मध्यप्रदेश को अब तक सात बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिल चुके हैं, जो किसानों की मेहनत और राज्य की उन्नत कृषि नीतियों का परिणाम है। प्रदेश की उपजाऊ भूमि ने न केवल बेहतर उत्पादन दिया है, बल्कि सतत विकास और वैश्विक निवेश के नए अवसर भी खोले हैं।
श्वेत क्रांति में शानदार प्रगति
2012 से 2023 के बीच मध्यप्रदेश ने दूध उत्पादन में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की है। डेयरी इन्वेस्टमेंट एक्सेलेरेटर जैसी योजनाओं ने डेयरी उद्योग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। प्रति व्यक्ति 591 ग्राम दूध उपलब्धता के साथ, राज्य राष्ट्रीय स्तर पर छठवें स्थान पर है।
वैश्विक निवेश का केंद्र
पेप्सीको, कोका कोला, और अमूल जैसी बड़ी कंपनियों ने राज्य में निवेश किया है। मध्यप्रदेश की निवेश-हितैषी नीतियां इसे किसानों और निवेशकों के लिए एक आकर्षक स्थान बना रही हैं।
मध्यप्रदेश ने अपनी समृद्ध कृषि परंपरा और तकनीकी नवाचार के बल पर देश में ‘फ़ूड बास्केट’ के रूप में अपनी पहचान बनाई है।
स्रोत: कृषक जगत
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