मिलेगा 2 करोड़ तक का लोन, किसान शुरू कर सकते हैं अपना बिजनेस

Agriculture Infrastructure Fund Scheme

भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का बहुत बड़ा योगदान है। पर यह भी सच है की अभी तक भारत अपने कृषि क्षेत्र का पूरा उपयोग नहीं कर पाया है। इसी वजह से इसका लाभ आम किसानों को भी नहीं मिल पाता है और किसानों को आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं हो पाती है। किसानों की आर्थिक समस्याओं के निवारण के लिए सरकार कई प्रकार की योजनाएं भी चलाती रहती है। इन योजनाओं से किसान लाभ लेते हैं और अपनी खेती को पहले से ज्यादा बेहतर तरीके से करते हैं। इन्हीं सरकारी योजनाओं में से एक है “कृषि अवसंरचना कोष योजना” जिसके माध्यम से किसान बड़ा लोन ले कर अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं।

बता दें की इस योजना से लाभ ले कर किसान कोल्ड स्टोरेज, फूड प्रोसेसिंग इकाई, वेयरहाउस और पैकेजिंग यूनिट लगा सकते हैं। सरकार इन सब के लिए किसानों को दो करोड़ रुपये तक का बड़ा लोन देती है। यही नहीं, इस लोन के ब्याज दर पर भी सरकार 3% की छूट देती है। बता दें की ब्याज में दी जाने वाली यह छूट लोन स्वीकार हो जाने के 7 साल तक रहती है।

कृषि अवसंरचना कोष योजना के अंतर्गत मिलने वाले 2 करोड़ रुपये तक के इस लोन पर गारंटी भी दी जाती है। इस गारंटी की जिम्मेदारी माइक्रो एंड स्मॉल इंटरप्राइजेज फंड ट्रस्ट लेता है। इस योजना का लाभ प्राथमिक कृषि साख समितियां, विपणन सहकारी समितियां, किसान उत्पादन संगठन, स्वयं सहायता समूह, संयुक्त देयता समूह, बहुउद्देशीय सहकारी समितियां, कृषि उद्यमी, स्टार्टअप और एग्रीगेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स आदि उठा सकते हैं। योजना की अधिक जानकारी एवं आवेदन हेतु आपको www.agriinfra.dac.gov.in पर जाना होगा।

स्रोत: कृषि जागरण

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अ‍ॅग्रीकल्चर इंफ्रस्ट्रक्चर फंड स्कीममधून शेतकऱ्यांना दुप्पट नफा मिळणार

देशातील शेतकऱ्यांना सर्व प्रकारे सक्षम करण्यासाठी केंद्र सरकार नवीन-नवीन योजना राबवण्यात गुंतले आहे. या प्रयत्नांच्या भागांमध्ये केंद्रीय कृषिमंत्र्यांनी 13 हजार प्रकल्पांसाठी सुमारे 9500 कोटी रुपयांचे कर्ज मंजूर केले आहे. या योजनेअंतर्गत कोल्ड स्टोरेज आणि वेयरहाउस अशा अ‍ॅग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण केल्या जातील. यासाठी एफपीओच्या माध्यमातून एकत्र येणारे शेतकरी बांधव त्यांच्या शेतीचे क्षेत्र आणि उत्पन्न वाढवण्यास मदत करतील.

या प्रकल्पांमध्ये सहभागी झालेल्या अ‍ॅग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड स्कीम अंतर्गत लाभार्थी शेतकऱ्यांना प्रतिवर्ष 3% व्याज सवलत दिली जाईल. याशिवाय, व्याज सवलतीसह 7 वर्षांसाठी 2 कोटी रुपयांपर्यंतची क्रेडिट गॅरंटी मिळेल. शेतकऱ्यांना नवीन तंत्रज्ञानाशी जोडण्यासाठी ठीक-ठिकाणी कस्टम हायरिंग सेंटरची व्यवस्था केली जाईल, जेणेकरून सर्व स्तरातील शेतकऱ्यांना आधुनिक कृषी यंत्रांशी जोडता येईल.

केंद्राच्या सरकारच्या मते, ई-तंत्रज्ञानाचा वाढता वेग पाहता, भारतीय कृषी क्षेत्रानेही या दिशेने वाटचाल करणे आवश्यक आहे. तसेच शेतकऱ्यांच्या प्रगतीसाठी देशातील सुमारे एक हजार मंडईंना भारतीय कृषी बाजार जोडला  गेला आहे. या योजनेचा मुख्य उद्देश्य शेतकऱ्यांना तंत्रज्ञानाशी जोडून त्यांचे उत्पन्न वाढवणे. तसेच या योजनेअंतर्गत देशातील प्रत्येक गावात वेयर हाउस, कोल्ड स्टोर, पॅकेजिंग मशीन अशा आवश्यक सुविधा उपलब्ध करून देण्याचा प्रयत्न केला जात आहे.

स्रोत: टीवी9 भारतवर्ष

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