यह एक पॉलीफेगस कीट है। इस कीट की इल्ली अक्सर फल में छेद करके फसल को नुकसान पहुंचाती है। शुरूआती अवस्था में युवा लार्वा (इल्लियां) फूलों की कलियों एवं युवा फल को गोलाकार छेद बनाकर खाते हैं। बाद में, यही इल्लियां फल के अंदर अपना सिर डालकर फल को अंदर से खाते हैं। संक्रमण बढ़ने पर फल सड़कर झड़ने लगते हैं।
नियंत्रण: इस कीट के नियंत्रण के लिए इमानोवा (इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एससी) @ 80 मिली प्रति एकड़ या कवर (क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18. 50 % एससी) @ 60 मिली प्रति एकड़ साथ ही बवे कर्ब (ब्यूवेरिया बेसियाना) @ 250 ग्राम प्रति एकड़ के दर से 150-200 लीटर पानी में छिड़काव करें।
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