ठिबक सिंचन- एक वरदान

Drip irrigation
  • चांगल्या पिकांच्या यशस्वी उत्पादनासाठी पाण्याची उपलब्धता हा एक महत्त्वाचा घटक आहे. सतत वाढणारी लोकसंख्या आणि हवामान बदलांमुळे भूगर्भात उपलब्ध पाण्याचे प्रमाण कमी होत आहे.

  • त्यामुळे पिकांचे उत्पादन सतत कमी होत आहे. या समस्येचे निराकरण करण्यासाठी ठिबक सिंचनचा शोध लावला गेला. जो शेतकऱ्यांसाठी वरदान ठरला आहे.

  • या पद्धतीत, प्लास्टिक पाईपच्या स्त्रोतांमधून थेट रोपांच्या मुळांपर्यंत पोहोचते त्यास फ्रिटीगेशन म्हणतात.

  • इतर सिंचन प्रणालींच्या तुलनेत 60 ते 70% पाण्याची बचत होते.

  • ठिबक सिंचन वनस्पतींना अधिक कार्यक्षमतेसह पोषक पुरवण्यास मदत करते.

  • ठिबक सिंचनामुळे पाण्याचे नुकसान टाळता येते. (बाष्पीभवन आणि गळतीमुळे).

  • ठिबक सिंचनातील पाणी थेट पिकांंच्या मुळांत दिले जाते. ज्यामुळे सभोवतालची जमीन कोरडी होते आणि तण वाढू शकत नाही.

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भीषण स्मॉग की वजह से जहरीली हुई हवा, कई क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा

know the weather forecast,

दिल्ली और उसके आसपास के सभी इलाकों के ऊपर एक स्मॉग की चादर बिछी हुई है यानी कि कोहरे और प्रदूषण की घनी लेयर बनी हुई है। इसका कारण यह है कि हवाएं काफी ज्यादा कमजोर हैं तो वायु प्रदूषण बढ़ गया है। यह बड़े इलाके में फ़ैल नहीं पा रहा और ऊपर से हवाएं भी ठंडी हैं जो धरती के आसपास जमी हुई हैं। कोहरे की नमी के साथ धूल और मिट्टी के कन चिपके हुए हैं और यह स्थिति अगले दो-तीन दिनों तक बनी रह सकती है जब तक हवाएं तेज नहीं होती। इतना अधिक प्रदूषण जानलेवा हो सकता है इसीलिए अपना ख्याल रखें बाहर निकले तो मास्क पहन कर निकलें। सुबह और शाम के समय खुले में व्यायाम न करें और मॉर्निंग-इवनिंग वॉक से भी परहेज करें।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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पराली जलाने पर लगेगा भारी जुर्माना, अन्य विकल्पों को अपना कर करें बंपर कमाई

Heavy fine will be imposed on burning stubble

खरीफ में लगाई गई धान की फसल अब लगभग पक चुकी है और इसकी कटाई का समय नजदीक आ गया है। ऐसा देखा जाता है की बहुत सारे किसान कटाई के बाद बचने वाले फसल अवशेषों को जला देते हैं। ऐसा करने से पर्यावरण को तो नुकसान होता ही है साथ ही साथ खेत की उपज क्षमता भी घटती है। किसान को आमतौर पर इसकी जानकारी नहीं होती इसीलिए वे फसल अवशेषों को जला देते हैं। बहरहाल अब सरकार भी इस बाबत सख्त कदम उठाने लगी है। इसी कड़ी में उत्तरप्रदेश के सतना में दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत आदेश जारी किया गया है की जिले में फसल अवशेष और पराली जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।

बता दें की इस आदेश को नहीं मानने पर और पराली जलाने पर किसानों को 2,500 से 15,000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। ऐसे मामलों में भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के अंतर्गत कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

गौरतलब है की अब पराली का निपटारा करने के लिए कई आधुनिक मशीनें उपलब्ध हैं। “बेलर” और “रैक” आदि मशीनें पराली को इकट्ठा कर बंडल बना देती हैं जिसे व्यावसायिक रूप से अच्छे दामों पर बेचा जा सकता है। इसके अलावा “सुपर सीडर” मशीन से पराली को मिट्टी में मिलाकर उसके ऊपर सीधे बीजों की बुआई की जाती है जिससे जिससे पराली खाद का काम करती है।

स्रोत: न्यूज़ 18

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मध्य प्रदेश के मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव?

Mustard mandi bhaw

सरसों के मंडी भाव में तेजी देखने को मिल रही है। देखिये मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव!

मध्य प्रदेश की मंडियों में सरसों के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर आगर सरसों 5200 5300
अशोकनगर अशोकनगर सरसों 5580 5869
अशोकनगर अशोकनगर सरसों-जैविक 5570 5740
शिवपुरी बराड़ सरसों 5700 6000
मन्दसौर दलौदा सरसों 5840 5900
विदिशा गंज बासौदा सरसों 5230 5360
हरदा हरदा सरसों 5370 5370
जबलपुर जबलपुर सरसों 4970 4970
कटनी कटनी सरसों 5350 5799
कटनी कटनी सरसों (काला) 4111 6095
शिवपुरी कोलारस सरसों 5705 5955
छतरपुर लवकुशनगर(लौंदी) सरसों 5200 5860
मन्दसौर मन्दसौर सरसों 5401 5986
नीमच नीमच सरसों 3470 6761
मुरैना पोरसा सरसों (काला) 5850 5860
सतना रामनगर सरसों 5800 5800
सागर सागर सरसों 5700 5700
सतना सतना सरसों 5800 6000
श्योपुर श्योपुरकलां सरसों 5920 5960
विदिशा सिरोंज सरसों 5360 5615
विदिशा विदिशा सरसों 4800 4800

स्रोत: एगमार्कनेट

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सरसों में विरल अर्थात थिनिंग करना है बेहद जरूरी, जानें इसके फायदे!

Why thinning is necessary in mustard crops
  • सरसों की फसल की बुवाई के 3 से 4 सप्ताह बाद पौधे से पौधे के बीच की दूरी 10 से 15 सेंटीमीटर तक बनाए रखने के लिए अतिरिक्त जन्में पौधों को निकाल देने की प्रक्रिया विरल या थिनिंग कहलाती है।

  • यह प्रक्रिया फसलों में अधिक शाखा आने एवं स्वस्थ पौध विकास के लिए बहुत जरूरी होती है और सभी किसानों को यह जरूर करना चाहिए।

  • इससे प्रक्रिया के उपयोग से फसल में बीमारी एवं कीटों का प्रकोप कम होता है तथा फसल में फली एवं दाने का आकार बड़ा होता है।

  • जो फसलें एक दूसरे से सही दूरी पर नहीं बोई जाती हैं, उनमें पतला करने की यह प्रक्रिया बेहत आवश्यक होती है।

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इन राज्यों में तेज बारिश का अलर्ट, होगी झमाझम बारिश

know the weather forecast,

देश भर में मौसम को लेकर आया मौसम विभाग का अपडेट। कई राज्यों में होगी ठंड की शुरुआत वहीं दक्षिण भारतीय राज्यों में भारी बारिश की है संभावना। केरल और तमिलनाडु में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। उत्तराखंड में मौसम के शुष्क रहने की संभावना।

स्रोत: किसान तक

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आधे खर्च पर लगवाएं पॉलीहाउस और शेड नेट, सरकार दे रही है बंपर सब्सिडी

High-Tech Horticulture Scheme

आज कल किसान पॉलीहाउस और शेड नेट की तकनीकों के साथ खेती कर के पहले से ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं। हालाँकि इन तकनीकों का उपयोग करने में बहुत सारे किसानों के सामने आर्थिक चुनौतियाँ पेश आती है। इन्हीं चुनौतियों को थोड़ा कम करने के उद्देश्य से बिहार सरकार “उच्च तकनीक बागवानी योजना” के माध्यम से पॉलीहाउस और शेड नेट से खेती करने पर 50% तक की सब्सिडी उपलब्ध करवा रही है।

इस योजना के अंतर्गत राज्य के किसानों को पॉलीहाउस लगाने हेतु प्रति वर्ग मीटर की इकाई लागत 935 रुपये और शेड नेट के लिए प्रति वर्ग मीटर की इकाई 710 रुपये पर करीब 50% तक की सब्सिडी मिलेगी।

बता दें की पॉलीहाउस में खेती करने से फसल को तेज धूप, कड़ाके की सर्दी और तेज हवाओं जैसी मौसमी आपदाओं से कोई समस्या उत्पन्न नहीं होती है और फसल सुरक्षित रहता है। इसके अलावा उपज भी अच्छी होती है और किसान ज्यादा लाभ कमाता है।

शेड नेट वाली खेती में भी सूरज की अत्यधिक गर्मी और पराबैगनी किरणों से पौधों को सुरक्षित रखने में मदद मिलता है। इसकी वजह से मिट्टी में नमी बनी रहती है जिससे पौधे तेजी से विकास करते हैं।

बहरहाल अगर आप भी इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो इसके लिए बिहार सरकार के बागवानी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ और योजना की संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर आवेदन करें।

स्रोत: कृषि जागरण

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लहसुन के भाव में जबरदस्त तेजी जारी, 41000 रुपये के पार पहुंचे उच्च भाव

garlic mandi rate,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
रतलाम आलोट लहसुन 13500 21000
शाजापुर आगर चीन 8000 8000
शाजापुर आगर लहसुन 1000 33000
धार बदनावर लहसुन 2200 35050
धार बदनावर लहसुन-जैविक 22100 22100
भोपाल भोपाल लहसुन 2700 34500
मन्दसौर दलौदा लहसुन 6500 40000
इंदौर गौतमपुरा लहसुन 14000 17100
सीहोर इछावर (F&V) लहसुन 7500 31500
इंदौर इंदौर लहसुन 500 33020
रतलाम जावरा लहसुन 2500 37000
शाजापुर कालापीपल (F&V) लहसुन 5070 28230
नीमच मनसा लहसुन 2601 32000
मन्दसौर मन्दसौर लहसुन 1756 41400
राजगढ़ नरसिंहगढ़ लहसुन 1000 31400
नीमच नीमच औसत 8000 29700
नीमच नीमच लहसुन 10000 36000
मन्दसौर पिपल्या लहसुन 1553 37500
मन्दसौर पिपल्या लहसुन-जैविक 16600 28800
रतलाम रतलाम देसी 11200 31300
रतलाम रतलाम लहसुन 2600 33399
रतलाम सैलाना औसत 18701 28500
रतलाम सैलाना लहसुन 5000 29700
रतलाम सैलाना लहसुन-जैविक 12600 21301
सीहोर सीहोर औसत 12700 14000
सीहोर सीहोर लहसुन 12500 30300
सीहोर सीहोर लहसुन-जैविक 14700 16000
शाजापुर शाजापुर लहसुन 1000 31000
मन्दसौर शामगढ़ लहसुन 9100 29002
शाजापुर शुजालपुर देसी 3000 32400
मन्दसौर सीतामऊ लहसुन 2600 20001
उज्जैन उज्जैन लहसुन 500 30500

स्रोत: एगमार्कनेट

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मटर में पाउडरी मिल्ड्यू की समस्या एवं नियंत्रण के उपाय!

Powdery mildew problem and control measures in pea crop

क्षति के लक्षण: पाउडरी मिल्ड्यू रोग के लक्षण पत्तियों, कलियों, टहनियों व फूलों पर सफेद पाऊडर के रूप में दिखाई देता हैं। पत्तियों की दोनों सतह पर सफेद रंग के छोटे-छोटे धब्बे नजर आते हैं जो धीरे-धीरे फैलकर पत्ती की दोनों सतह पर फैल जाते है। रोगी पत्तियां सख्त होकर मुड़ जाती हैं। अधिक संक्रमण होने पर पत्तियां सूख कर झड़ जाती हैं।

नियंत्रण के उपाय: इस रोग के नियंत्रण के लिए, धानुस्टीन (कार्बेन्डाजिम 50% डब्ल्यूपी) @ 100 ग्राम या वोकोविट (सल्फर 80% डब्ल्यूडीजी) @ 1 किलो + सिलिकोमैक्स गोल्ड @ 50 मिली प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

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देशभर के मौसम को लेकर जान लें आज का बड़ा अपडेट

know the weather forecast,

उत्तर प्रदेश में धीरे-धीरे ठंडक का एहसास होने लगा है। तापमान में बदलाव होने से रात में हल्की ठंड होने लगी है। हालांकि दिन के समय अभी भी गर्मी हो रही है। इसी बीच यूपी में कहीं-कहीं पर बहुत हल्की से हल्की बारिश होने की संभावना है। राजस्थान में भी बारिश के आसार हैं।

स्रोत: किसान तक

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