फली छेदक कीट मुलायम पत्तियों, फलों, फूलों एवं फलियों को खाते हैं। यह कीट मुख्यत: जब फलियों में दाना बनना शुरू होता है तब फलियों के अंदर प्रवेश कर नुकसान पहुंचाना शुरू करते हैं। इस कीट के प्रकोप से फलियों में दाने नहीं बनते हैं। अधिक प्रकोप होने पर पौधे और पत्तियां सूख जाती हैं और पौधों का विकास रुक जाता है, जिसके कारण उपज में भारी नुकसान होता है।
नियंत्रण: इस कीट के नियंत्रण के लिए बवेकर्व (बवेरिया बेसियाना 5% WP) 500 ग्राम/एकड़ या फॉस्किल (मोनोक्रोटोफॉस 36% SL) 200 मिली/एकड़ की दर 200 लीटर पानी में मिला कर छिड़काव करें।
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