फसल के अच्छे उत्पादन के लिए जिंक तत्व होता है बेहद महत्वपूर्ण

Importance of Zinc or good crop production
  • फसल से जबरदस्त उपज प्राप्त करने में जिन तत्वों की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है उनमे सबसे प्रमुख तत्व है जिंक।

  • भारत में उपज की कमी के लिए चौथा सबसे महत्वपूर्ण तत्व भी जिनक को हीं माना जाता हैं और इसकी कमी से उपज में भारी कमी आती है।

  • आपको बता दें की ज़िंक फसलों के लिए आठ आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों में से एक है।

  • इसकी कमी से फसल की पैदावार और गुणवत्ता बहुत हद तक प्रभावित होती है और फसल की उपज में 20% तक की कमी आ जाती है।

  • जिंक पौधे के विकास के लिए अहम होता है, यह पौधों में, कई एंजाइमों और प्रोटीनों के संश्लेण में प्रमुख भूमिका निभाता है।

  • इसके साथ साथ ज़िंक ग्रोथ हार्मोन के निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है जिसके परिणाम स्वरूप इंटरनोड का आकार बढ़ता है।

  • इसकी कमी प्रायः क्षारीय और पथरीली मिट्टी में उगाई गई फसलों में होती है।

  • इसकी कमी के कारण नई पत्तियाँ छोटे आकार की एवं शिराओं के मध्य का हिस्सा चितकबरे रंग का हो जाता है।

  • इसकी कमी को दूर करने के लिए भूमि में “जिंक सल्फेट” 20 किलो ग्राम प्रति एकड़ की दर से प्रयोग कर के इससे होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।

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मानसून अभी नहीं पड़ेगा कमजोर, जारी रहेगी भारी बारिश

know the weather forecast,

बंगाल की खाड़ी में जल्द ही एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र बन जाएगा। डिप्रेशन इस समय मध्य भारत की तरफ बढ़ रहा है। अब छत्तीसगढ़, विदर्भ, उत्तरी तेलंगाना, और मध्य प्रदेश के कई जिलों में मूसलाधार बारिश होगी। उत्तर प्रदेश के दक्षिणी जिलों में भी भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। पूर्वी राजस्थान, पूर्वी गुजरात, के साथ-साथ अब मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी बारिश तेज हो जाएगी। दिल्ली सहित हरियाणा के कुछ जिलों में दोपहर बाद हल्की बारिश दिखाई देगी। बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल सहित उड़ीसा में अगले दो दिनों के दौरान बारिश की गतिविधियों में कमी देखने को मिलेगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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बस आधे दाम पर मिल जाएंगे कृषि यंत्र, सरकार दे रही बंपर सब्सिडी

Agricultural machinery will be available at just half the price

खेती में उपयोग आने वाले मशीनों ने खेती को अब बेहद आसान बना दिया है। हालाँकि ये खेती के मशीन बहुत मंहगे होते हैं जिन्हे सामान्य किसान खरीद नहीं पाते। इसी वजह से सरकार कई प्रकार की योजनाएं चलाती हैं जिससे किसान सब्सिडी के माध्यम से इन मशीनों को खरीदने में सक्षम बन पाते हैं। राजस्थान सरकार ने अपने राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर किसानों के लिए कृषि मशीनों की खरीदी पर 50% तक की जबरदस्त सब्सिडी का प्रावधान किया है।

यह सब्सिडी सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन योजना के तहत राजस्थान सरकार उपलब्ध करवा रही है। बता दें की राज्य सरकार की इस पहल के फलस्वरूप करीब 66 हजार किसानों को 200 करोड़ रुपये तक के कृषि मशीन उपलब्ध करवाए जाएंगे। इस योजना में रोटावेटर, थ्रेसर, कल्टीवेटर, बंड फार्मर, रीपर, सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, डिस्क हेरो, प्लॉउ जैसे कई यंत्रों पर सब्सिडी दी जायेगी। यहाँ यह ध्यान रखने की 50% की सब्सिडी का लाभ राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु, सीमान्त एवं महिला किसानों को मिलेगी। सामान्य वर्ग के अंतर्गत आने वाले किसान इस योजना के तहत करीब 40% तक की सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं। योजना की अधिक जानकारी के लिए आप आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं और ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

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लहसुन के भाव में तेजी जारी, 29000 रुपये तक पहुंचे उच्च भाव

garlic mandi rate,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर आगर लहसुन 6400 26700
उज्जैन बड़नगर औसत 3050 3050
धार बदनावर औसत 15250 19000
धार बदनावर लहसुन 10100 18000
राजगढ़ ब्यावरा लहसुन 10000 15000
इंदौर गौतमपुरा लहसुन 10500 21000
इंदौर इंदौर औसत 10100 17100
इंदौर इंदौर लहसुन 1800 29000
रतलाम जावरा औसत 17600 17600
रतलाम जावरा लहसुन 12000 22000
शाजापुर कालापीपल लहसुन 12000 14000
मन्दसौर मन्दसौर लहसुन 19900 19900
सीहोर सीहोर लहसुन 13900 26011
शाजापुर शाजापुर लहसुन 10500 22800
शाजापुर शुजालपुर देसी 10801 25275
शाजापुर सोयतकलां लहसुन 21000 21000

स्रोत: एगमार्कनेट

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एक ट्रायकोडर्मा के उपयोग से आपकी खेती में मिलेंगे कई लाभ

Trichoderma's importance in agriculture
  • मिट्टी में प्राकृतिक रूप से कई प्रकार के कवक पाए जाते हैं जिनमें से कुछ हानिकारक तो कुछ लाभकारी होते हैं और इन्ही लाभकारी कवकों में से एक ट्रायकोडर्मा भी होता है।

  • यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण एवं कृषि की दृष्टि से एक उपयोगी जैव कवकनाशी है।

  • ट्रायकोडर्मा विभिन्न प्रकार के मिट्टी जनित रोगों जैसे फ्यूजेरियम, पिथियम, फाइटोफ्थोरा, राइजोक्टोनिया, स्क्लैरोशियम आदि से बचाव करता है।

  • फ़सलों को प्रभावित करने वाले रोग जैसे आर्द्र गलन, जड़ गलन, उकठा, तना गलन, फल सड़न, तना झुलसा आदि की रोकथाम में भी ट्रायकोडर्मा सहायक होता है।

  • यह रोग उत्पन्न करने वाले कारकों को रोकता है एवं फसल के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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बंगाल की खाड़ी में बना डिप्रेशन, कई राज्यों में होगी बारिश

know the weather forecast,

बंगाल की खाड़ी में बना डिप्रेशन उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा। अगले 24 घंटे में दक्षिणी उड़ीसा, उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश में भारी बारिश होगी। 10 सितंबर को दक्षिणी उत्तर प्रदेश और उत्तर पूर्वी मध्य प्रदेश में मूसलाधार बारिश हो सकती है। एक समुद्री तूफान इस समय वियतनाम के ऊपर भारी बारिश दे रहा है इसके अवशेष 12 सितंबर तक उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव के रूप में पहुंच सकते हैं।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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टोमॅटो पिकामध्ये सेप्टोरिया पानांवरील डागांची समस्या आणि नियंत्रण

Problem and control of Septoria leaf spot in tomato crop

प्रिय शेतकरी बांधवांनो, सेप्टोरिया  पानांवरील डाग या रोगाचा विकास 25 डिग्री सेल्सिअस तापमानात अधिक होतो. हा रोग पिकाच्या विकासाच्या कोणत्याही टप्प्यावर येऊ शकतो, परंतु झाडाला फळे येत असताना लक्षणे प्रथम जुन्या पानांवर आणि देठांवर दिसतात. अशावेळी फळांच्या देठावर, देठावर आणि फुलांवरही संसर्ग दिसून येतो. त्यामुळे पानांवर लहान गोल जलचर ठिपके तयार होतात ज्याच्या कडा या गडद तपकिरी रंगाच्या होतात.

निवारण करण्यासाठी उपाय –

👉🏻 जैविक नियंत्रणासाठी, मोनास-कर्ब 500 ग्रॅम + कॉम्बैट 500 ग्रॅम +  सिलिकोमैक्स 50 मिली प्रति एकर या दराने 150 ते 200 लिटर पाण्यात मिसळून फवारणी करावी.

 👉🏻 रासायनिक नियंत्रणासाठी, मेरिवॉन 80-100 मिली +  सिलिकोमैक्स 50 मिली प्रति एकर या दराने 150 ते 200 लिटर पाण्यात मिसळून फवारणी करावी.

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मिर्च की फसल पर होगा रस चूसक कीटों का हमला, कर लें तैयारी

Chilli crop will be attacked by sucking insects

मिर्ची की फसल में रस चूसने वाले कीट जैसे एफिड, जैसिड और थ्रिप्स का प्रकोप बहुत ज्यादा देखने को मिलता है। यह कीट मिर्च की फसल में पौधों के हरे हिस्से से रस चूस कर नुकसान पहुँचाते हैं, जिससे पत्तियां मुड़ जाती हैं और जल्दी गिर जाती हैं। रस चूसक कीटों के संक्रमण से फंगस और वायरस द्वारा फैलने वाली बीमारियों की संभावना बढ़ सकती हैं। अतः इन कीटों का समय पर नियंत्रण करना आवश्यक हैं।

नियंत्रण के उपाय

  • प्रोफेनोवा (प्रोफेनोफोस 50% EC) @ 400 मिली/एकड़ या

  • असताफ (एसीफेट 75% SP @ 250) ग्राम/एकड़ या

  • लैमनोवा (लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 4.9% CS) @ 200-250 मिली/एकड़ या

  • फिपनोवा (फिप्रोनिल 5% SC) @ 300-350 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव, देखें मध्य प्रदेश के मंडियों का हाल

soybean mandi Bhaw,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
रतलाम आलोट सोयाबीन 4533 4639
शाजापुर आगर सोयाबीन 2925 4754
शाजापुर आगर सोयाबीन-जैविक 4572 4572
बड़वानी अंजड़ सोयाबीन 4315 4390
गुना एरन सोयाबीन 4225 4550
अशोकनगर अशोकनगर सोयाबीन 2335 4651
अशोकनगर अशोकनगर सोयाबीन-जैविक 4436 4451
सीहोर आष्टा सोयाबीन 3500 4718
शिवपुरी बदरवास सोयाबीन 4365 4400
उज्जैन बड़नगर पीला 4016 4731
धार बदनावर पीला 2300 4800
सागर बामोरा पीला 4274 4274
रायसेन बेगमगंज सोयाबीन 4050 4535
भोपाल बैरसिया पीला 3200 4670
बेतुल बेतुल सोयाबीन-जैविक 4276 4552
खरगोन भीकनगांव सोयाबीन 3810 4571
भोपाल भोपाल सोयाबीन 4235 4500
राजगढ़ ब्यावरा सोयाबीन 4195 4625
गुना बीनागंज सोयाबीन 4540 4540
छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा पीला 4251 4401
मन्दसौर दलौदा सोयाबीन 3001 4851
दमोह दमोह सोयाबीन 4190 4550
सागर देवरी सोयाबीन 4250 4310
देवास देवास सोयाबीन 1500 4686
धार धामनोद सोयाबीन 4005 4740
धार धामनोद पीला 3851 4515
धार धार अन्य 4300 4660
धार धार सोयाबीन 3500 4736
धार धार पीला 4240 4311
नरसिंहपुर गाडरवाड़ा सोयाबीन 4370 4525
विदिशा गंज बासौदा सोयाबीन 3720 4570
विदिशा गंज बासौदा सोयाबीन-जैविक 3800 4500
सागर गढ़ाकोटा सोयाबीन 4300 4515
इंदौर गौतमपुरा सोयाबीन 4200 4300
डिंडोरी गोरखपुर पीला 4300 4300
देवास हाटपिपलिया सोयाबीन 2450 4566
हरदा हरदा सोयाबीन-जैविक 4546 4546
हरदा हरदा पीला 2401 4571
खंडवा हरसूद सोयाबीन 3100 4471
खंडवा हरसूद पीला 3750 4501
दमोह हटा सोयाबीन 3400 3520
सीहोर इछावर सोयाबीन 3740 4641
इंदौर इंदौर सोयाबीन 755 4670
इंदौर इंदौर सोयाबीन-जैविक 1200 4675
इंदौर इंदौर पीला 4280 4670
रतलाम जावरा सोयाबीन 4200 4753
सीहोर जावर पीला 3736 4688
राजगढ़ जीरापुर सोयाबीन 4150 4635
राजगढ़ जीरापुर पीला 4095 4625
आलीराजपुर जोबट सोयाबीन 4325 4350
शाजापुर कालापीपल पीला 3261 4596
देवास कन्नोड सोयाबीन 4460 4550
नरसिंहपुर करेली पीला 4250 4400
उज्जैन खाचरौद सोयाबीन 4000 4690
खंडवा खंडवा सोयाबीन 3820 3820
खंडवा खंडवा पीला 3101 4550
खरगोन खरगोन सोयाबीन 4100 4456
देवास खातेगांव सोयाबीन 3712 4555
देवास खातेगांव सोयाबीन-जैविक 3830 4582
हरदा खिरकिया पीला 3420 4533
सागर खुरई सोयाबीन 3990 4525
शिवपुरी कोलारस सोयाबीन 4005 4565
धार कुक्षी सोयाबीन 4300 4300
विदिशा कुरवाई सोयाबीन 4250 4315
विदिशा लटेरी सोयाबीन 2381 2450
विदिशा लटेरी पीला 4000 4005
उज्जैन महिदपुर सोयाबीन 4386 4683
नीमच मनसा सोयाबीन 3700 4759
धार मनावर सोयाबीन 4350 4350
मन्दसौर मन्दसौर सोयाबीन 400 4870
इंदौर महू सोयाबीन 2765 4709
बेतुल मुल्ताई पीला 4200 4200
अशोकनगर मुंगावली सोयाबीन 4525 4630
उज्जैन नागदा सोयाबीन 4066 4632
उज्जैन नागदा पीला 3900 3900
शाजापुर नलकेहड़ा सोयाबीन 3980 4600
शाजापुर नलकेहड़ा पीला 4350 4590
राजगढ़ नरसिंहगढ़ सोयाबीन 2125 4675
नीमच नीमच सोयाबीन 1901 4765
नीमच नीमच सोयाबीन-जैविक 2800 4750
राजगढ़ पचौर सोयाबीन 3325 4635
खंडवा पंधाना पीला 4431 4431
दमोह पथरिया सोयाबीन 3800 4510
होशंगाबाद पिपरिया सोयाबीन 4000 4000
शिवपुरी पोहरी सोयाबीन 3245 4640
शिवपुरी पोहरी पीला 4160 4160
धार राजगढ़ पीला 3017 4607
रतलाम रतलाम अन्य 4364 4671
रतलाम रतलाम सोयाबीन 4255 4771
सागर सागर सोयाबीन-जैविक 3505 4530
सागर सागर पीला 3520 4535
इंदौर सांवेर सोयाबीन 4371 4644
राजगढ़ सारंगपुर सोयाबीन 3829 4636
राजगढ़ सारंगपुर पीला 4430 4555
सीहोर सीहोर सोयाबीन 4400 4400
सीहोर सीहोर पीला 2200 4690
सागर शाहगढ़ सोयाबीन 4140 4200
शाजापुर शाजापुर सोयाबीन 3450 4676
शाजापुर शाजापुर पीला 3500 4612
मन्दसौर शामगढ़ सोयाबीन 1401 4537
शाजापुर शुजालपुर सोयाबीन 3878 4600
हरदा सिराली सोयाबीन 4450 4450
विदिशा सिरोंज सोयाबीन 3975 4600
मन्दसौर सीतामऊ सोयाबीन 3653 4561
देवास सोनकच पीला 3200 4689
शाजापुर सुसनेर सोयाबीन 4410 4460
रतलाम ताल सोयाबीन 2500 4750
रतलाम ताल पीला 4271 4647
उज्जैन तराना सोयाबीन 4100 4537
उज्जैन तराना पीला 4180 4705
टीकमगढ़ टीकमगढ़ सोयाबीन 3700 4400
हरदा टिमरनी सोयाबीन 3201 4551
उज्जैन उज्जैन सोयाबीन 3875 4700
विदिशा विदिशा सोयाबीन 3400 4651

स्रोत: एगमार्कनेट

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मिर्च में बढ़ रहा कॉलर सड़न रोग, लक्षणों को पहचान कर करें उपचार

Collar rot disease increasing in chilli crop

इस रोग का प्रकोप होने पर फंगस सबसे पहले तना एवं जड़ के बीच कॉलर को ग्रसित करता है, जिस कारण मिट्टी के आस पास कॉलर पर सफेद एवं काले फफूंद दिखने लगते हैं। इसके अलावा तने के उत्तक हल्के भूरे और नरम हो जाता है और धीरे-धीरे मुरझाने लगता है। प्रकोप की अनुकूल परिस्थिति में यह रोग अन्य भाग को भी प्रभावित कर सकता है। अंत में रोग के कारण पौधे मुरझाकर मर जाते हैं।

रोकथाम हेतु इन उपायों को अपनाएं

  • रोगग्रस्त पौधे के अवशेषों को नष्ट करें।

  • जल निकास की व्यवस्था करें व फसल चक्र अपनाएं।

  • नर्सरी का निर्माण ऊँची जगह पर करें।

  • बीजों का उपचार करमानोवा (कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोजेब 64%) @ 3 ग्राम/किलो बीज की दर से करें।

  • बाविस्टिन (कार्बेन्डाजिम 50%) 300 ग्राम या नोवैक्सिल (मेटालेक्ज़िल 8% + मैनकोजेब 64%) @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से घोल बनाकर 10 दिन के अंतराल पर दो बार ड्रेंचिंग करें।

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