नवीन देशी कांद्याचे बाजारभाव काय आहेत, पाहा ग्राउंड रिपोर्ट
रतलाम मंडीतील कांद्याच्या देशांतर्गत किमतीचा ग्राउंड रिपोर्ट व्हिडिओद्वारे पहा.
स्रोत: जागो किसान
Shareकई राज्यों में आंधी बारिश के आसार, भीषण गर्मी से जल्द मिलेगी राहत
इस समय तापमान बहुत अधिक बने हुए हैं परंतु 2 मई से राहत मिलने के आसार हैं। 2 मई से शुरू होकर 5 या 6 मई के बीच उत्तरी राजस्थान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल तथा उड़ीसा आदि राज्यों में प्री मानसून गतिविधियां होंगी जिससे तापमान में गिरावट हो सकती है। मध्य भारत को अभी गर्मी का प्रकोप सहना पड़ेगा परंतु दक्षिण भारत तथा पूर्वोत्तर भारत में बारिश की गतिविधियां जारी रहने से राहत मिलती रहेगी।
स्रोत: स्काइमेट वेदर
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नए श्रम कानून से कर्मचारियों को होगा फायदा, जानें क्या हैं नए नियम
जल्द ही सरकारी कर्मचारियों के लिए लेबर कोड यानि श्रम कानून के नए नियम लागू होने वाले हैं। अभी तो कर्मचारी ऑफिस में 8 से 9 घंटे काम करते हैं। वहीं केंद्र सरकार द्वारा जारी लेबर कोड नियम के लागू होने के बाद यह समय सीमा बढ़कर 12 घंटे हो सकती है।
हालांकि श्रम का समय बढ़ने से काम करने के दिन भी कम हो जाएंगे। यानि कि सरकारी कर्मचारियों को हफ्ते में सिर्फ दो दिन नहीं बल्कि तीन दिन की छुट्टी मिला करेगी। फिलहाल इस नियम को सभी राज्यों में लागू होने के लिए 3 से 4 महीने का वक्त लग सकता है।
इसके अलावा कर्मचारियों की रिटायरमेंट की राशि में भी बदलाव होगा। इस नियम को लागू करने बाद रिटायरमेंट की राशि बढ़ा दी जाएगी। इसके साथ ही ज्यादा वेतन वाले अधिकारियों की वेतन संरचना में भी इसका असर पड़ेगा। बहरहाल श्रम नियम के 1 जुलाई 2022 से लागू होने की संभावना जताई जा रही है।
स्रोत: कृषि जागरण
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देसी गाय पालने पर अब हर महीने मिलेगा 900 रूपए का अनुदान
रसायनों और उर्वरकों का इस्तेमाल रोकने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अलावा प्राकृतिक खेती के साथ ही गोपालन पर भी जोर दिया जा रहा है। सरकार के अनुसार प्राकृतिक खेती के लिए देसी गाय बेहद जरूरी है। इन दोनों की अहमियत को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने एक खास योजना की शुरूआत की है।
योजना के अनुसार प्राकृतिक खेती के लिए देसी गाय पालने पर राज्य सरकार द्वारा अनुदान दिया जाएगा। जहां देसी गाय पालने वाले किसानों को आर्थिक सहायता के तौर पर हर महीने 900 रूपए मिलेंगे। इसके अलावा पशुओं की सुरक्षा को देखते हुए राज्य सरकार ने कई सख्त फैसले भी लिए हैं। इसके अनुसार अगर सड़क पर मवेशी को आवारा पाया जाता है तो, पशु मालिक को जुर्माने के तौर पर 5 हजार रूपए भरने होंगे।
इसके साथ ही प्राकृतिक कृषि किट खरीदने के लिए किसानों को 75% की राशि सरकार खुद उपलब्ध कराएगी। कुल मिलाकर प्राकृतिक खेती और देसी गाय पालन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है, ताकि हर स्तर का किसान प्राकृतिक खेती और गोपालन के जरिए बढ़िया कमाई कर सके।
स्रोत: टीवी 9
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29 एप्रिल रोजी गव्हाच्या किमतीत मोठी वाढ झाली, पाहा अहवाल
गव्हाच्या भावात वाढ किंवा घसरण काय? व्हिडिओच्या माध्यमातून पहा वेगवेगळ्या मंडईत काय चालले आहे गव्हाचे भाव!
स्रोत: बाज़ार इन्फो इंडिया
Shareजाणून घ्या मध्य प्रदेशातील इंदौर मंडीमध्ये आज लसणाची किंमत काय होती?
व्हिडिओच्या माध्यमातून पहा, मध्य प्रदेशातील इंदौर मंडीमध्ये आज लसणाच्या किंमती काय आहेत?
व्हिडिओ स्रोत: मार्केट टाइम्स टीवी
Share29 अप्रैल रोजी इंदौर मंडीत कांद्याचा भाव किती होता?
व्हिडिओद्वारे जाणून घ्या आज इंदौरच्या मंडईत म्हणजेच 29 अप्रैल रोजी कांद्याची बाजारभाव काय होती?
व्हिडिओ स्रोत: मंदसौर मंडी भाव
Shareखरबूजमध्ये एन्थ्रेक्नोज रोगाची ओळख आणि त्यावरील नियंत्रणाचे उपाय
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शेतकरी बंधूंनो, एन्थ्रेक्नोज रोगाची लागण झालेल्या झाडांच्या पानांवर लहान, अनियमित पिवळे किंवा तपकिरी ठिपके प्रथम दिसतात.
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हे डाग कालांतराने पसरतात आणि संपूर्ण पाने गडद होऊन वेढून घेतात.
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फळांवरील हे डागही लहान गडद काळ्या रंगाचे असतात जे हळूहळू पसरतात.
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दमट हवामानात या डागांच्या मध्यभागी गुलाबी बीजाणू तयार होतात.
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हा रोग टाळण्यासाठी, कार्बोक्सिन 37.5 + थायरम 37.5 [विटावैक्स पावर] 2.5 ग्रॅम/किलोग्रॅम बियाणे वापरून प्रक्रिया करा.
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10 दिवसांच्या अंतराने मैंकोजेब 75% डब्ल्यू पी [एम 45 ] 500 ग्रॅम कासुगामाइसिन 5% + कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 45% डब्ल्यूपी [कोनिका] 250 ग्रॅम प्रति एकर या दराने 200 लिटर पाण्यात द्रावण तयार करून फवारणी करावी.
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जैविक उपचारांसाठी ट्रायकोडर्मा विरिडी [राइजोकेयर] 500 ग्रॅम/एकर आणि स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस [मोनास कर्ब] 250 ग्रॅम/एकर या दराने फवारणी करू शकता.
मूग पिकामध्ये पर्ण सुरंगक किडीचे नियंत्रन
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शेतकरी बंधूंनो, लीफ माइनर किटकांचे अर्भक किडे अतिशय लहान, पाय नसलेले, पिवळ्या रंगाचे असतात आणि प्रौढ कीटक हलक्या पिवळ्या रंगाचे असतात.
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लीफ मायनर कीटकांच्या नुकसानीची लक्षणे प्रथम पानांवर दिसतात.
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या किडीची अळी पानांच्या आत प्रवेश करते ते हिरवे पदार्थ खाऊन बोगदे बनवतात, त्यामुळे पानांवर पांढऱ्या रेषा दिसतात.
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प्रभावित झाडावर कमी शेंगा लागतात त्यामुळे पाने अकाली होऊन गळतात.
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झाडांची वाढ थांबते आणि झाडे लहान राहतात. या किडीच्या हल्ल्यामुळे वनस्पतींच्या प्रकाश संश्लेषणावरही परिणाम होतो.
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या किटकांच्या नियंत्रणासाठी, एबामेक्टिन 1.9 % ईसी [अबासीन] 150 मिली स्पिनोसेड 45% एससी [ट्रेसर] 60 मिली सायनट्रानिलीप्रोल 10.26% ओडी [बेनेविया] 250 मिली प्रति एकर दराने फवारणी करावी.
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जैविक नियंत्रण म्हणून, बवेरिया बेसियाना [बवे कर्ब] 500 ग्रॅम/एकर या दराने फवारणी करावी.
