सालाना 5 से 8 लाख की कमाई, मछली पालन की इस तकनीक से होगा लाभ

भारत में करीब 55 से 60% जनसंख्या खेती पर निर्भर है, लेकिन लगातार अलग अलग कारणों से परंपरागत खेती में लाभ न मिलने की वजह से किसान दूसरे विकल्प तलाश रहे हैं। ऐसे किसान जलीय कृषि अपनाते हुए मछली पालन करते हैं और ठीक ठाक कमाई कर लेते हैं। सरकार भी किसानों को नई-नई तकनीकों से मछली पालन का कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करती रहती है। इन्हीं तकनीकों में से एक है “मिश्रित मछली पालन” जिसे अपना कर 5 गुना ज्यादा मछलियों का उत्पादन किया जा सकता है।

इस तकनीक में एक हीं तालाब में भिन्न भिन्न प्रजातियों की मछलियां एक साथ पाली जाती है। देशी मछिलयों में कतला, मृगल, रोहू तो विदेशी मछलियों में सिल्वर कार्प, ग्रास कार्प और कॉमन कार्प आदि मछलियों को एक साथ पालना फायदेमंद होता है। इस दौरान यह जरूर ध्यान रखें की तालाब में बाहरी मछलियों का प्रवेश न हो पाए और तालाब की मछलियां भी बाहर ना जा पाएं।

मिश्रित मछली पालन की तकनीक अपना कर एक तालाब से 1 साल में दो बार जबरदस्त उत्पादन लिया जा सकता है। 1 एकड़ क्षेत्र के तालाब में मछली पालन कर के किसान 16 से 20 साल तक लगातार उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। किसान को ऐसा करने से 5 से 8 लाख रुपये तक की कमाई हर साल हो सकती है।

स्रोत: आज तक

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