-
गेल्या वर्षांपासून फक्त संतुलित खताखाली नत्रजन, फास्फोरस आणि पोटॅशच्या उपयोगावर भर दिला जात होता. सल्फरच्या वापरावर विशेष लक्ष न दिल्यामुळे माती परीक्षणादरम्यान जमिनीमध्ये सल्फरची कमतरता आढळून आली. आज वापरत येत असणारी सल्फर मुक्त खते जसे की, युरिया, डीएपी, एनपीके आणि म्यूरेट आफ पोटॅशच्या वापरामुळे सल्फरची कमतरता सतत वाढत आहे. हा परिणाम लक्षात घेऊन शेतात सल्फर टाकणे अत्यंत आवश्यक आहे.
-
रोपांच्या योग्य वाढीसाठी आणि विकासासाठी 18 आवश्यक घटकांपैकी सल्फर हा एक महत्त्वाचा घटक आहे. हे तेलबिया पिकांमध्ये तेलाचे प्रमाण वाढविण्यासाठी अत्यंत आवश्यक आहे. सल्फर हे दुय्यम पोषक तत्व आहे जे वनस्पतींना मोठ्या प्रमाणात आवश्यक असते.
-
सोयाबीनच्या उच्च उत्पन्नासाठी योग्य पोषण व्यवस्थापन खूप महत्वाचे आहे. सोयाबीन पिकामध्ये सल्फरची मागणी बियाणे भरण्याच्या दरम्यान सर्वाधिक असते. कारण सोयाबीनच्या बियांमध्ये प्रोटीनचे प्रमाण खूप जास्त असते. त्यामुळे बियाणे तयार करताना सोयाबीनमध्ये योग्य प्रोटीन तयार होण्यासाठी सल्फर आणि नायट्रोजन पोषणाचे संतुलन अत्यंत महत्त्वाचे आहे.
-
सोयाबीनच्या पिकामध्ये सल्फरचा पुरवठा करण्यासाठी मुख्यतः- बेंटोनाइट सल्फर आणि पारंपरिक सल्फर असलेली खते वापरली जातात, सोयाबीनसारखी कमी कालावधीतील पिके सल्फरच्या जलद आणि सतत पुरवठ्यासाठी, ग्रोमर सल्फर 90% जीआर किंवा ग्रोमर सल्फा मैक्स 90% जीआर 5 किलो प्रती एकर या दराने वापर करू शकता.
देशातील विविध शहरांमध्ये फळे आणि पिकांच्या किंमती काय आहेत?
देशातील विविध शहरांमध्ये फळे आणि पिकांच्या किंमती काय आहेत? |
|||
बाजार |
फसल |
कमी किंमत (किलोग्रॅम मध्ये) |
जास्त किंमत (किलोग्रॅम मध्ये) |
रतलाम |
बटाटा |
20 |
22 |
रतलाम |
टोमॅटो |
32 |
36 |
रतलाम |
हिरवी मिरची |
25 |
30 |
रतलाम |
आले |
23 |
25 |
रतलाम |
भोपळा |
10 |
14 |
रतलाम |
आंबा |
40 |
45 |
रतलाम |
आंबा |
32 |
– |
रतलाम |
आंबा |
30 |
33 |
रतलाम |
पपई |
14 |
16 |
रतलाम |
लिंबू |
25 |
35 |
रतलाम |
वांगं |
13 |
16 |
रतलाम |
फुलकोबी |
15 |
18 |
रतलाम |
कांदा |
4 |
6 |
रतलाम |
कांदा |
8 |
11 |
रतलाम |
कांदा |
12 |
14 |
रतलाम |
कांदा |
14 |
15 |
रतलाम |
लसूण |
7 |
14 |
रतलाम |
लसूण |
15 |
21 |
रतलाम |
लसूण |
26 |
32 |
रतलाम |
लसूण |
35 |
40 |
गुवाहाटी |
कांदा |
11 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
13 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
15 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
16 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
11 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
13 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
15 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
16 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
15 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
19 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
21 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
22 |
– |
गुवाहाटी |
लसूण |
22 |
27 |
गुवाहाटी |
लसूण |
28 |
35 |
गुवाहाटी |
लसूण |
35 |
40 |
गुवाहाटी |
लसूण |
40 |
42 |
गुवाहाटी |
लसूण |
23 |
26 |
गुवाहाटी |
लसूण |
27 |
35 |
गुवाहाटी |
लसूण |
35 |
40 |
गुवाहाटी |
लसूण |
40 |
42 |
जयपूर |
कांदा |
11 |
12 |
जयपूर |
कांदा |
13 |
14 |
जयपूर |
कांदा |
15 |
16 |
जयपूर |
कांदा |
4 |
5 |
जयपूर |
कांदा |
6 |
7 |
जयपूर |
कांदा |
8 |
9 |
जयपूर |
कांदा |
10 |
11 |
जयपूर |
लसूण |
12 |
15 |
जयपूर |
लसूण |
18 |
22 |
जयपूर |
लसूण |
28 |
35 |
जयपूर |
लसूण |
38 |
45 |
जयपूर |
लसूण |
10 |
12 |
जयपूर |
लसूण |
15 |
18 |
जयपूर |
लसूण |
22 |
25 |
जयपूर |
लसूण |
30 |
32 |
एफपीओच्या मदतीने या सुविधा शेतकऱ्यांना मिळणार, संपूर्ण माहिती वाचा
देशातील शेतकऱ्यांना आर्थिकदृष्ट्या सक्षम बनविण्याचे श्रेय शेतकरी उत्पादक संघटना म्हणजेच (एफपीओ) ला म्हटले जाते. एफपीओच्या माध्यमातून शेतकऱ्यांना शेतीसाठी उत्तम सुविधा आणि नवीन तंत्रज्ञान मिळते. बोलण्याचा अर्थ असा की, ही संघटना देशभरातील सर्व शेतकऱ्यांना सर्व प्रकारची मदत करते.
एफपीओ काय आहे?
ही शेतकऱ्यांच्या हितासाठी निर्माण केलेली एक उत्पादक संस्था आहे. जे की शेतकऱ्यांना शेतीसाठी खते, बियाणे, कीटकनाशके, सिंचन यांसारखी आवश्यक कृषी उपकरणे यांचा पुरवठा करते. यासाठी कृषी कंपनी स्थापन करणे आवश्यक असले तरी त्यामध्ये कमीत-कमी 11 शेतकरी बांधव असावेत. यानंतरच शेतकरी एफपीओच्या मदतीने सरकारी योजनांचा लाभ घेऊ शकतात.
एफपीओचे फायदे :
-
एफपीओशी जोडलेले शेतकरी बाजारात विक्रीच्या वेळी एक चांगल्या प्रकारे सौदेबाजी करू शकतील.
-
मोठ्या स्तरावर व्यापार केल्याने साठवणूक आणि वाहतूक या खर्चात मोठी बचत होईल.
-
कस्टम केंद्राच्या मदतीने शेतकरी बंधू अगदी सुलभतेने व्यवसाय वाढवू शकतील.
-
ग्रीन हाऊस, कृषी यंत्रसामग्री आणि शीत यंत्रांसाठी चांगली सुविधा उपलब्ध होईल.
-
याशिवाय शेतकरी संघटनांनाही 3 वर्षात 15 लाख रुपयांची आर्थिक मदत मिळेल.
कृषी संघटना स्थापन करण्यासाठी आवश्यक पात्रता :
जर, शेतकरी बांधवांना परस्पर समन्वयाने शेतकरी उत्पादन संघटना स्थापन करायची असेल तर त्यासाठी सर्व प्रथम त्यांना आपल्या संस्थेचे नाव ठेवावे लागेल. त्यानंतर कंपनी कायद्यांतर्गत तुम्हाला तुमच्या संस्थेला रजिस्टर करावे लागेल. यासाठी तुम्ही अधिकृत वेबसाइटवर ऑनलाइन अर्ज करू शकता.
स्रोत: कृषि जागरन
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149 लाख शेतकऱ्यांना पीक विम्याचा लाभ मिळाला, लवकर नोंदणी करा
खरीप हंगाम सुरू होताच पीक विमा नोंदणी करण्याची प्रक्रिया सुरू झाली आहे. केंद्र सरकारच्या या लाभदायक योजनेचा उद्देश असा आहे की, शेतकरी बांधवांना भविष्यातील जोखमीपासून संरक्षण प्रदान करणे होय, अशा परिस्थितीत राज्य सरकार आपापल्या स्तरावर शेतकऱ्यांना या योजनेशी जोडण्याचा प्रयत्न करीत आहेत. यासाठी संपूर्ण देशभरात 7 जुलैपर्यंत पीक विमा सप्ताह साजरा केला जात आहे.
या क्रमामध्ये राजस्थान सरकारने राज्यभर पीक विम्याला प्रोत्साहन देण्यास सुरुवात केली आहे. जेणेकरून जास्तीत-जास्त शेतकरी बंधूंना पीक विमा योजनेचा लाभ घेता येईल. यासाठी राज्य सरकारने 35 पीक विमा वाहनांवर प्रसिद्धीचे काम सोपवले असून, ते राज्याच्या कानाकोपऱ्यात जाऊन पीक विमा योजनेची संपूर्ण माहिती देणार आहेत. या व्हॅनच्या माध्यमातून शेतकऱ्यांसोबत अगदी सोप्या भाषेत पीक विमा पॉलिसीचा प्रचार केला जाईल.
यासोबतच किसान पाठशाळेच्या माध्यमातून ग्रामपंचायतींना या योजनेची संपूर्ण माहितीही दिली जाणार आहे. या अभियानाअंतर्गत 1 ते 31 जुलै या कालावधीत पीक पॉलिसीबाबत प्रचार करण्यात येणार आहे. या व्यतिरिक्त शेतकऱ्यांच्या फायद्यासाठी केंद्र सरकारने ‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ ही योजना सुरू करण्याचा देखील निर्णय घेतला आहे. हे सांगा की, पीक विम्याद्वारे आतापर्यंत 149 लाख पीक विमा पॉलिसीधारक शेतकऱ्यांना 15 हजार 800 कोटी रुपयांहून अधिक रक्कम वितरित करण्यात आली आहे.
स्रोत: कृषि समाधान
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मध्य प्रदेशातील निवडक मंडईंमध्ये सोयाबीनचे भाव किती आहे?
मध्य प्रदेशमधील जसे की अशोकनगर, बड़नगर, मन्दसौर, बदनावर, खातेगांव आणि खरगोन इत्यादी विविध मंडईंमध्ये सोयाबीनचे भाव काय चालले आहेत? चला संपूर्ण यादी पाहूया.
विविध मंडईमधील सोयाबीनचे ताजे बाजारभाव |
||
कृषी उत्पादन बाजार |
कमी किंमत (प्रति क्विंटल) |
जास्त किंमत (प्रति क्विंटल) |
बड़नगर |
4120 |
7140 |
बदनावर |
4000 |
6400 |
बैरसिया |
3000 |
6235 |
बैतूल |
5000 |
6181 |
भीकनगांव |
5650 |
6200 |
बुरहानपुर |
5500 |
5900 |
छिंदवाड़ा |
5945 |
6225 |
इटारसी |
5661 |
5800 |
कालापीपाल |
4850 |
6450 |
खरगोन |
5877 |
6096 |
खातेगांव |
3000 |
6750 |
कोलारास |
4100 |
6305 |
लटेरी |
4705 |
6155 |
मन्दसौर |
5500 |
6410 |
महू |
3400 |
3400 |
पचौरी |
5600 |
6600 |
पथरिया |
5510 |
6250 |
सांवेर |
5685 |
6455 |
श्योपुरकलां |
5800 |
5990 |
सिराली |
4600 |
5980 |
सुसनेर |
6020 |
6020 |
स्रोत: एगमार्कनेट
Shareमध्य प्रदेशातील निवडक मंडईंमध्ये कांद्याचा भाव किती आहे?
मध्य प्रदेशमधील जसे की बदनावर, खरगोन, हाटपीपलिया आणि हरदा इत्यादी विविध मंडईंमध्ये कांद्याचे भाव काय चालले आहेत? चला संपूर्ण यादी पाहूया.
विविध मंडईतील कांद्याचे ताजे बाजारभाव |
||
कृषी उत्पादन बाजार |
कमी किंमत (प्रति क्विंटल) |
जास्त किंमत (प्रति क्विंटल) |
अलोट |
151 |
552 |
अलीराजपुर |
1000 |
1600 |
बदनावर |
500 |
1685 |
भोपाल |
800 |
1200 |
छिंदवाड़ा |
500 |
800 |
दमोह |
700 |
800 |
देवरी |
300 |
500 |
देवास |
300 |
600 |
धामनोद |
600 |
1200 |
हाटपिपलिया |
600 |
1200 |
हरदा |
600 |
700 |
जबलपुर |
750 |
1200 |
जावद |
300 |
600 |
कालापीपाल |
150 |
1020 |
खंडवा |
400 |
700 |
खरगोन |
500 |
1500 |
लश्कर |
600 |
1000 |
मनावर |
600 |
800 |
महू |
600 |
1200 |
पिपरिया |
200 |
1100 |
राजगढ़ |
200 |
600 |
रतलाम |
300 |
1200 |
सनावद |
800 |
1000 |
सांवेर |
600 |
900 |
सेंधवा |
200 |
700 |
शाजापुर |
320 |
1050 |
शुजालपुर |
800 |
800 |
सीतमऊ |
240 |
550 |
सोयतकलांं |
100 |
900 |
थांदला |
900 |
1000 |
अलोट |
151 |
552 |
अलीराजपुर |
1000 |
1600 |
बदनावर |
500 |
1685 |
भोपाल |
800 |
1200 |
छिंदवाड़ा |
500 |
800 |
दमोह |
700 |
800 |
देवरी |
300 |
500 |
देवास |
300 |
600 |
धामनोद |
600 |
1200 |
हाटपिपलिया |
600 |
1200 |
हरदा |
600 |
700 |
जबलपुर |
750 |
1200 |
जावद |
300 |
600 |
कालापीपाल |
150 |
1020 |
खंडवा |
400 |
700 |
खरगोन |
500 |
1500 |
लश्कर |
600 |
1000 |
मनावर |
600 |
800 |
महू |
600 |
1200 |
पिपरिया |
200 |
1100 |
राजगढ़ |
200 |
600 |
रतलाम |
300 |
1200 |
सनावद |
800 |
1000 |
सांवेर |
600 |
900 |
सेंधवा |
200 |
700 |
शाजापुर |
320 |
1050 |
शुजालपुर |
800 |
800 |
सीतमऊ |
240 |
550 |
सोयतकलां |
100 |
900 |
थांदला |
900 |
1000 |
स्रोत: एगमार्कनेट
Shareमिरची पिकामध्ये शोषक किटकांची ओळख आणि नियंत्रणाचे उपाय
पांढरी माशी :
-
त्याचे शिशु आणि प्रौढ पानांच्या खालच्या पृष्ठभागावर चिकटून रस शोषतात, त्यामुळे पाने ही वरच्या दिशेने वळतात.
-
या किटकांचा प्रौढ हा हलका पिवळा असून त्याचे पंख पांढरे असतात. या किटकांमुळे लीफ कर्ल रोग आणि पिवळ्या मोज़ैक विषाणूचा प्रसार होतो.
प्रतिबंध :
याच्या प्रतिबंधासाठी, प्रूडेंस (पायरीप्रोक्सीफैन 10% + बॉयफैनथ्रिन 10% ईसी) 250 मिली + सिलिको मैक्स 50 मिली प्रती एकर दराच्या हिशोबाने फवारणी करावी.
2 दिवसांनंतर प्रिवैंटल बीव्ही 100 ग्रॅम प्रती एकर दराने फवारणी करावी.
थ्रिप्स :
-
मिरची पिकामध्ये थ्रिप्स किटकांमुळे गंभीर नुकसान होते. या किटकांचे प्रौढ आणि शिशु दोघेही झाडाला नुकसान पोहोचवतात. जेव्हा हा कीटक मिरचीच्या पानांच्या खालच्या पृष्ठभागावर चिकटतो आणि पानांचा रस शोषतो.
-
त्यामुळे मिरचीच्या पानांवर सुरकुत्या दिसू लागतात आणि ही पाने वरच्या बाजूला वळतात आणि नाव समान होते.
-
तीव्र प्रादुर्भाव झाल्यास पानांचे तुकडे तयार होतात त्यामुळे उत्पादनात घट होते. हा किडा विषाणूजन्य रोगाचा प्रसार करण्यास मदत करतो.
प्रतिबंध :
बेनेविया (सायनट्रानिलीप्रोल 10.26% ओडी) 240 मिली + सिलिको मैक्स 50 मिली प्रती एकर दराने फवारणी करावी. 2 दिवसांनंतर प्रिवैंटल बीव्ही 100 ग्रॅम प्रती एकर दराने फवारणी करावी.
कोळी :
हे अगदी लहान कीटक आहेत जे पानांच्या पृष्ठभागावरील रस शोषतात, ज्यामुळे पाने खाली वळतात. पाने खाल्ल्यानंतर पृष्ठभागावर पांढरे ते पिवळे ठिपके दिसतात. जसजसा संसर्ग वाढत जातो, पहिल्यांदा पाने ही चांदीच्या रंगासारखी दिसतात आणि नंतर ही पाने पडतात.
नियंत्रणाचे उपाय :
त्याचे नियंत्रण करण्यासाठी, ओमाइट (प्रोपरजाईट 57% ईसी) 400 मिली + सिलिको मैक्स 50 मिली प्रती एकर या दराने फवारणी करावी.
Shareदेशातील विविध शहरांमध्ये फळे आणि पिकांच्या किंमती काय आहेत?
देशातील विविध शहरांमध्ये फळे आणि पिकांच्या किंमती काय आहेत? |
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बाजार |
फसल |
कमी किंमत (किलोग्रॅम मध्ये) |
जास्त किंमत (किलोग्रॅम मध्ये) |
गुवाहाटी |
कांदा |
11 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
13 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
15 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
16 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
11 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
13 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
15 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
16 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
15 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
19 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
21 |
– |
गुवाहाटी |
कांदा |
22 |
– |
गुवाहाटी |
लसूण |
22 |
27 |
गुवाहाटी |
लसूण |
28 |
35 |
गुवाहाटी |
लसूण |
35 |
40 |
गुवाहाटी |
लसूण |
40 |
42 |
गुवाहाटी |
लसूण |
23 |
26 |
गुवाहाटी |
लसूण |
27 |
35 |
गुवाहाटी |
लसूण |
35 |
40 |
गुवाहाटी |
लसूण |
40 |
42 |
जयपूर |
कांदा |
11 |
12 |
जयपूर |
कांदा |
13 |
14 |
जयपूर |
कांदा |
15 |
16 |
जयपूर |
कांदा |
4 |
5 |
जयपूर |
कांदा |
6 |
7 |
जयपूर |
कांदा |
8 |
9 |
जयपूर |
कांदा |
10 |
11 |
जयपूर |
लसूण |
12 |
15 |
जयपूर |
लसूण |
18 |
22 |
जयपूर |
लसूण |
28 |
35 |
जयपूर |
लसूण |
38 |
45 |
जयपूर |
लसूण |
10 |
12 |
जयपूर |
लसूण |
15 |
18 |
जयपूर |
लसूण |
22 |
25 |
जयपूर |
लसूण |
30 |
32 |
रतलाम |
बटाटा |
20 |
22 |
रतलाम |
टोमॅटो |
30 |
35 |
रतलाम |
हिरवी मिरची |
25 |
30 |
रतलाम |
आले |
23 |
25 |
रतलाम |
भोपळा |
10 |
14 |
रतलाम |
आंबा |
40 |
45 |
रतलाम |
आंबा |
32 |
– |
रतलाम |
आंबा |
30 |
33 |
रतलाम |
पपई |
14 |
16 |
रतलाम |
लिंबू |
25 |
35 |
रतलाम |
फुलकोबी |
15 |
18 |
रतलाम |
कांदा |
4 |
6 |
रतलाम |
कांदा |
8 |
11 |
रतलाम |
कांदा |
12 |
14 |
रतलाम |
कांदा |
14 |
15 |
रतलाम |
लसूण |
7 |
14 |
रतलाम |
लसूण |
15 |
21 |
रतलाम |
लसूण |
26 |
32 |
रतलाम |
लसूण |
35 |
40 |
नाशिक |
कांदा |
3 |
6 |
नाशिक |
कांदा |
5 |
9 |
नाशिक |
कांदा |
7 |
11 |
नाशिक |
कांदा |
11 |
15 |
सोयाबीन बियाणे उत्पादक शेतकऱ्यांच्या प्रीमियम रक्कमेत वाढ झाली, अधिक फायदे जाणून घ्या
चांगल्या पिकासाठी बियाण्याची गुणवत्ता असणे आवश्यक आहे. मात्र, सर्व शेतकऱ्यांना गुणवत्तायुक्त प्रमाणित असलेली बियाणे उपलब्ध होत नाहीत, म्हणूनच अशा परिस्थितीत राजस्थान सरकार राज्यातील शेतकऱ्यांपर्यंत या सुविधा उपलब्ध करून देण्यासाठी अनेक प्रयत्न करत आहेत. मात्र. या प्रयत्नांच्या माध्यमातून राज्य सरकारद्वारे सोयाबीन बियाणे उत्पादन हा कार्यक्रम चालविला जात आहे. या योजनेअंतर्गत लोकांमध्ये या योजनेशी संबंधित असणारी सर्व माहिती दिली जात आहे.
राजस्थान सरकार गुणवत्तायुक्त बियाणे उत्पादनावर शेतकऱ्यांना प्रोत्साहित रक्कम देत आहे. यासोबतच शेतकऱ्यांना बियाणे उत्पादनावर देण्यात येणाऱ्या प्रीमियमच्या रकमेत 500 रुपयांनी वाढ करण्यात आली आहे. यापूर्वी 500 रुपये प्रति क्विंटल असा दर दिला जात होता, आता बियाणे उत्पादनासाठी प्रति क्विंटल 1000 रुपये दिले जाणार आहेत. म्हणजेच, सोयाबीन उत्पादकांना आता एमएसपीवर प्रति क्विंटल 1000 रुपये अतिरिक्त रक्कम मिळणार आहे.
या योजनेअंतर्गत बियाणे व्यापाराला चालना देण्यासाठी खासगी क्षेत्रातील बियाणे व्यापाऱ्यांना महामंडळाचे अधिकृत विक्रेते बनवले जात आहे. यासाठी व्यापाराच्या आधारावर स्लेब आधारित व्यापार सवलतीचे धोरण लागू करण्यात येणार आहे. या योजनेअंतर्गत जो डीलर बियाण्याची सर्वात जास्त विक्री करेल त्याला तितकीच जास्त प्रोत्साहन रक्कम दिली जाईल. राज्य सरकारच्या या धोरणांचा उद्देश शेतकऱ्यांना सुधारित आणि प्रमाणित बियाणे उपलब्ध करून देणे, जेणेकरून शेतकऱ्यांना सुधारित पीक उत्पादन मिळू शकेल.
स्रोत : कृषि समाधान
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आज मध्य प्रदेशमधील जसे की भोपाल, खरगोन, हरदा आणि धमनोद इत्यादी विविध मंडईंमध्ये आज टोमॅटोचे भाव काय चालले आहेत? चला संपूर्ण यादी पाहूया.
विविध मंडईमधील टोमॅटोचे ताजे बाजारभाव |
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कृषी उत्पादन बाजार |
कमी किंमत (प्रति क्विंटल) |
जास्त किंमत (प्रति क्विंटल) |
भोपाल |
1000 |
1800 |
धमनोद |
2500 |
4000 |
हरदा |
1800 |
2000 |
हरदा |
2000 |
2200 |
खरगोन |
500 |
2000 |
शिवपुरी |
1300 |
1300 |