंडियों में तेजी से गिरती हैं। इस योजना के अंतर्गत इन सभी फसलों की खरीदी सरकार या सरकारी एजेंसियों द्वारा की जाती है, जिससे किसान अपनी फसलों को उचित मूल्य पर बेच सकते हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

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लहसुन के भाव में तेजी जारी, 21200 रुपये तक पहुंचे उच्च भाव

garlic mandi rate,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
धार बदनावर लहसुन 1500 13000
भोपाल भोपाल लहसुन 1000 16650
मन्दसौर दलौदा लहसुन 4700 21201
इंदौर इंदौर लहसुन 700 14200
रतलाम जावरा औसत 10500 10500
रतलाम जावरा लहसुन 7700 8220
शाजापुर कालापीपल (F&V) लहसुन 4090 13540
मन्दसौर मन्दसौर लहसुन 7600 17300
मन्दसौर पिपल्या लहसुन 16553 16553
रतलाम रतलाम देसी 10380 14800
रतलाम रतलाम लहसुन 9100 14900
शाजापुर शाजापुर देसी 13000 13000
शाजापुर शाजापुर लहसुन 1039 11000
मन्दसौर शामगढ़ लहसुन 6601 13200
शाजापुर शुजालपुर(F&V) लहसुन 1200 15200
उज्जैन उज्जैन लहसुन 12500 12500

स्रोत: एगमार्कनेट

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लहसुन की फसल में थ्रिप्स कीट से होगा नुकसान, जानें प्रबंधन के उपाय

Thrips damage and management in Garlic Crop

लहसुन की फसल में कई बार थ्रिप्स कीट नुकसान पहुंचाते हैं। ये कीट काफी सूक्ष्म होते हैं। इसके नर व मादा दोनों स्वरुप फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। यह कीट पौधों के नाजुक हिस्से पर प्रहार करते हैं, और इसके परिणाम से पौधे विकास नहीं कर पाते हैं। यह कीट पत्तियों को खरोंच कर उनमें छेद कर देती है और पतियों से सारा रस चूस लेते हैं। इस वजह से पत्तियां मुड़ जाती हैं, पौधे सूखकर गिरने लगते हैं, साथ ही लहसुन की गांठें छोटी रह जाती हैं। 

प्रबंधन: इसके रोकथाम के लिए टैफगोर (डाइमिथोएट 30 ईसी) @ 264 मिली या फिपनोवा(फिप्रोनिल 5% एससी) @ 400 मिली प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

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उत्तर भारत को गर्मी से राहत दिलाएगी बारिश, पहाड़ों पर फिर शुरू होगी बर्फबारी

know the weather forecast,

पहाड़ों पर फिर से बर्फबारी शुरू हो गई है । बारिश की गतिविधियां भी आज शाम तक जारी रह सकती है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी कुछ स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना है। इस समय उत्तर भारत में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर बने हुए हैं, जिससे गर्मी का एहसास हो रहा है। 24 जनवरी से तापमान गिरने कम होने लगेंगे और 26 जनवरी को एक बार फिर सर्दी का एहसास होगा। न्यूनतम तापमान दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में 7 डिग्री तक आ जाएंगे। दक्षिण भारत का मौसम लगभग शुष्क बना रहेगा, लेकिन तमिलनाडु में बहुत ही हल्की बारिश होने की संभावना दिखाई दे रही है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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सूक्ष्म सिंचाई पर मिल रहा बंपर अनुदान, इस योजना में जल्द करें आवेदन

Micro Irrigation Scheme

कई राज्यों में जल संकट की वजह से किसानों को अपनी फसलों में समुचित सिंचाई नहीं उपलब्ध हो पाती है। किसानों की इस समस्या के समाधान के लिए ही सरकार इस दिशा में कई योजनाएं चला रही है और देश भर में सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा दे रही है। इन योजनाओं के माध्यम से “प्रति बूंद अधिक फसल” की अवधारणा को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसानों को इन योजनाओं के माध्यम से सिंचाई में जल का कुशल उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

सूक्ष्म सिंचाई योजना के अंतर्गत किसानों को सिंचाई के मशीनों की खरीदारी पर 80% से ज्यादा की सब्सिडी उपलब्ध करवाई जाती है। इसकी मदद से किसान सिंचाई के जल की हर बूँद का उपयोग कर के फसल से अच्छी उपज प्राप्त करने में सफल होते हैं। इस योजना में आवेदन के समय किसान सिंचाई के मशीनों की कंपनी का चयन खुद कर सकते हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए आप “किसान उद्यान निदेशालय” की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं और आवेदन कर सकते हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्य प्रदेश के मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव?

Mustard mandi bhaw

सरसों के मंडी भाव में तेजी देखने को मिल रही है। देखिये मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव!

मध्य प्रदेश की मंडियों में सरसों के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर आगर सरसों 5590 5661
अशोकनगर अशोकनगर सरसों 5240 5626
सीहोर आष्टा सरसों (काला) 5900 5925
होशंगाबाद बानापुरा सरसों 5211 5211
शिवपुरी बराड़ सरसों 5699 5876
रायसेन बेगमगंज सरसों 5150 5300
भोपाल बैरसिया सरसों (काला) 5150 5150
राजगढ़ ब्यावरा सरसों 5145 5145
मंडला बिछिया सरसों 5300 5300
सागर बीना सरसों 4000 5670
मन्दसौर दलौदा सरसों 5400 5711
दमोह दमोह सरसों 5190 5300
देवास देवास सरसों 4520 4520
डिंडोरी डिंडोरी सरसों 4950 5000
डिंडोरी डिंडोरी सरसों (काला) 5000 5300
विदिशा गंज बासौदा सरसों 4200 5500
भिंड गोहाद सरसों 5700 5700
गुना गुना सरसों 5575 5590
हरदा हरदा सरसों 4401 5290
हरदा हरदा सरसों-जैविक 4900 4900
इंदौर इंदौर सरसों 4800 4800
जबलपुर जबलपुर सरसों 5160 6050
रतलाम जावरा सरसों 4000 5751
कटनी कटनी सरसों 3155 5721
सागर खुरई सरसों 4550 5100
शिवपुरी कोलारस सरसों 5275 5830
राजगढ़ कुरावर सरसों-जैविक 5055 5105
छतरपुर लवकुशनगर(लौंदी) सरसों 5700 5850
उज्जैन महिदपुर सरसों 4451 4451
नीमच मनसा सरसों 5590 5650
मंडला मंडला सरसों-जैविक 5440 5460
मंडला मंडला सरसों (काला) 5450 5500
मन्दसौर मन्दसौर सरसों 1801 5720
सतना नागोद सरसों-जैविक 5500 5500
शाजापुर नलकेहड़ा सरसों 4300 5450
नीमच नीमच सरसों 5000 5475
राजगढ़ पचौर सरसों 4105 5595
शिवपुरी पोहरी सरसों (काला) 5605 5890
छतरपुर राजनगर सरसों (काला) 5200 5200
रीवा रीवा सरसों (काला) 5369 5369
मुरैना सबलगढ़ सरसों (काला) 5930 5970
सागर सागर सरसों 5350 6400
सागर सागर सरसों-जैविक 5495 5610
सतना सतना सरसों 5145 5900
शिवपुरी शिवपुरी सरसों 5705 5705
विदिशा सिरोंज सरसों 5063 5063
देवास सोनकच सरसों 4500 5211
विदिशा विदिशा सरसों 5250 5676

स्रोत: एगमार्कनेट

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प्याज़ की फसल में डाऊनी मिल्ड्यू रोग की पहचान एवं नियंत्रण

Identification and control of downy mildew disease in onion crop

डाऊनी मिल्ड्यू रोग की पहचान: यह एक फफूंद जनित रोग है, इसके लक्षण सुबह के समय जब पत्तियों पर ओस रहती है तब आसानी से देखे जा सकते हैं। पत्तियों, बीज, डंठलों की सतह पर हल्के पीले धब्बे विकसित होते हैं, और जैसे हीं यह धब्बे बड़े होते हैं इसकी  सतह पर धूसर बैंगनी रोएँदार फफूंद विकसित हो जाती है। संक्रमित पौधे बौने, विकृत और हल्के हरे रंग के हो सकते हैं, इस रोग में पौधे अक्सर मरते नहीं हैं, लेकिन कंद की गुणवत्ता खराब होती है। 

नियंत्रण: अच्छे कंद विकास एवं डाऊनी मिल्ड्यू रोग के नियंत्रण के लिए गोडीवा सुपर (एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 18.2% + डाइफ़ेनोकोनाज़ोल 11.4% एससी) @ 200 मिली या वोकोविट (सल्फर 80% डब्ल्यूडीजी) @ 125 ग्राम, प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

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राजस्थान उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में बारिश के आसार, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

जम्मू कश्मीर, गिलगिट बाल्टिस्तान, और मुजफ्फराबाद के ऊंचे पहाड़ों पर हल्की बर्फबारी शुरू हो चुकी है। अब जल्दी ही बारिश और बर्फबारी उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ जम्मू कश्मीर के कई जिलों में शुरू हो जाएगी जो 23 जनवरी तक जारी रहेगी। वेस्टर्न डिस्टरबेंस अब पहाड़ों पर पहुंच रहा है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र राजस्थान के ऊपर बना हुआ है। वहीं उड़ीसा पर बने विपरीत चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के प्रभाव से बंगाल की खाड़ी से नमी वाली हवाएं नमी को बढ़ा रही है। इन सबके मिले-जुले प्रभाव से 22 और 23 जनवरी को पंजाब और हरियाणा के पूर्वी जिलों सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली और उत्तर पूर्वी राजस्थान में बारिश की संभावना है। दक्षिण भारत में जारी बारिश की गतिविधियों में अब भारी कमी देखने को मिलेगी। 23 जनवरी से ही पश्चिमी पंजाब, पश्चिमी हरियाणा, राजस्थान और गुजरात के कई जिलों में तापमान एक बार फिर से गिरना शुरू हो जाएंगे।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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