अरहर की खेती पर सरकार देगी 3600 रुपए की सब्सिडी, जानें क्या है सरकार की योजना

Government will give subsidy of Rs 3600 on cultivation of tur

वर्ष 2027 तक भारत सरकार ने दलहन के उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए दालों का घरेलू उत्पादन बढे और आयात में कमी आए इस उद्देश्य की पूरी के लिए केंद्र व राज्य सरकारों की तरफ से योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन्हीं में से एक है बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही “खरीफ अरहर प्रोत्साहन कार्यक्रम 2024-25” जिसके तहत अरहर की खेती को राज्य भर में बढ़ावा दिया जा रहा है।

खरीफ अरहर प्रोत्साहन कार्यक्रम 2024-25 का कार्यान्वयन क्लस्टर के अनुसार किया जाएगा। बता दें की एक क्लस्टर 25 एकड़ जमीन का होगा। इसके कार्यक्रम के अंतर्गत बिहार के 38 जिलों के किसान लाभ ले सकते हैं। अरहर फसल प्रत्यक्षण स्कीम के माध्यम से 3,600 रुपये प्रति एकड़ सब्सिडी किसानों को जाएगी।

स्रोत: ज़ी बिजनेस

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लहसुन के भाव में तेजी जारी, 30000 रुपये तक पहुंचे उच्च भाव

garlic mandi rate

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
रतलाम आलोट लहसुन 10500 11200
शाजापुर अकोदिया औसत 3000 16301
उज्जैन बड़नगर औसत 3800 14204
उज्जैन बड़नगर देसी 7705 13700
उज्जैन बड़नगर लहसुन 1900 11750
धार बड़नावर देसी 9900 9900
भोपाल भोपाल लहसुन 8000 8000
राजगढ़ ब्यावरा लहसुन 2900 5000
मन्दसौर दलोदा लहसुन 3600 7500
सागर देवरी औसत 4350 6000
इंदौर गौतमपुरा लहसुन 6000 18200
इंदौर इंदौर औसत 11800 13800
इंदौर इंदौर लहसुन 1000 22500
रतलाम जावरा लहसुन 2201 29400
शाजापुर कालापीपल लहसुन 3000 13100
नीमच मनासा लहसुन 6500 19611
मन्दसौर मंदसौर लहसुन 1000 30000
राजगढ़ नरसिंहगढ़ लहसुन 6500 6500
नीमच नीमच लहसुन 12000 15200
नीमच नीमच औसत 3300 25450
मन्दसौर पिपल्या लहसुन 1001 20801
मन्दसौर पिपल्या लहसुन 1752 16453
रतलाम रतलाम लहसुन-ऑर्गेनिक 2000 18680
रतलाम रतलाम देसी 1900 23700
रतलाम सैलाना लहसुन 7400 17501
रतलाम सैलाना औसत 8888 16300
रतलाम सैलाना देसी 13100 13100
शाजापुर साजापुर लहसुन 5000 19000
राजगढ़ सारंगपुर लहसुन 3260 8000
राजगढ़ सारंगपुर औसत 4000 4000
सीहोर सीहोर लहसुन 3300 16897
मन्दसौर शामगढ़ लहसुन 6013 14300
शाजापुर शुजालपुर देसी 2010 23000
मन्दसौर सीतमऊ देसी 10000 18900
मन्दसौर सीतमऊ लहसुन 6400 6400
शाजापुर सोयतकलां लहसुन 11155 11155
उज्जैन उज्जैन लहसुन 2000 18510

स्रोत: एगमार्कनेट

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सोयाबीन में FIR का तिहरा बीज उपचार फसल को हर समस्या से बचाएगा

Benefits of seed treatment with fungicide, insecticide and rhizobium in soybean

सोयाबीन की फसल में बीज उपचार करने से बीज जनित तथा मिट्टी जनित बीमारियों का आसानी से नियंत्रण कर फसल के अंकुरण को भी बढ़ाया जा सकता है। बीज उपचार आमतौर पर 3 प्रकार से किया जाता है, जिसे हम ‘फकीरा’ (FIR) पद्धति कहते है। फकीरा पद्धति में हम बारी बारी से फफूंदनाशक, कीटनाशक और राइज़ोबियम से बीज उपचार करते हैं।

  • फफूंदनाशक से बीज़ उपचार करने से सोयाबीन की फसल उकठा व जड़ सड़न रोग से सुरक्षित रहती है। 

  • कीटनाशक से बीज़ उपचार करने से मिट्टी के कीटों जैसे सफ़ेद ग्रब, चींटी, दीमक आदि से सोयाबीन की फसल की रक्षा होती है। बीज का अंकुरण सही ढंग से होता है अंकुरण प्रतिशत बढ़ता है। 

  • राइज़ोबियम से बीज़ उपचार सोयाबीन की फसल की जड़ों में गाठो (नॉड्यूलेशन) को बढ़ाता है एवं अधिक नाइट्रोज़न का स्थिरीकरण करता है। 

सोयाबीन बीज उपचार की  FIR विधि :- 

  • सबसे पहले क्षेत्र के अनुसार आवश्यक बीज की मात्रा तिरपाल/प्लास्टिक शीट पर फैला दें। 

  • इसके बाद  बीज के ऊपर हल्की पानी की फुहार दें और इसके बाद, फफूंदनाशक के रूप में करमानोवा (कार्बेनडाज़िम 12% + मैनकोज़ेब 63% WP) 2.5 ग्राम/किलोग्राम बीज के हिसाब से बीज को उपचारित करें और 10 मिनट के लिए छायादार स्थान पर सुखाएं। 

  • फफूंदनाशक से उपचारित करने के बाद, कीटनाशक के रूप में थियानोवा सुपर (थियामेथोक्सम 25% WG) 5 मिली/किलोग्राम बीज के हिसाब से बीज को उपचारित करें।  

  • और अंत में, जैव वाटिका (राइजोबियम कल्चर) 5 ग्राम/किलोग्राम बीज के  हिसाब से बीज को उपचारित करने के उपरांत, बीज की बुआई खेत में करें।

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मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में भारी बारिश के आसार, दक्षिणी राज्यों में मानसून सुस्त

know the weather forecast,

अगले दो दिनों के दौरान हरियाणा, दिल्ली, उत्तर पूर्वी राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पूर्वोत्तर राज्यों सहित महाराष्ट्र और कर्नाटक के तटीय जिलों में भारी बारिश की संभावना है। गुजरात, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तरी उड़ीसा में भी अच्छी बारिश हो सकती है। राजस्थान के पश्चिमी जिलों के साथ-साथ पश्चिमी हरियाणा, पश्चिमी पंजाब, और दक्षिण भारत के अंदरूनी इलाकों में अगले दो दिनों के दौरान मानसून कमजोर बना रहेगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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सोयाबीन की बुवाई के लिए ऐसे करें खेत को तैयार की मिले बंपर पैदावार

How to prepare the field for soybean sowing

सोयाबीन की फसल के लिए खेत की तैयारी गहरी जुताई से शुरू करनी चाहिए। इसके बाद 2-3 जुताई हैरो या मिट्टी पलटने वाले हल की सहायता से करें और मिट्टी को भुरभुरी बना लें, ताकि मिट्टी की जलधारण क्षमता बढ़ जाए और बीज अंकुरण भी अच्छे से हो सकें।

मई-जून के महीनों में सूरज की रोशनी ज़मीन पर सीधे पड़ती है और उच्च तापमान बहुत ज्यादा होता है। ऐसे में खेत की गहरी जुताई करने से मिट्टी में मौजूद खरपतवार, उनके बीज, हानिकारक कीट, उनके अंडे और प्युपा समाप्त हो जाते हैं। इसके साथ साथ मिट्टी में उपस्थित फफूंद जनित रोग के जनक भी खत्म हो जाते हैं।

खेत की तैयारी के वक़्त सोयाबीन समृद्धि किट के उन्नत उत्पादों का उपयोग बेहद फायदेमंद साबित होता है। ग्रामोफोन द्वारा तैयार की गई “सोया समृद्धि किट” की कुल मात्रा 8 किलो होती है जिसे प्रति एकड़ के हिसाब से अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद में मिला कर बीजों की बुवाई से पहले खेत में एक सामान रूप से बिखेर दें। इसके बाद पाटा चलाकर खेत को समतल बना लें। इस बात का ध्यान रखें की किट का उपयोग करते समय मिट्टी में पर्याप्त नमी जरूर हो।

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कपास की फसल में सूत्रकृमि पहुंचाएगा नुकसान, जानें प्रबंधन के सही उपाय

Symptoms and Management of Root Knot in Cotton

पौधों के जड़ों पर गांठें बनना सूत्रकृमि के प्रकोप के मुख्य लक्षण हैं। इसके कारण रोग ग्रस्त पौधे की जड़ों पर छोटी-छोटी गांठें बन जाती हैं, जिसकी वजह से पौधे में पोषक तत्व व जल सुचारु रूप से नहीं पहुंच पाते। इससे पौधे का विकास रुक जाता है और पत्तियां पीली पड़ जाती हैं। फलस्वरूप पौधा सूख जाता है और पैदावार कम हो जाती है।

नियंत्रण के उपाय:

  • गर्मियों में खेत की हल्की सिंचाई के बाद 2-3 गहरी जुताई 10-12 दिन के अंतर पर करें। इससे सूत्रकृमि ऊपरी सतह पर आकर अधिक तापमान से नष्ट हो जाते हैं। 

  • इसके नियंत्रण के लिए, निमेटो फ्री प्लस (वर्टिसिलियम क्लैमाइडोस्पोरियम) 2-4 किलो/एकड़ में खेत की तैयारी व बुवाई के समय उपयोग करें।

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1 जुलाई तक भारी बारिश जारी रहने के आसार, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

दिल्ली में मानसून पहुंच गया है। दिल्ली के साथ जैसलमेर में भी मानसून ने दस्तक दे दी है। भारी बारिश के कारण दिल्ली का जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। 30 जून से 1 जुलाई के बीच पश्चिम उत्तर प्रदेश से दिल्ली, हरियाणा, उत्तरी मध्य प्रदेश, उत्तर पूर्वी राजस्थान और दक्षिणी पंजाब में भारी से अति भारी बारिश की संभावना है। मुंबई सहित महाराष्ट्र के ज्यादातर क्षेत्रों में भारी बारिश होगी। बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और उत्तर पूर्वी राज्य भी तेज बारिश देख पाएंगे।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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इस राज्य के किसानों को ट्रैक्टर पर मिल रही 50% की सब्सिडी, पढ़ें पूरी खबर

Farmers of this state are getting 50% subsidy on tractors

किसानों को ट्रैक्टर की मदद से खेती करने में बेहद आसानी हो जाती है। इसीलिए आज के वक़्त में ट्रैक्टर किसानों की सबसे बड़ी जरुरत बन गया है। सरकार भी किसानों की इस जरूरत को भलीभांति समझती है इसीलिए ट्रैक्टर की खरीदी पर किसानों को अच्छी खासी सब्सिडी उपलब्ध करवाती है। इसकी कड़ी में झारखंड सरकार भी अपने प्रदेश के किसानों को ट्रैक्टर पर अच्छी सब्सिडी दे रही है।

झारखंड में इसके लिए जो योजना चलाई जा रही है उसका नाम है मुख्यमंत्री ट्रैक्टर योजना। इसके माध्यम से राज्य के किसानों को ट्रैक्टर पर 50% तक की सब्सिडी दी जा रही है। इस योजना से किसान समूह, स्वयं सहायता समूह, पानी पंचायत, लैम्पस- पैक्स और किसान संगठनों से संबंध रखने वाके किसानों को ट्रैक्टर दी जाती है।

इस योजना का लाभ लेने की इच्छा रखने वाले किसान अपने क्षेत्र के जिला कृषि कार्यालय जा सकते हैं और इसकी समस्त जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत आवदेन के लिए किसान भूमि संरक्षण कार्यालय जा सकते हैं। यहाँ आगामी 3 जुलाई तक आवेदन की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।

स्रोत: किसान तक

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मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के उच्च भाव पहुंचे 5700 रुपए के पार

soybean mandi Bhaw,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
रतलाम अलोट सोयाबीन 3900 4550
शाजापुर आगर सोयाबीन 1301 4990
आलीराजपुर आलीराजपुर सोयाबीन 4300 4300
गुना एरन सोयाबीन 4240 4465
अशोकनगर अशोकनगर सोयाबीन 2620 4625
अशोकनगर अशोकनगर सोयाबीन-जैविक 4525 4525
सीहोर आष्टा सोयाबीन 3501 4595
सीहोर आष्टा सोयाबीन-जैविक 4452 4500
सीहोर आष्टा पीला 4290 4564
शिवपुरी बदरवास सोयाबीन 4240 4560
उज्जैन बड़नगर सोयाबीन-जैविक 3880 4508
उज्जैन बड़नगर पीला 3100 4703
धार बदनावर पीला 2300 5185
खरगोन बड़वाह सोयाबीन 4205 4205
सागर बामोरा सोयाबीन 4400 4501
होशंगाबाद बानापुरा पीला 2500 4460
सागर बाँदा सोयाबीन 4250 4325
रायसेन बेगमगंज सोयाबीन 4250 4485
शाजापुर बेरछा सोयाबीन 3800 4600
भोपाल बैरसिया सोयाबीन 4000 4495
भोपाल बैरसिया पीला 2205 4515
बेतुल बेतुल सोयाबीन 4301 4400
बेतुल बेतुल सोयाबीन-जैविक 4179 4425
खरगोन भीकनगांव सोयाबीन 3101 4517
भोपाल भोपाल काला 4071 4071
भोपाल भोपाल सोयाबीन 3800 4494
राजगढ़ ब्यावरा सोयाबीन 2690 4625
राजगढ़ ब्यावरा सोयाबीन-जैविक 4350 4350
सागर बीना सोयाबीन 3050 4441
सागर बीना पीला 4101 4373
गुना बीनागंज सोयाबीन 3200 4830
बुरहानपुर बुरहानपुर सोयाबीन 4100 4605
छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा पीला 3900 4358
मन्दसौर दलौदा सोयाबीन 3620 4721
दमोह दमोह सोयाबीन 2805 4295
सागर देवरी सोयाबीन 4100 4300
देवास देवास सोयाबीन 1190 4630
धार धामनोद सोयाबीन 4050 4050
धार धामनोद पीला 4100 4450
धार धार सोयाबीन 1200 5705
धार धार सोयाबीन-जैविक 3260 4535
धार धार पीला 3800 4525
नरसिंहपुर गाडरवाड़ा सोयाबीन 4135 4401
विदिशा गंज बासौदा सोयाबीन 2680 4650
विदिशा गंज बासौदा पीला 4460 4460
सागर गढ़ाकोटा सोयाबीन 2530 2530
नरसिंहपुर गोटेगांव पीला 4180 4241
गुना गुना सोयाबीन 3880 4625
देवास हाटपिपलिया सोयाबीन 3000 4566
हरदा हरदा काला 4271 4271
हरदा हरदा पीला 2500 4475
खंडवा हरसूद सोयाबीन 3401 4440
खंडवा हरसूद पीला 4267 4314
सीहोर इछावर सोयाबीन 3700 4511
इंदौर इंदौर सोयाबीन 2270 4590
इंदौर इंदौर सोयाबीन-जैविक 2405 4575
इंदौर इंदौर पीला 4200 4555
इंदौर इंदौर (F&V) सोयाबीन 1791 4530
अशोकनगर ईसागढ़ सोयाबीन 4370 4515
होशंगाबाद इटारसी सोयाबीन 3000 4400
रतलाम जावरा सोयाबीन 3410 4872
सीहोर जावर सोयाबीन 1500 4551
सीहोर जावर पीला 2695 4550
राजगढ़ जीरापुर सोयाबीन 3500 4570
राजगढ़ जीरापुर पीला 4145 4550
झाबुआ झाबुआ सोयाबीन 4400 4411
शाजापुर कालापीपल पीला 3080 4492
देवास कन्नोड सोयाबीन 3911 4550
नरसिंहपुर करेली सोयाबीन 4150 4360
नरसिंहपुर करेली पीला 3500 4386
उज्जैन खाचरौद सोयाबीन 4200 4699
खंडवा खंडवा सोयाबीन-जैविक 4455 4455
खंडवा खंडवा पीला 3001 4500
खरगोन खरगोन सोयाबीन 3800 4368
देवास खातेगांव सोयाबीन 2200 4515
राजगढ़ खिलचीपुर सोयाबीन 4365 4505
हरदा खिरकिया पीला 1900 4466
राजगढ़ खुजनेर सोयाबीन 4400 4485
राजगढ़ खुजनेर पीला 4065 4450
सागर खुरई सोयाबीन 1800 4426
शिवपुरी कोलारस सोयाबीन 3450 4495
धार कुक्षी पीला 4300 4400
गुना कुंभराज सोयाबीन 4285 4340
विदिशा कुरवाई सोयाबीन 4385 4400
विदिशा लटेरी पीला 3110 4300
उज्जैन महिदपुर सोयाबीन 3791 4601
गुना मकसूदनगढ़ सोयाबीन 3755 4540
नीमच मनसा सोयाबीन 2751 4711
मन्दसौर मन्दसौर सोयाबीन 3056 4678
बेतुल मुल्ताई पीला 4200 4321
उज्जैन नागदा पीला 3500 4851
शाजापुर नलकेहड़ा सोयाबीन 3701 4566
शाजापुर नलकेहड़ा पीला 3900 4562
राजगढ़ नरसिंहगढ़ सोयाबीन 2200 4515
सीहोर नसरुल्लागंज सोयाबीन 3650 4370
नीमच नीमच सोयाबीन 2330 4710
नीमच नीमच सोयाबीन-जैविक 4400 4515
राजगढ़ पचौर सोयाबीन 2260 4560
खंडवा पंधाना पीला 4160 4450
छिंदवाड़ा पंधुरना सोयाबीन 4325 4450
दमोह पथरिया सोयाबीन 2000 4420
होशंगाबाद पिपरिया सोयाबीन 3400 3400
होशंगाबाद पिपरिया सोयाबीन-जैविक 4520 4520
मन्दसौर पिपल्या सोयाबीन 3240 4627
शिवपुरी पोहरी सोयाबीन 3200 4450
सागर राहतगढ़ पीला 4000 4450
धार राजगढ़ पीला 2000 4485
रतलाम रतलाम सोयाबीन 1600 4741
सागर रहली सोयाबीन 4199 4199
सागर सागर सोयाबीन 3550 4460
सागर सागर सोयाबीन-जैविक 2655 4610
सागर सागर पीला 3965 4420
रतलाम सैलाना सोयाबीन 2950 4610
शाजापुर साजापुर सोयाबीन 2400 4565
शाजापुर साजापुर पीला 4405 4900
इंदौर सांवेर सोयाबीन 3601 4513
राजगढ़ सारंगपुर पीला 3500 4540
सीहोर सीहोर पीला 2512 4570
बड़वानी सेंधवा सोयाबीन 4201 4500
अशोकनगर शाडोरा सोयाबीन 4340 4415
सागर शाहगढ़ पीला 4300 4300
मन्दसौर शामगढ़ सोयाबीन 1200 4499
विदिशा शमसाबाद सोयाबीन 2800 4471
शाजापुर शुजालपुर सोयाबीन 1800 4530
सीहोर श्यामपुर सोयाबीन 4174 4211
सीहोर श्यामपुर पीला 4145 4240
विदिशा सिरोंज सोयाबीन 3430 4508
मन्दसौर सीतामऊ सोयाबीन 1000 4610
देवास सोनकच पीला 4351 4586
शाजापुर सुसनेर सोयाबीन 4090 4505
रतलाम ताल सोयाबीन 4045 4550
रतलाम ताल पीला 3900 4569
उज्जैन तराना सोयाबीन 4290 4500
उज्जैन तराना पीला 4055 4575
हरदा टिमरनी सोयाबीन 2501 4461
उज्जैन उज्जैन सोयाबीन 2150 4983
उज्जैन उन्हेल सोयाबीन 4300 4544
विदिशा विदिशा सोयाबीन 2000 4510

स्रोत: एगमार्कनेट

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कपास में बढ़ रहा है जड़ गलन की रोग का प्रकोप, जानें नियंत्रण के उपाय

Measures to prevent Root rot disease in cotton

जड़ गलन रोग कपास की फसल में लगने वाले कुछ घातक रोगों में से एक है। इस रोग से प्रभावित पौधे अचानक सूखने लगते हैं। इसके कारण पत्तों का रंग पीला पड़ जाता है। प्रभावित पौधों को आसानी से उखाड़ा जा सकता है। पौधों की जड़ें सड़ने लगती हैं, एवं भूरे और काले रंग की हो जाती हैं। 

रोकथाम: सबसे पहले तो रोग से प्रभावित पौधों को नष्ट कर दें। इस रोग से फसल को बचाने के लिए फसल चक्र अपनाना चाहिए, जड़ गलन रोग के प्रतिरोधी किस्मों का चयन करना चाहिए। बुवाई से पूर्व बीजोपचार करना भी इससे बचाव के लिए अति आवश्यक होता है। इसके अंतर्गत जैविक नियंत्रण के लिए, कॉम्बैट (ट्राइकोडर्मा विरडी) 8 ग्राम/किलो बीज या विटावैक्स पावर  (कार्बोक्सिन 37.5% + थिरम 37.5% WS) 3 ग्राम/किलो सीड से उपचारित करें।

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