फर्टिगेशन विधि से उर्वरकों का उपयोग दिलाएगा फसलों को कई लाभ

फर्टिगेशन उर्वरक उपयोग करने की एक शानदार विधि है। इसमें ड्रिप सिस्टम द्वारा सिंचाई के पानी में उर्वरक को शामिल किया जाता है। इस प्रणाली में उर्वरक का घोल सिंचाई के माध्यम से फसल में समान रूप से वितरित किया जाता है। इसमें पोषक तत्वों की उपलब्धता बहुत अधिक होती है इसलिए दक्षता अधिक होती है। इस विधि में तरल उर्वरकों के साथ-साथ पानी में घुलनशील उर्वरकों का भी उपयोग किया जाता है। इस विधि से उर्वरक उपयोग दक्षता 80 से 90 प्रतिशत तक बढ़ जाती है।

फर्टिगेशन के फायदे

  • फर्टिगेशन के माध्यम से सक्रिय रूट ज़ोन के पास पोषक तत्वों और पानी की आपूर्ति की जाती है जिसके परिणामस्वरूप फसलों द्वारा अधिक अवशोषण होता है।

  • चूंकि फर्टिगेशन के माध्यम से सभी फसलों को समान रूप से पानी और उर्वरक की आपूर्ति की जाती है, इसलिए 25-50 प्रतिशत अधिक उपज प्राप्त करने की संभावना रहती है।

  • फर्टिगेशन के माध्यम से उर्वरक उपयोग दक्षता 80-90 प्रतिशत के बीच होती है, जिससे न्यूनतम 25 प्रतिशत पोषक तत्वों को बचाने में मदद मिलती है।

  • इस तरह पानी की कम मात्रा और खाद की बचत के साथ-साथ समय, श्रम और ऊर्जा की खपत भी काफी कम हो जाती है।

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