निम्न दबाव से इन राज्यों में होगी बारिश, उत्तर भारत में मौसम शुष्क

know the weather forecast,

एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उड़ीसा, झारखंड के ऊपर बना हुआ है जो आगे चलकर निम्न दबाव के क्षेत्र में बदल जाएगा तथा पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा। इसके प्रभाव से तेलंगाना, महाराष्ट्र, कर्नाटक और दक्षिणी गुजरात में भारी बारिश की संभावना है। मध्य प्रदेश के दक्षिणी जिलों में भारी बारिश हो सकती है। अगले दो दिनों के दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड सहित पश्चिम बंगाल में मानसून की गतिविधियां काफी कम हो जाएगी। उत्तर पूर्वी राज्यों में बारिश की गतिविधियां जारी रहेगी। केरल के भी कई जिले अच्छी बारिश देख पाएंगे।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मिलेगी 40% तक की सब्सिडी, करें ड्रैगन फ्रूट की खेती, होगी जबरदस्त कमाई

Mukhyamantri Horticulture Mission Scheme

ड्रैगन फ्रूट एक ऐसा फल है जिसे बाजार में बहुत अच्छा भाव मिलता है। इसी को देखते हुए बहुत सारे किसान पारंपरिक फसलों की खेती के बजाय अब ड्रैगन फ्रूट जैसे गैर पारंपरिक फसल की खेती कर रहे हैं। ड्रैगन फ्रूट दरअसल एक विदेशी फल है जिसकी खेती में अब भारतीय किसान बेहद सफल हो रहे हैं। सरकार भी किसानों के बीच नए गैरपारंपरिक फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं शुरू की हैं। इसी कड़ी में बिहार सरकार ड्रैगन फ्रूट की खेती पर 40% तक की सब्सिडी किसानों को उपलब्ध करवा रही है।

बिहार सरकार अपने प्रदेश के किसानों को यह सब्सिडी ‘मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना’ के अंतर्गत ड्रैगन फ्रूट विकास योजना के माध्यम से दे रही है। गौरतलब है की ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए प्रति हेक्टेयर कृषि खर्च 7.50 लाख रुपये निश्चित की गई है। इस अर्थ हुआ की इस योजना के माध्यम से किसानों कुल 40% यानी 3 लाख रुपये तक की सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। अगर आप भी ड्रैगन फ्रूट विकास योजना के माध्यम से सब्सिडी का लाभ लेना चाहते हैं, तो इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवदेन के लिए बिहार सरकार के कृषि विभाग के आधिकारिक वेवसाइट पर विजिट करना ना भूलें।

स्रोत: कृषि जागरण

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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मध्य प्रदेश के मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव?

Mustard mandi bhaw

सरसों के मंडी भाव में तेजी देखने को मिल रही है। देखिये मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव!

मध्य प्रदेश की मंडियों में सरसों के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शिवपुरी बरड़ सरसों 5550 5710
भिंड भिंड सरसों 5465 5570
राजगढ़ ब्यावरा सरसों 5165 5400
रीवा हनुमना सरसों 4800 4800
इंदौर इंदौर सरसों 5185 5185
अशोकनगर ईसागढ़ सरसों 5500 5500
राजगढ़ जीरापुर सरसों 5450 5450
टीकमगढ़ खरगापुर सरसों 5250 5300
राजगढ़ कुरावर सरसों 5190 5325
ग्वालियर लश्कर सरसों 5585 5675
ग्वालियर लश्कर सरसों (काला) 5550 5550
शिवपुरी मगरौनी सरसों 5251 5251
मंडला मंडला सरसों-जैविक 5400 5400
भिंड मेहगांव सरसों 5340 5450
मुरैना मुरैना सरसों 5480 5620
टीकमगढ़ निवाड़ी सरसों (काला) 4900 5000
छतरपुर राजनगर सरसों (काला) 5200 5200
सागर सागर सरसों-जैविक 4860 5350
सतना सतना सरसों 5325 5700
टीकमगढ़ टीकमगढ़ सरसों 5000 5000
श्योपुर विजयपुर सरसों 5500 5560

स्रोत: एगमार्कनेट

खेती से सम्बंधित जानकारियों और ताजा मंडी भाव जानने के लिए पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो  शेयर जरूर करें।

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इन कारणों से फसलों में पत्तियां जलने व झुलसने लगती हैं

Due to these reasons leaves start burning and scorching in the crops
  • फसलों में पत्तियाँ जलने व झुलसने के बहुत प्रकार के कारण हो सकते हैं। 

  • कीट-रोग प्रकोप एवं पोषण की कमी के कारण कई बार पत्तियाँ जलने लगती हैं। 

  • निमेटोड, कटवर्म जैसे कीट फसलों की जड़ों को काट देते हैं इस कारण भी पत्तियाँ  झड़ने और झुलसने लगती हैं।

  • पत्तियों के जलने और झुलसने के सबसे आम  कारणों में से है एक है जड़ों का रोग ग्रस्त हो जाना।

  • यह जड़ों में कवक के आक्रमण के कारण भी होता है जिसके कारण जड़ क्षतिग्रस्त हो जाती है एवं पत्तियां जलने और झुलसने लगती हैं।  

  • पत्तियों के झुलसने का एक और सामान्य कारण मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी होती है और इसके कारण पत्तियों के किनारे सूखने लगते हैं।  

  • हवा में कुछ ऐसे प्रदूषक पाए जाते हैं जो पत्तियों की सतह पर चिपक जाते हैं और पत्ती के किनारों को जला सकते हैं।

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कहीं भारी बारिश तो कहीं मौसम शुष्क, देखें अपने क्षेत्र का मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

अगले दो दिनों के दौरान पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार का मौसम लगभग शुष्क रहेगा। कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। उत्तराखंड में हल्की से मध्यम बारिश होगी परंतु हिमाचल प्रदेश में हल्की तथा जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बहुत ही हल्की बारिश की संभावना है। एक निम्न दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी पर बन रहा है जो पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए तेलंगाना, महाराष्ट्र, तटीय कर्नाटक सहित दक्षिणी गुजरात और दक्षिणी मध्य प्रदेश में भारी बारिश दे सकता है। तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश सहित दक्षिणी तेलंगाना में बारिश कम रहेगी। गंगीय पश्चिम बंगाल तथा उत्तरी उड़ीसा में भी हल्की बारिश ही होगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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कपास में बढ़ेगा पत्ती धब्बा रोग का प्रकोप, जानें बचाव के उपाय

Outbreak of Cercospora Leaf Spot disease will increase in cotton

कपास की फसल में सर्कोस्पोरा पत्ती धब्बा रोग मुख्य रूप से परिपक्व पौधों की पुरानी पत्तियों को ज्यादा प्रभावित करता है। इसके संक्रमण के शुरुआती चरण में पत्तियों पर लाल रंग के धब्बे दिखते हैं। जैसे-जैसे रोग बढ़ता है, धब्बे बढ़ते चले जाते हैं और गहरे भूरे या काले किनारों के साथ केंद्र में सफेद से हल्के भूरे या धूसर हो जाते हैं। संक्रमण के समय पर निर्भर करते हुए धब्बों की आकार अलग अलग होता है, यह कभी गोल तो कभी टेढ़ी-मेढ़ी नजर आता है। इन धब्बों के अंदर छल्ले बन जाते हैं जिनके किनारे क्रम से गहरे और हल्के भूरे या लाल होते हैं। प्रभावित पत्तियां अंत में पीली पड़ जाती हैं और फिर गिर जाती हैं।

कपास के पौधों पर हमला करने वाला सरकोस्पोरा परिवार का यह फफूंद माइकोस्फैरेला गॉसिपिना है। यह सोयाबीन या मिर्च पर हमला करने वाले फफूंद से अलग है। खेत में सरकोस्पोरा पत्ती धब्बा रोग और अन्य पत्ती रोगों में अंतर कर पाना अक्सर मुश्किल होता है। परंतु, इस रोग की विशेष बात है कि यह आम तौर पर सूखे या पोषक तत्वों (विशेषकर पोटैशियम) की कमी से जूझ रहे कपास के पौधों में पाया जाता है। उचित उर्वरक योजना से पौधे की शक्ति बनाए रखने और उचित सिंचाई से सूखे से जूझने की नौबत न आने देने से इसके प्राथमिक संक्रमणों को दूर करने में बहुत मदद मिलती है। इससे रोग की घातकता भी कम होती है। 20-30* सेल्सियस के बीच तापमान और उच्च सापेक्षिक आर्द्रता रोग बढ़ाते हैं। बीजाणु हवा और पानी की बौछारों से स्वस्थ पत्तियों पर फैलते हैं।

रासायनिक नियंत्रण

हमेशा एक समेकित दृष्टिकोण से रोकथाम उपायों के साथ उपलब्ध जैविक उपचारों का इस्तेमाल करें। रोग की शुरुआत में टिल्ट या ज़ेरॉक्स (प्रोपीकोनाज़ोल 25% EC) युक्त कवकनाशकों का इस्तेमाल करने से भी अच्छे नतीजे मिलते हैं।

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आधे से ज्यादा राज्यों में बरसेंगे बादल, राजस्थान में मानसून सुस्त

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अब एक बार फिर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर राज्यों सहित छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में तेज बारिश की संभावना है। कर्नाटक और तेलंगाना में भी भारी बारिश होगी। राजस्थान के पूर्वी जिलों में तो बारिश होगी लेकिन पश्चिमी जिले लगभग सूखे बने रहेंगे। गुजरात के दक्षिणी जिलों में अच्छी बारिश होगी। सौराष्ट्र और कच्छ में हल्की बारिश होगी। पंजाब और हरियाणा सहित पहाड़ों पर बारिश बढ़ सकती है परंतु दिल्ली में हल्की बौछारें ही दिखाई देगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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लहसुन के भाव में तेजी जारी, 28500 रुपये के पार पहुंचे उच्च भाव

garlic mandi rate,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
रतलाम आलोट लहसुन 8000 8600
शाजापुर अकोदिया औसत 100 16001
उज्जैन बड़नगर लहसुन 2700 16810
धार बदनावर लहसुन 2200 19850
भोपाल भोपाल लहसुन 2500 18000
मन्दसौर दलौदा लहसुन 3500 23901
सागर देवरी औसत 4350 6325
सागर देवरी लहसुन 6175 6175
इंदौर गौतमपुरा लहसुन 5100 15005
इंदौर इंदौर लहसुन 505 21797
रतलाम जावरा चीन 15300 15300
रतलाम जावरा लहसुन 5001 28600
शाजापुर कालापीपल लहसुन 2000 15550
नीमच मनसा औसत 3300 14460
नीमच मनसा लहसुन 6602 21300
मन्दसौर मन्दसौर लहसुन 1500 26000
राजगढ़ नरसिंहगढ़ लहसुन 5200 20600
नीमच नीमच औसत 7300 18000
नीमच नीमच लहसुन 10000 25651
मन्दसौर पिपल्या लहसुन 900 22652
मन्दसौर पिपल्या लहसुन-जैविक 3626 16800
धार राजगढ़ लहसुन 6001 16500
रतलाम रतलाम देसी 6350 16390
रतलाम रतलाम लहसुन 1100 21501
रतलाम सैलाना लहसुन 7000 25700
शाजापुर साजापुर लहसुन 1750 16300
सीहोर सीहोर लहसुन 2880 19425
मन्दसौर शामगढ़ लहसुन 6901 22000
शाजापुर शुजालपुर देसी 3600 19210
मन्दसौर सीतामऊ देसी 10800 14000
मन्दसौर सीतामऊ लहसुन 6600 15910
देवास सोनकच लहसुन 8340 12000
शाजापुर सोयतकलां लहसुन 9015 15000
उज्जैन उज्जैन लहसुन 500 18001

स्रोत: एगमार्कनेट

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ऐसी फसल ग्रोथ और कहाँ, आ गया थर्ड जेनरेशन ग्रोथ बूस्टर जीवा मैक्स

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  • जीवा मैक्स थर्ड जेनरेशन यानी तीसरी पीढ़ी का फसलों का ग्रोथ बूस्टर (पौध वृद्धि कारक) है। यह हाइड्रोलाइज्ड प्रोटीन कॉम्प्लेक्स का एक अच्छी तरह से संतुलित उत्तेजित क्लोरोफिल उत्पाद है।

  • जीवा मैक्स का उपयोग फसलों के वानस्पतिक विकास, सफेद जड़ विकास, उपज की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसकी मदद से फसल अच्छी उपज की भी प्राप्ति होती है।

  • यह फसलों में पोषक तत्वों की मात्रा और चयापचय गतिविधि को बढ़ाने के लिए भी काम करता है।

  • फसलों में इसका उपयोग 2 मिली प्रति लीटर पानी के साथ छिड़काव के रूप में करें। अगर फसल में ड्रिप सिंचाई सिस्टम हो तो ड्रिप के माध्यम से 500 मिली प्रति एकड़ का उपयोग करें। 

  • आप जीवा मैक्स का उपयोग बीज उपचार के रूप में भी कर सकते हैं इसके लिए आप 2 मिली प्रति किग्रा बीज का उपयोग करें। 

कृषि क्षेत्र एवं किसानों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें और शेयर करना ना भूलें।

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देश के मध्य, उत्तर व पूर्वी राज्यों में भारी बारिश, देखें मौसम पूर्वानुमान

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मानसून की अक्षीय रेखा अब उत्तर भारत की तरफ बढ़ रही है। इसके प्रभाव से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के साथ-साथ विदर्भ गुजरात और दक्षिण पूर्वी राजस्थान में तेज बारिश की संभावना है। उत्तराखंड, महाराष्ट्र के तटीय जिलों सहित तटीय कर्नाटक में भी तेज बारिश के आसार हैं। पश्चिमी राजस्थान, पश्चिमी पंजाब और पश्चिमी हरियाणा के साथ जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बहुत हल्की बारिश होगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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