मधुमक्खियां मनुष्य को ना केवल शहद देती हैं, बल्कि यह फसलों व वृक्षों में परागण कर उनका उत्पादन बढ़ाने में भी सहायक होती हैं। फल सब्जियों व फसलों से मधुमक्खियां पराग और मकरंद जमा करती हैं। इससे मधुमक्खियां अनजाने में ही परागण क्रिया कर इनकी उपज में बढ़ोतरी कर देती हैं। पालतू व जंगली मधुमक्खियां परागण क्रिया में 80 प्रतिशत तक का योगदान करती हैं।
मधुमक्खियों द्वारा पैदावार में बढ़ोतरी से होने वाली आय इससे प्राप्त शहद व मोम से कई गुना ज्यादा होती है। एक मधुमक्खी एक बार में लगभग 100 फूलों पर जाती हैं। इस प्रकार वे एक फूल से दूसरे फूल पर पराग ले जाकर परागण करती रहती हैं। इससे बीज व दाने बनने की क्रिया तेज हो जाती है। मधुमक्खी फसलों को कोई हानि नहीं पहुंचाते तथा इन्हें हम अपनी इच्छा से जरूरत के अनुसार परागण के लिए फसलों में रख सकते हैं। मधुमक्खियां अपने निवास स्थान से लगभग एक किलोमीटर क्षेत्र में आने वाली फसलों में परागण करती हैं।
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