कैसे बनते हैं किसान उत्पादक संगठन, जानें पूरी प्रक्रिया और इससे मिलने वाले लाभ

Farmer Producer Organization

एक अकेले किसान को अगर खेती में कुछ बड़ा करने को कहा जाए तो यह काम उसके लिए बहुत मुश्किल हो जाएगा। पर यही काम अगर 10-15 या इससे भी ज्यादा किसान साथ मिलकर करें तो यह आसानी से किया जा सकता है और इसका लाभ सभी किसानों को मिलता है। मिलजुल कर काम करने के इसी प्रक्रिया को FPO यानी “किसान उत्पादक संगठन” के नाम से जाना जाता है।

इस “किसान उत्पादक संगठन” के माध्यम से किसानों को खेती के मशीनों से लेकर खाद-बीज व अन्य कृषि क्षेत्र के उत्पाद सस्ती दरों पर मिल जाते हैं। इससे खर्च में बेतहाशा वृद्धि नहीं होती और मुनाफा ज्यादा होता है। आज के वक़्त में छोटे किसान अगर “किसान संगठन” से जुड़कर काम करें तो उनको बहुत ज्यादा लाभ होता है। अगर आप भी ऐसे संगठन से जुड़ना चाहते हैं, तो इसके लिए अपने जिले के कृषि विभाग के कार्यालय में जाकर संपर्क करें।

अगर आप किसी संगठन से जुड़ने के बजाय खुद का एक FPO बनाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होता है। इसके लिए आपको आधार कार्ड, स्थायी निवास प्रमाण पत्र, जमीन के कागजात, बैंक पासबुक की फोटोकॉपी आदि की जरूरत पड़ती है।

किसान उत्पादक संगठन बनाने के लिए आपको सबसे पहले किसानों का एक समूह बनाना होता है जिसमे कम से कम 11 सदस्य जरूर होने चाहिए। समूह बनाने के बाद आपको अपने किसान संगठन का एक नाम सोचकर कंपनी एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन करना होता है। FPO से जुड़ी ज्यादा जानकारी के लिए आप किसान उत्पादक संगठन की आधिकारिक वेबसाइट पर जरूर जाएं।

स्रोत: कृषि जागरण

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टमाटर की फसल में लीफ माइनर के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय

Symptoms and control of leaf miner in tomato crop

वयस्क कीट हलके पीले रंग का एवं मैगट बहुत छोटी पैरविहीन व पीले रंग की होती है वहीं सुरंग में प्युपा बनता है। 

लक्षण: इस कीट के शिशु पत्तियों के हरे भाग को खाकर इनमें टेढ़ी मेढ़ी सफ़ेद सुरंग बना देते हैं और प्रभावित पत्तियों पर सफ़ेद सर्पिलाकार धारियां दिखाई देती हैं। इससे पौधों में प्रकाश संश्लेषण कम हो जाता है। अधिक प्रकोप पर पत्तियां सूखकर गिर जाती हैं। 

नियंत्रण: ग्रसित पत्तियों को निकालकर नष्ट करे दें तथा नियंत्रण के लिए टफगोर (डायमिथोएट 30 ईसी)@ 396 मिली/एकड़ या मीडिया (इमिडाक्लोप्रिड 17.80% एस एल) @ 60 मिली /एकड़, इसके 2 दिन बाद, नोवामैक्स  (जिबरेलिक ऍसिड 0.001% एल) @ 30 मिली प्रति एकड़ के दर से छिड़काव करें।

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भिंडी की फसल में हरा तेला कीट के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय

Symptoms and control of jassids in okra crop

यह कीट हरे पीले रंग के होते हैं। इसके शिशु व प्रौढ़ पत्तियों की निचली सतह पर रहकर रस चूसते हैं। इसका प्रकोप मार्च से सितंबर माह तक होता है। रस चूसने की वजह से पत्तियां पीली पड़ जाती हैं, और किनारों के ऊपर की ओर मुड़ कर कप का आकार बना लेती हैं। अधिक संक्रमण पर पत्तियां जल जाती हैं एवं मुरझा कर सूख जाती हैं।

ऐसे करें नियंत्रण: 

  • बीज की बुआई के पूर्व, थियानोवा सुपर (थियामेथॉक्सम 30% एफएस) @ 5 मिली, प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचार करें।

  • खड़ी फसल में समस्या दिखाई देने पर, थियानोवा -25 ( थियामेथोक्सम 25% डब्ल्यूजी) @ 80 ग्राम, 150-200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में होगी आफत की बारिश

know the weather forecast,

अगले तीन दिनों के दौरान मध्य भारत, पूर्वी भारत और दक्षिण भारत के तेलंगाना और उत्तरी आंध्र प्रदेश में बारिश जारी रहेगी। कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हो सकती है। पहाड़ों पर 20 मार्च से 22 मार्च के बीच बर्फबारी हो सकती है। निचले इलाकों में बारिश होगी। उत्तर और उत्तर पश्चिम भारत में मौसम शुष्क और गर्म ही बना रहेगा। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात और पश्चिम मध्य प्रदेश में तापमान और बढ़ सकते हैं।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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ड्रोन उड़ाने की मुफ्त ट्रेनिंग संग मिलेंगे 15 हजार रूपये, अब खेती में महिलाओं का होगा बोलबाला

NaMo Drone Didi Scheme

पिछले साल केंद्र सरकार ने महिलाओं को कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए “नमो ड्रोन दीदी योजना” शुरू की थी। इस योजना के माध्यम से महिलाओं को ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग दी जाती है। यह ट्रेनिंग एकदम मुफ्त होती है और साथ ही महिलाओं को 15000 रुपये भी दिए जाते हैं। इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को ड्रोन ट्रेनिंग के अलावा खेती में इस्तेमाल होने वाली नई नई तकनीकों के बारे में भी बताया जाता है। इन तकनीकों में फसलों को कीटनाशक से बचाव, फसलों पर उर्वरकों का छिड़काव और खेत में बीजों की बुआई आदि की ट्रेनिंग दी जाती है।

बता दें की नमो ड्रोन दीदी योजना के अंतर्गत महिलाओं को ड्रोन उड़ाने की 15 दिन की ट्रेनिंग मिलती है। इस ट्रेनिंग के लिए महिला किसान को 15 हजार रुपए भी मिलते हैं। अगर कोई महिला इस योजना से जुड़ना चाहती है तो उसे किसी “महिला स्वयं सहायता समूह” जुड़ा होना जरूरी है, इसके अलावा महिला की आयु 18 वर्ष या फिर इसे अधिक होनी भी जरूरी है।

नमो ड्रोन दीदी योजना का लाभ लेने के लिए आपको इस योजना के आधिकारिक वेबसाइट https://www.india.gov.in/ पर जाना होगा। इस वेबसाइट पर आपको नया पंजीकरण (साइन अप) ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। सभी जानकारियों को सही सही भर कर और सभी जरूरी कागजात को अटैच कर, आप सबमिट बटन पर क्लिक कर सकते हैं और आवेदन की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

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माहू, थ्रिप्स, जैसिड सबको ख़त्म करेगा ये जैविक कीटनाशक

This organic insecticide will kill aphids thrips jassids

वर्टिसिलियम लेकानी फफूंद पर आधारित जैविक कीटनाशक है। यह 1 प्रतिशत डब्लू पी, एवं 1.15 प्रतिशत डब्लू पी के फार्मुलेशन में उपलब्ध है। इस फफूंद का उपयोग विभिन्न प्रकार के फसलों में रस चूसने वाले कीट जैसे माहू, थ्रिप्स, जैसिड, मिलीबग इत्यादि के रोकथाम के लिए लाभकारी होता है। वर्टिसिलियम लेकानी सफेद रुई के समान दिखने वाली फफूद है। इससे संक्रमित कीटों के किनारों पर सफेद फफूंद की वृद्धि दिखाई देती है। इस फफूंद के बीजाणु (स्पोर्स) कुछ चिपचिपे प्रवृत्ति के होते हैं जिससे ये कीटों के ऊपरी आवरण पर चिपक जाते हैं। इसके प्रयोग से 15 दिन पहले एवं बाद में रासायनिक फफूंदनाशक का प्रयोग नहीं करना चाहिए। वर्टिसिलियम लेकानी की सेल्फ लाइफ एक वर्ष है। 

उपयोग की विधी

इसके छिड़काव की मात्रा फसल घनत्व और पेड़ पर निर्भर करती है। यदि किसी भी फसल में चूसक कीटों का प्रकोप बार-बार हो रहा हो तो वर्टिसिलियम लेकानी का प्रयोग 15 से 20 दिनों के अन्तराल से करते रहना चाहिए, और ग्रीन हाउस फसलों में इसका प्रयोग 10 से 15 दिनों के अन्तराल से करने की सिफारिश की जाती है।

वर्टिसिलियम लेकानी को नीम और अन्य जैविक कीट और फफूंदनाशकों के साथ मिलाकर प्रयोग किया जा सकता है, लेकिन इसको किसी रासायनिक फफूंदनाशक के साथ मिलाकर प्रयोग न करें।

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इस योजना से होगा 5 लाख रुपये तक का इलाज बिलकुल फ्री, पढ़ें पूरी जानकारी

Ayushman Card Scheme

देश की एक बड़ी आबादी गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करती है। इनमे बहुत सारे किसान भी शामिल हैं। आर्थिक रूप से कमोजर ये लोग किसी तरह से अपना जीवन यापन कर लेते हैं पर जब इन्हे किसी प्रकार की मेडिकल इमरजेंसी का सामना करना पड़ता है तो ये उसका खर्च नहीं उठा पाते हैं। ऐसे लोगों को बेहतर इलाज दिलाने के उद्देश्य से ही केंद्र सरकार द्वारा आयुष्मान कार्ड योजना चलाई जा रही है।

इस योजना के माध्यम से सरकार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे लोगों को 5 लाख रुपये तक का नि:शुल्क स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करवाती है। बता दें की अब तक 30 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को आयुष्मान कार्ड दिए जा चुके हैं। यह एक केंद्रीय योजना है, तो देश के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के व्यक्ति इसका लाभ उठा सकते हैं।

योजना के आधिकारिक वेबसाइट ayushman bharat पर जा कर आप आयुष्मान कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और 5 लाख रुपय के मुफ्त इलाज की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी?

wheat mandi bhaw,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूँ के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
रतलाम अलोट स्थानीय 2401 2401
शाजापुर आगर मिल क्वालिटी 2324 2506
शाजापुर आगर स्थानीय 2172 2718
आलीराजपुर आलीराजपुर स्थानीय 2251 2251
बड़वानी अंजड़ स्थानीय 2250 2400
अशोकनगर अशोकनगर स्थानीय 2400 2975
सीहोर आष्टा स्थानीय 2125 2401
छतरपुर बड़ामलहेड़ा मिल क्वालिटी 2200 2350
उज्जैन बड़नगर लोकवन 2150 2200
उज्जैन बड़नगर मिल क्वालिटी 2478 2478
उज्जैन बड़नगर स्थानीय 2175 2556
धार बदनावर लोकवन 2420 2420
धार बदनावर स्थानीय 2020 2995
खरगोन बड़वाह स्थानीय 2341 2501
रीवा बैकुंठपुर मिल क्वालिटी 2325 2350
होशंगाबाद बानापुरा स्थानीय 2280 2451
रायसेन बरेली मिल क्वालिटी 2250 2250
भोपाल बैरसिया लोकवन 2340 2499
बेतुल बेतुल मिल क्वालिटी 2450 2450
बेतुल बेतुल स्थानीय 2330 2340
खरगोन भीकनगांव मिल क्वालिटी 2350 2511
ग्वालियर भितरवार स्थानीय 2460 2470
भोपाल भोपाल मिल क्वालिटी 2385 2489
भोपाल भोपाल स्थानीय 2401 2717
राजगढ़ ब्यावरा मिल क्वालिटी 2255 2395
राजगढ़ ब्यावरा स्थानीय 2215 2525
मंडला बिछिया स्थानीय 2100 2100
सागर बीना मिल क्वालिटी 2300 2450
सागर बीना स्थानीय 2350 2702
छिंदवाड़ा चौरई मिल क्वालिटी 2350 2480
छिंदवाड़ा चौरई स्थानीय 2275 2370
छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा मिल क्वालिटी 2270 2275
छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा स्थानीय 2280 2340
ग्वालियर डबरा स्थानीय 2525 2600
मन्दसौर दलौदा स्थानीय 2050 2999
दतिया दतिया मिल क्वालिटी 2530 2621
सागर देवरी स्थानीय 2205 2205
देवास देवास स्थानीय 2150 2571
धार धामनोद स्थानीय 2375 2550
धार धार लोकवन 2210 2605
धार धार मिल क्वालिटी 2350 3072
धार धार स्थानीय 2450 2450
विदिशा गंज बासौदा स्थानीय 2855 2855
इंदौर गौतमपुरा लोकवन 2400 2500
इंदौर गौतमपुरा मिल क्वालिटी 2500 2611
इंदौर गौतमपुरा स्थानीय 2150 2970
गुना गुना स्थानीय 2425 2545
देवास हाटपिपलिया स्थानीय 2000 2400
हरदा हरदा मिल क्वालिटी 2225 2482
खंडवा हरसूद मिल क्वालिटी 2101 2317

स्रोत: एगमार्कनेट

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कद्दुवर्गीय फसलों में लाल मकड़ी के प्रकोप की ऐसे करें पहचान

Identification of red spider mites in cucurbit crops

लाल मकड़ी दरअसल आंखों से दिखाई न देने वाली यह एक सूक्ष्म जीव है। यह पौधों की पत्तियों की निचली सतह पर चिपक कर पत्तियों से रस चूसते हैं। यह कीट कपास, बैंगन, टमाटर, भिंडी तथा कद्दूवर्गीय फसलों पर आक्रमण करती है। इस कीट का वयस्क लाल रंग का होता है जो अंडाकार होता है तथा इसके शरीर के ऊपरी भाग में दो धब्बे पाए जाते हैं। इनकी शिशु एवं वयस्क दोनों ही अवस्था हानिकारक होती है। पत्तियों की निचली सतह पर इनके द्वारा बनाई गई जाली से इनकी उपस्थिति पता चलती है। मार्च-अप्रैल का गरम मौसम इनके अधिक प्रकोप के लिए अनुकूल समय है। अपने सूक्ष्म आकार के कारण ये हवा के सहारे एक स्थान से दूसरे स्थान तक विचरण कर सकती है। अधिक प्रकोप होने पर पत्तियां सूखकर गिरने लगती हैं।

नियंत्रण: ग्रसित पत्तियों को तथा खरपतवारों को नष्ट करें। अधिक प्रकोप होने पर टफगोर (डायमिथोएट 30 ईसी) की 300 मिली प्रति एकड़ या ओमाइट (प्रोपेरगाईट 57 ईसी) @ 200 मिली प्रति एकड़ 150-200 लीटर पानी में घोलकर प्रकोपित पौधें पर छिड़काव करें।

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बारिश के साथ गिरेंगे ओले, मौसम विभाग का अलर्ट जारी

know the weather forecast,

मध्य और पूर्वी भारत का मौसम बदलने वाला है। बारिश और ओले गिरने की संभावना से फसलों को नुकसान हो सकता है। 16 मार्च से 19 मार्च के बीच विदर्भ तेलंगाना, उत्तरी आंध्र प्रदेश से छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड तथा पूर्वी मध्य प्रदेश में बारिश की संभावना है। 18 और 19 मार्च को बिहार और दक्षिणी जिलों सहित दक्षिण पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी बारिश हो सकती है। एक के बाद एक दो वेस्टर्न डिस्टरबेंस पहाड़ों को प्रभावित करेंगे पहले 18 मार्च को और दूसरा 20 से 22 मार्च के बीच में आएगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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